गोरखपुरः जनता का पैसा लेकर भागे और डूबे हुए बैंक, अब बहुत दिनों तक प्रशासन की कार्रवाई से बच नहीं सकेंगे. उन्हें खाताधारकों का पैसा वापस करना ही पड़ेगा. शासन ने इसकी पहल कर दी है. सहारा इंडिया बैंक के अलावा अन्य ऐसे बैंक जिनमें जनता का पैसा डूब गया या जो बैंक खाताधारकों का पैसा लेकर फरार हैं, उनके खिलाफ खाताधारकों से तहसील में एक फार्म भराकर जमा कराया जा रहा है. ताकि, बैंकों से वसूली की कार्रवाई की जा सके और खाताधारकों को उनके मेहनत की पूंजी की वापसी कराई जा सके.
बता दें कि सोमवार को अपने डूब हुए पैसों के पाने की उम्मीद सदर तहसील में लोग अपना-अपना फॉर्म जमा कराने पहुंचे. तहसील में बड़ी संख्या में खाताधारकों की भीड़ देखने को मिली. सरकार पीड़ित खाताधारकों को भगोड़े बैंकों से बड्स एक्ट 2019 के अंतर्गत पैसा दिलाने जा रही है. प्रदेश सरकार ने समस्त जिलाधिकारी को निर्देश जारी कर तहसीलों में फॉर्म जमा करने का आदेश दिया है.
सहारा बैंक को छोड़कर जीसीए मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, केबीसीएल इंडिया, फवना फीयरलेस सहित अन्य बैंकों में भी पैसा जमा करने वाले खाताधारक उम्मीद छोड़ चुके लाभार्थियों को उनके डूबे पैसे वापस करने जा रही है. विभिन्न भगोड़े बैंकों में जमा किए हुए रुपए मैच्योरिटी के साथ संबंधित अपने तहसीलों के नाजिर के कार्यालय में पहुंचकर अपना-अपना फॉर्म जमा कर रहे हैं, जिससे डूबे हुए पैसों को सरकार खाताधारकों के खातों में भेजने के लिए विचार कर सके. शासने के अनुसार यह तभी संभव होगा, जब भगोड़े बैंकों व कंपनियां का डिटेल खाताधारक अपने संबंधित तहसीलों में, संबंधित कर्मचारी नाजिर के पास जमा करेंगे. बता दें कि तहसील में खाताधारक अपने डूबे हुए पैसे वापस पाने के लिए अगस्त 2023 तक फार्म जमा कर सकेंगे.
गौरतलब है कि शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी कृष्ण करुणेश ने एडीएम वित्त विनीत कुमार सिंह को निर्देशित किया है कि जिले के समस्त उप जिला अधिकारी को इसके अनुपालन में वह जोड़ कर अभियान को सफल बनाएं. इस फार्म के तहत सहारा बैंक को छोड़ कर पल्स, साईं समृद्धि, कैमुना, जीसीए मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, केबीसीएल इंडिया, फवना पीयरलेस, समेत अन्य कई बैंकों में जमा पैसे को वापस पाने के लिए दावेदार फार्म भर कर जमा कर रहे हैं.
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