गोरखपुर: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आगामी 26 दिसंबर को अपनी 26 सूत्रीय मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ में विशाल धरना प्रदर्शन करेगा. इस बात की घोषणा परिषद के प्रदेश अध्यक्ष जेएन तिवारी ने की. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार कर्मचारियों के हितों की लगातार उपेक्षा कर रही है, फिर चाहे वह नियमित कर्मचारी हों या फिर संविदा और आउटसोर्सिंग के कर्मचारी हों.
जेएन तिवारी ने कहा कि सरकार बेवजह कर्मचारियों को दंडित कर रही है और उन्हें नौकरी से निकाल रही है. उनके भत्ते पर रोक लगा रही है, जबकि कर्मचारी अपने कर्तव्यों के पालन में लगातार डटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार 'एस्मा' लगाकर सभी प्रकार के धरना-प्रदर्शन पर रोक लगाना चाहती है. सरकार की यही मंशा है लेकिन कर्मचारी भी अपने हितों की लड़ाई के लिए किसी भी हद तक जाकर लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि वे लोग एस्मा से नहीं डरेंगे.
26 दिसम्बर को राजधानी में परिषद का प्रदर्शन
जेएन तिवारी ने कहा कि उनकी मांगों में संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण, आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियमावली, वेतन विसंगतियों का निस्तारण, नगर प्रतिकर भत्ता सहित समाप्त किए गए सभी भत्तों को तत्काल बहाल किए जाने की मांग शामिल है. साथ ही फ्रीज महंगाई भत्ते को मुक्त किया जाना, कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरा जाना और पदोन्नति की प्रक्रिया में तेजी लाया जाना भी उनकी मांगों में शामिल है.
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर 300 दिनों का अवकाश, नकदीकरण दिया जाना और उनको चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध कराना उनकी मांगों में शामिल है. 20 अगस्त 2020 से लगातार कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए परिषद अपनी मांगों को सरकार के मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव कार्मिक को विभिन्न माध्यमों से पहुंचा रहा है लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
कर्मचारियों तक अपनी बात पहुंचाने में जुटा परिषद
जेएन तिवारी ने कहा कि परिषद अपने कर्मचारियों में जन जागरण फैलाने के लिए मंडलीय स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. प्रेस वार्ताओं के माध्यम से अपनी आवाज समाज और कर्मचारियों के बीच पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए 26 दिसंबर को धरना दिया जाएगा. फिर भी सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तो आगे की रणनीति तय की जाएगी. प्रदेश के विभिन्न मंडल मुख्यालयों पर अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ जेएन तिवारी कर्मचारियों के हित के लिए एकजुट करने के अभियान पर निकले हैं. इस दौरान वह प्रेस के प्रतिनिधियों तक भी अपनी बात पहुंचा रहे हैं.