गोरखपुर: जिले में सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. शिकायत मिलने पर बुधवार को एसपी ट्रैफिक आरटीओ प्रदूषण विभाग के कार्यालय पहुंचे और मामले की जानकारी ली. उन्होंने लोगों से अपील की कि जो शुल्क निर्धारित है, सिर्फ वही दें.
क्या है पूरा मामला
- प्रदूषण कार्यालय विभाग में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिली.
- मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधानों में जुर्माना राशि ज्यादा होने की वजह से लोग इस कमी को दूर करने की कवायद में लग गए हैं.
- प्रदूषण कार्यालय विभाग लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठा रहा है.
- प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने के लिए 30 रुपये पेट्रोल गाड़ी और 40 रुपये डीजल गाड़ी का शुल्क निर्धारित है, लेकिन 80 से 120 रुपये वसूले जा रहे हैं.
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पिछले कई दिनों से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. आज जांच करने आया हूं और लोगों से जानकारी ली. सर्वर डाउन होने से जांच पूरी नहीं हो पाई है. वही आम लोगों से अपील करते हैं कि जो शुल्क रसीद पर लिखा हुआ है, सिर्फ उसी फीस को दें. अधिक रुपया अगर कोई मांगता है तो उसकी शिकायत उनसे करें.
आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक, गोरखपुर