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गोरखपुर: प्रदूषण प्रमाण पत्र के नाम पर धन उगाही की शिकायत, जांच करने पहुंचे एसपी ट्रैफिक

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर अवैध रूप से धन वसूला जा रहा है. इसकी शिकायत एसपी ट्रैफिक से लगातार की जा रही थी. मंगलवार को एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा प्रदूषण विभाग कार्यालय पहुंचे और मामले की जांच की.

प्रदूषण प्रमाण पत्र के नाम पर धन उगाही की शिकायत.
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Published : Sep 11, 2019, 8:41 PM IST

गोरखपुर: जिले में सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. शिकायत मिलने पर बुधवार को एसपी ट्रैफिक आरटीओ प्रदूषण विभाग के कार्यालय पहुंचे और मामले की जानकारी ली. उन्होंने लोगों से अपील की कि जो शुल्क निर्धारित है, सिर्फ वही दें.

जानकारी देते एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा.

क्या है पूरा मामला

  • प्रदूषण कार्यालय विभाग में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिली.
  • मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधानों में जुर्माना राशि ज्यादा होने की वजह से लोग इस कमी को दूर करने की कवायद में लग गए हैं.
  • प्रदूषण कार्यालय विभाग लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठा रहा है.
  • प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने के लिए 30 रुपये पेट्रोल गाड़ी और 40 रुपये डीजल गाड़ी का शुल्क निर्धारित है, लेकिन 80 से 120 रुपये वसूले जा रहे हैं.

पढ़ें- गोरखपुर: खुले में शौच जाने को मजबूर इस गांव के ग्रामीण, प्रशासन बेखबर

पिछले कई दिनों से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. आज जांच करने आया हूं और लोगों से जानकारी ली. सर्वर डाउन होने से जांच पूरी नहीं हो पाई है. वही आम लोगों से अपील करते हैं कि जो शुल्क रसीद पर लिखा हुआ है, सिर्फ उसी फीस को दें. अधिक रुपया अगर कोई मांगता है तो उसकी शिकायत उनसे करें.
आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक, गोरखपुर

गोरखपुर: जिले में सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. शिकायत मिलने पर बुधवार को एसपी ट्रैफिक आरटीओ प्रदूषण विभाग के कार्यालय पहुंचे और मामले की जानकारी ली. उन्होंने लोगों से अपील की कि जो शुल्क निर्धारित है, सिर्फ वही दें.

जानकारी देते एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा.

क्या है पूरा मामला

  • प्रदूषण कार्यालय विभाग में प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिली.
  • मोटर व्हीकल एक्ट के नए प्रावधानों में जुर्माना राशि ज्यादा होने की वजह से लोग इस कमी को दूर करने की कवायद में लग गए हैं.
  • प्रदूषण कार्यालय विभाग लोगों की इसी मजबूरी का फायदा उठा रहा है.
  • प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने के लिए 30 रुपये पेट्रोल गाड़ी और 40 रुपये डीजल गाड़ी का शुल्क निर्धारित है, लेकिन 80 से 120 रुपये वसूले जा रहे हैं.

पढ़ें- गोरखपुर: खुले में शौच जाने को मजबूर इस गांव के ग्रामीण, प्रशासन बेखबर

पिछले कई दिनों से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी. आज जांच करने आया हूं और लोगों से जानकारी ली. सर्वर डाउन होने से जांच पूरी नहीं हो पाई है. वही आम लोगों से अपील करते हैं कि जो शुल्क रसीद पर लिखा हुआ है, सिर्फ उसी फीस को दें. अधिक रुपया अगर कोई मांगता है तो उसकी शिकायत उनसे करें.
आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक, गोरखपुर

Intro:गोरखपुर। सड़क पर नियम कानून तोड़ने वाले वाहनों की कौन कहे, आरटीओ अफसर अपने परिसर में ही हो रही वसूली पर आंख मूंदे हुए हैं। प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने के लिए 30 रुपये पेट्रोल गाड़ी और 40 रुपये डीजल गाड़ी का शुल्क निर्धारित है लेकिन वसूले जा रहे है 80 से 120 रुपये, वह भी बड़ी दादागीरी से। Body:एक तो ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं है दूसरे कोई आपत्ति करता है तो ये लोग प्रमाण देने से ही इंकार कर देते है। प्रदूषण प्रमाण पत्र पर पहले कोई ज्यादा ध्यान नहीं देता था लेकिन नए प्रावधान में इसकी जुर्माना राशि ज्यादा होने की वजह से लोग इस कमी को दूर करने की कवायद में लग गए है। लोगों की इसी मजबूरी या फिर यूं कहे नियम के पालन करने की कोशिश का फायदा दुकानदार उठा रहे हैं। पहले जहां रोजाना 25 से तीस वाहन ही प्रमाण पत्र को आते थे वह संख्या अचानक बढ़कर 300 के करीब हो गई है। नए प्रावधान में जुर्माना से बचने के लिए लोग अचानक जागरूक हुए हैं। यही वजह है कि वसूली भी बढ़ गई है। पहले दस या बीस ज्यादा लेते थे तो अब निर्धारित शुल्क का पांच गुना तक वसूल लिया जा रहा है।

इसी वसूली की शिकायत पर आज जब एसपी ट्रैफिक इन केंद्रों पर पहुंचे तो यहां पर अफरा-तफरी का माहौल छा गया। अवैध वसूली करने वाले दलाल एसपी ट्रैफिक को देखते ही यहां से फरार हो गए। Conclusion:पिछले कई दिनों से लगातार सोशल मीडिया और अखबारों के माध्यम से प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जाने के नाम पर अवैध रूप से धन उगाही की शिकायत मिल रही थी। जिसकी जांच करने आज एसपी ट्रेफिक आरटीओ के प्रदूषण विभाग के कार्यलय पर पहुचे जहां लोगो की भीड़ लगी हुआ थी इस दौरान उन्होंने खुद लोगो से जानकारी ली। सर्वर डाउन होने से जांच पूरी नहीं हो पाई है, वही आम लोगों से अपील करते हैं कि जो शुल्क कागज पर लिखा हुआ उस सिर्फ उसी फीस को दें। अधिक रुपया अगर कोई मांगता है तो उसकी शिकायत उनसे सीधे करें।

बाइट: आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक, गोरखपुर


निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738
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