गोरखपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव घोषित होते ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. समाजवादी पार्टी के घोषित उम्मीदवार आलोक गुप्ता ने मंगलवार को गोरखपुर प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर खुद को प्रताड़ित करने का आरोप जिले की पुलिस और शासन- सत्ता पर लगाया है. आलोक गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि वह चुनाव लड़ें और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल करें. इसलिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है.
आलोक गुप्ता ने कहा कि जैसे ही वह प्रत्याशी घोषित हुए हैं उसके दूसरे दिन से उन्हें यौन शोषण का आरोपी, लूट और अन्य कई मामलों में आरोपी मानते हुए पुलिस उनके घर पर दबिश दे रही है, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको चुनाव लड़ने का अधिकार है लेकिन बीजेपी की सरकार में पुलिस प्रशासन के लोग जो रवैया अपना रहे हैं कहीं से भी ठीक नहीं.
आलोक गुप्ता ने जब अपनी पीड़ा मीडिया के सामने सुनाई उस दौरान समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता भी प्रेस क्लब पहुंचे थे. जहां अध्यक्ष प्रत्याशी ने अपनी इस पीड़ा को सुनाते हुए मदद की गुहार भी की. उन्होंने कहा कि अब तक का उनका जीवन साफ सुथरा और किसी भी प्रकार के आरोपों से मुक्त है, लेकिन चुनाव लड़ते ही वह आरोपी हो गए हैं.
वहीं, अपने प्रत्याशी के बचाव को लेकर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने कहा कि अगर उनके प्रत्याशी को प्रताड़ित करना पुलिस बंद नहीं करती है तो मजबूरन समाजवादियों को इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव जीतने के लिए 35 सदस्यों की आवश्यकता है और 20 से ज्यादा समाजवादी पार्टी के निर्वाचित सदस्य हैं, जबकि निर्दलीयों की संख्या में अधिकतम समाजवादी हैं. ऐसे में सभी से संपर्क स्थापित कर सपा प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं तो उन्हें रोकने का कुचक्र रचा जा रहा है.
वहीं, भाजपा पर लगे आरोपों के संबंध में बीजेपी नेता और महानगर उपाध्यक्ष बृजेश मणि मिश्र ने कहा कि जो आरोपी हैं वह पकड़े जाएंगे. उन्हें सजा भी मिलेगी. लेकिन विरोधी दल के लोग न जाने क्यों सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए तमाम चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को उतार रहे हैं जो आरोपों से घिरे हुए हैं. जिससे उन्हें उन आरोपों का सहारा लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल जाए. लेकिन योगी सरकार पाक-साफ नियत से काम कर रही है.
वहीं, पुलिस पर लग रहे इस तरह के आरोप के संबंध में ईटीवी भारत ने एसएसपी दिनेश कुमार. पी का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने ऑन कैमरा कोई बयान देने से तो इनकार कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा कि किसी के खिलाफ भी अगर कोई तहरीर मिलेगी तो जांच तो होगी ही, चाहे वह किसी भी दल का हो. अगर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को बिना साक्ष्य और सबूत के गिरफ्तार करना होता तो प्रेस वार्ता से ही उनकी गिरफ्तारी हो जाती. तहरीर मिली है और पुलिस अपना काम कर रही है.