ETV Bharat / state

देवी दुर्गा का घोड़े पर हुआ आगमन, मानव के कंधे पर होगी विदाई - माता का आगमन

शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की आराधना का विशेष पर्व वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. इस बार नवरात्र की शुरुआत मंगलवार को हुई है. ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय के अनुसार इस बार माता का आगमन घोड़े पर हुआ है और उनकी मनुष्य के कंधे पर विदाई होगी.

मां दुर्गा
मां दुर्गा
author img

By

Published : Apr 14, 2021, 12:18 PM IST

गोरखपुर: शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की आराधना का विशेष पर्व वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के इस पहले दिन से ही भारतीय नव वर्ष का आरंभ माना जाता है. मंगलवार से शुरू होने की वजह से इस बार मां जगदंबे का आगमन घोड़े पर हुआ है. पुजारियों ने कहा कि इस बार माता रानी की विदाई मनुष्य के कंधे पर होगी, जिसका फल सुखदाई होगा और चतुर्दिक लाभ मिलेगा. 21 अप्रैल को नवरात्र का समापन होगा.

दिन पर निर्भर करता है माता का आगमन
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय की माने तो शास्त्रों में कहा गया है कि ' शशिसूर्ये गजारूढा शनिभौमें तुरंगमें, गुरौ शुक्रे च डोलायाम, बुधे नौका प्रकर्तिता', अर्थात नवरात्र के प्रथम दिन रविवार या सोमवार हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार-मंगलवार को नवरात्र शुरू होता है तो माना जाता है कि मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी. गुरुवार या शुक्रवार का दिन पड़ने से मां का आगमन पालकी से होता है. बुधवार को नवरात्र का आरंभ होने से माना जाता है कि जगदंबा नाव पर सवार होकर आएंगी.

पढ़ें: तरकुलहा मंदिर परिसर में बने स्थायी पुलिस चौकी, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

नवरात्र का हवन पूजन 21 अप्रैल तक
मां दुर्गा की विदाई अर्थात गमन रविवार और सोमवार को हो तो माना जाता है कि वह भैंसे पर सवार होकर जाएंगी. मंगल और शनिवार को होने वाली विदाई मुर्गे पर माना जाता है. इसी प्रकार बुधवार और शुक्रवार को हाथी, गुरुवार को मानव कंधे पर विदाई मानी जाती है. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस नवरात्र में महानिशा पूजन सप्तमी युक्त अष्टमी में करने का विधान है. महाअष्टमी व्रत 20 को रखा जाएगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल को 6:59 बजे शाम तक रहेगी. इसके पूर्व ही हवन कर लेना शुभ होगा. नवरात्र व्रत का समापन 22 अप्रैल को होगा.

गोरखपुर: शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की आराधना का विशेष पर्व वासंतिक नवरात्र की शुरुआत हो चुकी है. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के इस पहले दिन से ही भारतीय नव वर्ष का आरंभ माना जाता है. मंगलवार से शुरू होने की वजह से इस बार मां जगदंबे का आगमन घोड़े पर हुआ है. पुजारियों ने कहा कि इस बार माता रानी की विदाई मनुष्य के कंधे पर होगी, जिसका फल सुखदाई होगा और चतुर्दिक लाभ मिलेगा. 21 अप्रैल को नवरात्र का समापन होगा.

दिन पर निर्भर करता है माता का आगमन
ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पांडेय की माने तो शास्त्रों में कहा गया है कि ' शशिसूर्ये गजारूढा शनिभौमें तुरंगमें, गुरौ शुक्रे च डोलायाम, बुधे नौका प्रकर्तिता', अर्थात नवरात्र के प्रथम दिन रविवार या सोमवार हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं. शनिवार-मंगलवार को नवरात्र शुरू होता है तो माना जाता है कि मां घोड़े पर सवार होकर आएंगी. गुरुवार या शुक्रवार का दिन पड़ने से मां का आगमन पालकी से होता है. बुधवार को नवरात्र का आरंभ होने से माना जाता है कि जगदंबा नाव पर सवार होकर आएंगी.

पढ़ें: तरकुलहा मंदिर परिसर में बने स्थायी पुलिस चौकी, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

नवरात्र का हवन पूजन 21 अप्रैल तक
मां दुर्गा की विदाई अर्थात गमन रविवार और सोमवार को हो तो माना जाता है कि वह भैंसे पर सवार होकर जाएंगी. मंगल और शनिवार को होने वाली विदाई मुर्गे पर माना जाता है. इसी प्रकार बुधवार और शुक्रवार को हाथी, गुरुवार को मानव कंधे पर विदाई मानी जाती है. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस नवरात्र में महानिशा पूजन सप्तमी युक्त अष्टमी में करने का विधान है. महाअष्टमी व्रत 20 को रखा जाएगा. नवमी की तिथि 21 अप्रैल को 6:59 बजे शाम तक रहेगी. इसके पूर्व ही हवन कर लेना शुभ होगा. नवरात्र व्रत का समापन 22 अप्रैल को होगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.