गोरखपुरः भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और गोरखपुर से 5 बार विधायक रहे 'शिव प्रताप शुक्ला' को हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है. इस खबर के आने के बाद से ही बीजेपी कार्यकर्ताओं और शुक्ला के परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू ने रविवार को देश के 13 राज्यों के राज्यपालों की सूची जब जारी की तो उसमें शिव प्रताप शुक्ला का शामिल था.
ईटीवी भारत से टेलीफोनिक बातचीत में शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि 'पार्टी ने जब भी जो भी दायित्व ने सौंपा है, उसे वह पूरी ईमानदारी और मेहनत के साथ निभाने का कार्य किए हैं. अब जब उन्हें एक संवैधानिक दायित्व का पद दिया जा रहा है तो उनकी पूरी कोशिश होगी कि यहां पर भी वह अपने कार्यों से एक विशेष प्रकार की छवि कायम करने में सफल हों.'
शिव प्रताप शुक्ला भारतीय जनता पार्टी के उन कार्यकर्ताओं में शामिल हैं. जो इसके नींव के पत्थर माने जाते हैं. विद्यार्थी जीवन से इन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संगठन की सेवा करते हुए, विभाग संगठन मंत्री और अन्य पदों पर कार्य किया. वर्ष 1989 के विधानसभा चुनाव में यह पहली बार गोरखपुर सदर विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. बता दें कि शिव प्रताप शुक्ला संगठन की दृष्टि से भी पूर्वांचल में बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में स्थापित हैं. इन्हें राज्यपाल बनाए जाने की चर्चा पिछले वर्षों से ही चल रही थी.
शिव प्रताप शुक्ला उत्तर प्रदेश में कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और राम प्रकाश गुप्ता सरकार में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे. विधि और न्याय, ग्राम्य विकास, शिक्षा, कारागार जैसे महत्वपूर्ण विभागों के कैबिनेट मंत्री का दायित्व इन्होंने बखूबी संभाला था. हालांकि वर्ष 2002 के विधानसभा चुनाव में गोरखपुर विधानसभा सीट से इन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसकी वजह भारतीय जनता पार्टी पार्टी के भीतर कलह को बताई जाती है. इसके बाद यह करीब 14 वर्षों तक वनवास काटते रहे. उत्तर प्रदेश में सूर्य प्रताप शाही के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद शुक्ला उनकी टीम में उपाध्यक्ष रहे. 6 वर्ष पूर्व उन्हें केंद्र की मोदी सरकार में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भी बनाए गए, जिसके लिए पार्टी उन्हें यूपी से राज्यसभा भेजा था.
गौरतलब है कि शिव प्रताप ईमानदार और सरल स्वभाव के व्यक्ति माने जाते हैं. राजनीतिक जीवन में अभी तक इनका चेहरा पूरी तरह से बेदाग है. यही वजह है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू ने रविवार को देश के 13 राज्यों के राज्यपालों की सूची जब जारी की तो उसमें शिव प्रताप शुक्ला का नाम था. इससे खुद शिव प्रताप शुक्ला उनके परिवार और पार्टी के कार्यकर्ताओं में हर्ष का मौहाल है.
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