गोरखपुर: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही अपने वोट बैंक को लेकर राजनीतिक पार्टियों का सियासी ड्रामा शुरू हो गया है. इसी कड़ी में शुक्रवार को निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने खून से खत लिखकर अपने पूरे जीवन को निषादों के लिए समर्पित करने की घोषणा की. संजय निषाद ने लिखा कि 'जब तक खून का एक एक कतरा है, तब तक मेरा जीवन निषाद समुदाय की भलाई के लिए समर्पित रहेगा'.
साथ ही संजय निषाद ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'कुछ विभीषण और आस्तीन के सांप समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा हम होने नहीं देंगे. विपक्षी दल कितनी भी साजिश रच रहे हों. प्रयागराज स्थित, निषादराज गुह्य के किले में जो मस्जिद है उसे हटा लें. जिस प्रकार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में सोने-चांदी का ईंट समर्पित कर अपनी मस्जिद के लिए अलग से स्थान चुना. वैसे ही प्रयागराज के लिए भी मुसलमान भाई त्याग करें. इसके लिए वह पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी गुजारिश करेंगे कि, किले के जीर्णोद्धार के साथ मस्जिदों को किले से बाहर करने का प्रयास हो'.
संजय निषाद ने कहा कि 'उनका जीवन निषाद समाज के उत्थान के लिए ही समर्पित रहा है. चाहे संघर्ष करना पड़ा हो या फिर लाठी डंडे खाने पड़े हो या आंदोलन की राह पकड़नी हो, निषाद भाइयों के लिए हर समय तत्पर रहा हूं. खून से खत लिखने का यह उनका कोई पहला पत्र नहीं है. वह, ऐसे पत्रों के माध्यम से अपने समाज के लोगों को बार-बार अहसास कराते रहे हैं कि उनके लिए संजय समर्पित है'.
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संजय निषाद ने कहा कि 'इस पत्र के माध्यम से उन्होंने अपने समाज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति समर्पित और समर्थन देने का भी ऐलान किया. मोदी दुनिया के शक्तिशाली नेता हैं, जो आपके आरक्षण का हक और सभी मांगों को पूरा कर सकते है. पिछली जो भी सरकारें रही हैं, उन्होंने आपके हक को रौंदा है. निषाद समाज के बेटों पर लाठियां बरसाई है, गोली चलवाई गयी है. उनके आरक्षण की फाइल गायब कराई गयी है. लेकिन, मोदी सरकार में निषादराज बोट योजना, पेंशन ताल पोखरों पर पट्टे की सौगात मिली है. मोदी और अमित शाह की योजना का ही फल है कि, आज निषाद समाज का बेटा लोकसभा से लेकर विधानसभा में समाज का नेतृत्व कर आवाज बुलंद कर रहा है'.
संजय निषाद ने समाज के लोगों से आह्वान किया कि विभीषण और जयचंद से सावधान रहें. तमाम लोग ऐसे समाज में दिखाई देंगे जो बनती हुई विचारधारा और व्यवस्था को तोड़ने का प्रयास करेंगे. लेकिन, किसी के बहकावे में न आएं और निषाद पार्टी को मजबूती देने का कार्य करें.
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