गोरखपुर: शहीद का दर्जा दिलाने को लेकर झंगहा क्षेत्र में लोगों ने हंगामा कर दिया. आर्मी में शिक्षक पद पर तैनात राघोपट्टी निवासी धनंजय यादव का शव घर पहुंचते ही बवाल हो गया. आक्रोशित लोगों ने रेलवे ट्रैक को जमा कर पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ कर दी. साथ ही पुलिस पर पथराव किया. परिजनों ने मृतक की बहन को सरकारी नौकरी के साथ में 50 लाख का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं, रेलवे ट्रैक पर जाम लगने से कई ट्रेनें प्रभावित हो गईं.
मृतक धनंजय यादव साल 2014 में आर्मी में शिक्षक के पद पर चयनित हुए थे. सिक्किम में उनकी तैनाती थी. 22 मार्च की शाम धनंजय यादव की मौत हो गई. वहीं, शुक्रवार को धनंजय का शव घर पहुंचा. लेकिन इस दौरान प्रशासनिक और आर्मी के जवान मौजूद नहीं थे. इससे नाराज होकर स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया. लोगों ने पहले चौराहे पर प्रदर्शन किया. उसके बाद में रेलवे ट्रैक पर जाम लगा दिया.
मकान मालिक और नौकर ने 14 वर्षीय किशोरी से किया दुष्कर्म, बच्ची गर्भवती
हंगामे के उग्र होने की खबर मिलते ही डीएम, प्रभारी एसएसपी मौके पर पहुंचे. लेकिन आक्रोशित लोगों ने डीएम को खदेड़ कर पुलिस की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए. साथ ही लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. मौके से डीएम और पुलिसकर्मी जान बचा कर भाग निकले. बाद में पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागकर हालात पर काबू पाया. मामले में पुलिस ने उपद्रव करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है.
डीएम विजय किरण आनंद ने कहा कि सैनिक की मौत के बाद शव घर में पहुंचते ही हड़कंप मच गया. परिजनों समेत ग्रामीण शहीद का दर्जा दिलाने को लेकर हंगामा करने लगे. डीएम ने आगे बताया कि उन्होंने खुद सेना के अधिकारियों से बात की थी. डीएम को बताया गया कि सैनिक ने सुसाइड किया था. इसलिए शहीद का दर्जा नियमानुसार नहीं दिया जा सकता. लेकिन परिजन अपनी मांग पर अड़े रहे. इस दौरान कुछ अराजक तत्वों ने पथराव कर दिया.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप