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गोरखपुर में रेमेडिसिविर इंजेक्शन के लिए लगी लोगों की लंबी लाइन

गोरखपुर में रेमेडिसिविर इंजेक्शन जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के आपदा प्रबंधन भवन से केंद्र बनाकर वितरित किया जा रहा है. इस इंजेक्शन को पाने के लिए सुबह से यहां पर मरीजों के परिजन कतार में खड़े हो जा रहे हैं. इंजेक्शन पाने में लोगों को 20 से 24 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है.

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Published : Apr 30, 2021, 7:50 PM IST

गोरखपुर: जिले में रेमेडिसिविर इंजेक्शन जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के आपदा प्रबंधन भवन से वितरित किया जा रहा है. यहां सैकड़ों की संख्या में इंजेक्शन लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. इंजेक्शन पाने के लिए सुबह से यहां मरीजों के परिजन कतार में खड़े हो जा रहे हैं. हालांकि यह इंजेक्शन केवल 100 लोगों को ही मिल पा रही है.

इंजेक्शन पाने में लोगों को लग रहे हैं 20 से 22 घंटे

गुरुवार को आपदा प्रबंधन कार्यालय पर आये लोग रेमेडिसिविर इंजेक्शन के लिए जद्दोजहद करते नजर आए. कतार में खड़े लोग इस दौरान एक दूसरे से काफी करीब और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए भी दिखाई दिए. बावजूद इसके इनके हाथ मायूसी ही लगी. जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में इस तरह की भीड़ का बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने, सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन कराने को लेकर कितनी गंभीर है. इस दौरान लोगों की लापरवाही भी सामने आई हैं. इंजेक्शन पाने में लोगों को 20 से 24 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है.

इसे भी पढ़ें-सावधान! बाजार में खुलेआम घूम रहे कोरोना पॉजिटिव मरीज

ऑक्सीजन की कमी भी बड़ी समस्या, नए प्लांट से कुछ समस्या दूर होने की उम्मीद

इंजेक्शन के बाद ऑक्सीजन पाने को लेकर लोग परेशान है. अभी तक तीन प्लांट से उत्पादित ऑक्सीजन अस्पतालों की डिमांड के हिसाब से कम पड़ जा रही हैं. जिले में अब ऑक्सीजन की भी भीषण कमी दूर होगी. गीडा में नए प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा जिसमें रोज छह क्यूबिक मीटर के 1500 सिलेंडर तैयार होंगे. इसके साथ ही यहां पर 18 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे के दो और प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी आइनाक्स को पत्र लिखा गया है.

गोरखपुर: जिले में रेमेडिसिविर इंजेक्शन जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के आपदा प्रबंधन भवन से वितरित किया जा रहा है. यहां सैकड़ों की संख्या में इंजेक्शन लेने के लिए लोग पहुंच रहे हैं. इंजेक्शन पाने के लिए सुबह से यहां मरीजों के परिजन कतार में खड़े हो जा रहे हैं. हालांकि यह इंजेक्शन केवल 100 लोगों को ही मिल पा रही है.

इंजेक्शन पाने में लोगों को लग रहे हैं 20 से 22 घंटे

गुरुवार को आपदा प्रबंधन कार्यालय पर आये लोग रेमेडिसिविर इंजेक्शन के लिए जद्दोजहद करते नजर आए. कतार में खड़े लोग इस दौरान एक दूसरे से काफी करीब और सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करते हुए भी दिखाई दिए. बावजूद इसके इनके हाथ मायूसी ही लगी. जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में इस तरह की भीड़ का बढ़ना इस बात को दर्शाता है कि प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने, सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल का पालन कराने को लेकर कितनी गंभीर है. इस दौरान लोगों की लापरवाही भी सामने आई हैं. इंजेक्शन पाने में लोगों को 20 से 24 घंटे तक इंतजार करना पड़ रहा है.

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ऑक्सीजन की कमी भी बड़ी समस्या, नए प्लांट से कुछ समस्या दूर होने की उम्मीद

इंजेक्शन के बाद ऑक्सीजन पाने को लेकर लोग परेशान है. अभी तक तीन प्लांट से उत्पादित ऑक्सीजन अस्पतालों की डिमांड के हिसाब से कम पड़ जा रही हैं. जिले में अब ऑक्सीजन की भी भीषण कमी दूर होगी. गीडा में नए प्लांट में मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू होगा जिसमें रोज छह क्यूबिक मीटर के 1500 सिलेंडर तैयार होंगे. इसके साथ ही यहां पर 18 क्यूबिक मीटर प्रति घंटे के दो और प्लांट लगाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाली कंपनी आइनाक्स को पत्र लिखा गया है.

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