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बांध से सुरक्षित होगा रामगढ़ताल, सीवर का पानी जाएगा एसटीपी में

गोरखपुर में ताल के किनारे पैडलेगंज से आरकेबीके तक करीब ढाई किलोमीटर की लंबाई में बांध बनाया जाएगा. सीएम ने बांध के बनने से ताल की सुंदरता में हो रहे इजाफे को देखते हुए इसके दूसरे छोर को भी बांध से सुसज्जित करने का निर्णय लिया है.

रामगढ़ताल का होगा सुंदरीकरण
रामगढ़ताल का होगा सुंदरीकरण
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Published : Apr 8, 2021, 9:40 AM IST

गोरखपुर: शहर की पहचान, पर्यटन का बड़ा केंद्र और पूरब का मरीन ड्राइव कहा जाने वाला रामगढ़ताल अब चारों तरफ से बांध बनाकर सुरक्षित और खूबसूरत बनाया जाएगा. ताल के किनारे पैडलेगंज से आरकेबीके तक करीब ढाई किलोमीटर की लंबाई में बांध बनाया जाएगा. इसके अलावा गंदा पानी सीवर लाइन के जरिए सीधे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी कि एसटीपी तक ले जाया जाएगा. इस पर करीब 34 करोड़ 19 लाख 80 हजार रुपये खर्च होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बजट की स्वीकृति दे दी है. नौकायन से चिड़ियाघर के पीछे होते हुए मोहद्दीपुर स्थित पुल तक बन रहे बांध का निर्माण अंतिम चरण में है. 3 मीटर चौड़ा नया बांध बनने और उसके ऊपर सड़क बनाए जाने से 1700 एकड़ में फैला रामगढ़ताल सुरक्षित हो जाएगा. इसके साथ ही यह पर्यटकों के सैर सपाटे का अद्भुत केंद्र बन जाएगा.

यह भी पढ़ें: ताड़मेटला नक्सली हमले के 11 साल पूरे, अब भी दुखी है शहीद का परिवार

सीएम ने किया निरीक्षण

गोरखपुर के दौरे पर 28 मार्च को आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर 2 में सीवर लाइन के कार्य का निरीक्षण किया था. उन्होंने निर्माणाधीन एसटीपी को भी देखा था. बांध बनाए जाने से ताल की सुंदरता में हो रहे इजाफे को देखते हुए उन्होंने इसके दूसरे छोर को भी बांध से सुसज्जित करने का निर्णय ले लिया. इसके बाद उन्होंने 2 अप्रैल को इसके लिए बजट की संस्तुति प्रदान कर दी. उनके निर्देश के बाद रामगढ़ ताल में गंदा पानी नहीं गिराया जाएगा. नाले-नालियां बनाकर गंदे पानी को एसटीपी तक ले जाया जाएगा. रामगढ़ताल वर्तमान में प्रतिदिन हजारों लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है. यहां बोटिंग से लेकर कई अन्य तरह के मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हो चुके हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री इसे पर्यटन केंद्र रूप में विकसित करने में कोई कमी नहीं रहने देना चाहते.

बनेगा मनोरंजन का केंद्र

रामगढ़ताल को गंदे पानी से बचाने के लिए अमृत योजना के तहत शहर के पूर्वी छोर में सीवर लाइन बिछाई जा रही है. इसके इसी साल पूर्ण हो जाने की उम्मीद है. इस कार्य की शुरुआत अक्टूबर 2018 में हुई थी. इसे दो जोन में बांटकर तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है. करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. दिसंबर 2021 तक इसके पूर्ण होने की पूरी उम्मीद है. इसके बाद महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक और दो, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, झरना टोला, गिरधरगंज आदि क्षेत्रों से आने वाला गंदा पानी सीधे रामगढ़ ताल में नहीं गिरेगा. इस पानी को एसटीपी तक ले जाया जाएगा. प्रदेश की योगी सरकार रामगढ़ताल के सुंदरीकरण और इसे पर्यटन का हब बनाने के लिए प्रयास कर रही है. इसका असर भी दिखने लगा है. पूर्वी छोर पर बांध बनने के बाद यह ताल पर्यटकों को आकर्षित करेगा और मनोरंजन का केंद्र बन जाएगा.

गोरखपुर: शहर की पहचान, पर्यटन का बड़ा केंद्र और पूरब का मरीन ड्राइव कहा जाने वाला रामगढ़ताल अब चारों तरफ से बांध बनाकर सुरक्षित और खूबसूरत बनाया जाएगा. ताल के किनारे पैडलेगंज से आरकेबीके तक करीब ढाई किलोमीटर की लंबाई में बांध बनाया जाएगा. इसके अलावा गंदा पानी सीवर लाइन के जरिए सीधे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट यानी कि एसटीपी तक ले जाया जाएगा. इस पर करीब 34 करोड़ 19 लाख 80 हजार रुपये खर्च होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बजट की स्वीकृति दे दी है. नौकायन से चिड़ियाघर के पीछे होते हुए मोहद्दीपुर स्थित पुल तक बन रहे बांध का निर्माण अंतिम चरण में है. 3 मीटर चौड़ा नया बांध बनने और उसके ऊपर सड़क बनाए जाने से 1700 एकड़ में फैला रामगढ़ताल सुरक्षित हो जाएगा. इसके साथ ही यह पर्यटकों के सैर सपाटे का अद्भुत केंद्र बन जाएगा.

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सीएम ने किया निरीक्षण

गोरखपुर के दौरे पर 28 मार्च को आए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर 2 में सीवर लाइन के कार्य का निरीक्षण किया था. उन्होंने निर्माणाधीन एसटीपी को भी देखा था. बांध बनाए जाने से ताल की सुंदरता में हो रहे इजाफे को देखते हुए उन्होंने इसके दूसरे छोर को भी बांध से सुसज्जित करने का निर्णय ले लिया. इसके बाद उन्होंने 2 अप्रैल को इसके लिए बजट की संस्तुति प्रदान कर दी. उनके निर्देश के बाद रामगढ़ ताल में गंदा पानी नहीं गिराया जाएगा. नाले-नालियां बनाकर गंदे पानी को एसटीपी तक ले जाया जाएगा. रामगढ़ताल वर्तमान में प्रतिदिन हजारों लोगों को अपनी और आकर्षित कर रहा है. यहां बोटिंग से लेकर कई अन्य तरह के मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध हो चुके हैं. यही कारण है कि मुख्यमंत्री इसे पर्यटन केंद्र रूप में विकसित करने में कोई कमी नहीं रहने देना चाहते.

बनेगा मनोरंजन का केंद्र

रामगढ़ताल को गंदे पानी से बचाने के लिए अमृत योजना के तहत शहर के पूर्वी छोर में सीवर लाइन बिछाई जा रही है. इसके इसी साल पूर्ण हो जाने की उम्मीद है. इस कार्य की शुरुआत अक्टूबर 2018 में हुई थी. इसे दो जोन में बांटकर तेजी के साथ पूरा किया जा रहा है. करीब 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है. दिसंबर 2021 तक इसके पूर्ण होने की पूरी उम्मीद है. इसके बाद महादेव झारखंडी टुकड़ा नंबर एक और दो, इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय, झरना टोला, गिरधरगंज आदि क्षेत्रों से आने वाला गंदा पानी सीधे रामगढ़ ताल में नहीं गिरेगा. इस पानी को एसटीपी तक ले जाया जाएगा. प्रदेश की योगी सरकार रामगढ़ताल के सुंदरीकरण और इसे पर्यटन का हब बनाने के लिए प्रयास कर रही है. इसका असर भी दिखने लगा है. पूर्वी छोर पर बांध बनने के बाद यह ताल पर्यटकों को आकर्षित करेगा और मनोरंजन का केंद्र बन जाएगा.

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