गोरखपुर: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रामेश्वर चौरसिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान भोजपुरी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि भोजपुरी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान कराने वाली भाषा है. हिंदी से पहले दुनिया के तमाम देशों में भोजपुरी पहुंची थी. इसके बावजूद आज तक वह अपना सम्मानजनक स्थान नहीं पा सकी है.
उन्होंने कहा कि पूरे भारत में 8 से 10 करोड़ लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं. यही नहीं मॉरिशस, सूरीनाम, फिजी जैसे देशों में हिंदी को पहचान भोजपुरी की वजह से मिली है. यह अंतर्राष्ट्रीय भाषा की पहचान रखती है. इसके बावजूद संविधान की आठवीं अनुसूची में इसका स्थान नहीं बन पाना दुखद है.
क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले जनप्रतिनिधियों को उठानी चाहिए आवाज
उन्होंने कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधि जो भोजपुरी भाषा और क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं चाहे वह बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के हों, उन्हें मिलकर संसद में मजबूत आवाज उठानी चाहिए. एकजुट होकर प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और राष्ट्रपति से गुहार लगानी चाहिए.
रामेश्वर चौरसिया मूलतः बिहार से आते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय से लेकर अब तक वह इस भाषा को लेकर कई बार आवाज उठा चुके हैं.
एक घटनाक्रम का किया जिक्र
अभी हाल ही में सूरीनाम के उपराष्ट्रपति का भारत दौरा हुआ था. वह बहुत अच्छी भोजपुरी बोल रहे थे. इसके बोलचाल और क्षेत्र से काफी प्रभावित थे. उन्होंने कहा कि जब दुनिया के तमाम देश हमारी भाषा को सम्मान देते हैं. उनके यहां की कार्यपद्धती और संस्कृति की भाषा भोजपुरी हो तो भारत में इसको आठवीं अनुसूची में भी शामिल न करना इस भाषा का तिरस्कार ही माना जाएगा. इस भाषा के सम्मान के लिए उनका प्रयास निरंतर जारी रहेगा.
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