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रक्षा मंत्री के गुरु ने बताया, राजनाथ सिंह जो ठान लेते हैं उसे करके मानते हैं

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Published : Jun 1, 2019, 6:37 PM IST

मोदी सरकार में गृह मंत्री रहे राजनाथ सिंह के मोदी-2 सरकार में रक्षा मंत्री बनने से उनके गुरु प्रो. एल एन त्रिपाठी काफी खुश हैं. उनका कहना है राजनाथ सिंह ने देश के हित में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए, जो उनकी कार्यशैली को दर्शाता है.

रक्षा मंत्री के गुरु ने बताया राजनाथ सिंह के बारे.

गोरखपुर: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गुरु को अपने शिष्य पर बेहद भरोसा है. उनका दावा है कि राजनाथ सिंह दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं. वह जो करना चाहते हैं, उसके लक्ष्य तक जरूर पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने न सिर्फ कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद पर नकेल कसी, बल्कि म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश में मुस्लिम घुसपैठ पर भी काफी हद तक लगाम लगाई.

रक्षा मंत्री के गुरु ने बताया राजनाथ सिंह के बारे.

राजनाथ सिंह का राजनीतिक करियर

  • वर्तमान में राजनाथ सिंह देश के रक्षा मंत्री हैं.
  • वह मोदी-1 सरकार में गृह मंत्री रहे.
  • अटल बिहारी सरकार में भूतल परिवहन मंत्री बनाए गए.
  • पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं.
  • जयप्रकाश आंदोलन में जेल गए.
  • जेपी आंदोलन के बाद पहली बार विधायक बने.
  • छात्र जीवन से ही संघ से जुड़े रहे.
  • राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से सन् 1972 में भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की.

बता दें, राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से सन 1972 में भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की, उस दौरान उनकी शिक्षा प्रो. एल एन त्रिपाठी की देखरेख में हुई थी. प्रोफेसर एल एन त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1970 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में एमएससी करने के लिए आए थे. 1972 में उन्होंने यह परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की, जिसका विषय था 'स्पेक्ट्रोस्कोपी'. इसके बाद उनका चयन डीटी कॉलेज मिर्जापुर में लेक्चरर के पद पर हो गया. इस दौरान वह राजनीति में भी सक्रिय रहे और विधायक बने.

प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1984 में 4 साल के अवकाश पर पीएचडी करने गोरखपुर आए थे. उन्होंने अपनी पीएचडी भी पूरी की, लेकिन इस बीच उनका राजनीतिक कद और बढ़ गया था, जिसके कारण पीएचडी की उपाधि लेना वह उचित नहीं समझे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं लोग इस पर कोई सवाल न खड़ा करना शुरू कर दें. उन्होंने बताया कि उनके पीएचडी का टॉपिक था 'न्यूमिसेन्स इन सेकेंड-सिक्स फॉस्थर्स' था. रक्षा मंत्री के गुरु ने कहा कि एक भौतिक शास्त्री का देश के रक्षा मंत्री बनने से इस बात की उम्मीद प्रबल हो जाती है कि तकनीकी रूप से रक्षा प्रणाली बेहद मजबूत होगी और देश स्वदेशी तकनीक की तरफ भी आगे बढ़ेगा.

ईटीवी से बातचीत करते हुए उनके गुरु ने भरोसा जताया कि पाकिस्तान जैसा मुल्क भारत के खिलाफ कोई भी अमर्यादित आचरण पेश नहीं करेगा, क्योंकि उसने राजनाथ सिंह को बतौर गृह मंत्री काम करते देखा है. प्रोफेसर त्रिपाठी आज बहुत खुश हैं क्योंकि उनका एक ऐसा शिष्य है जो अपनी बौद्धिक और राजनीतिक क्षमता के बल पर देश को दुनिया में एक अलग पहचान बना रहा है.

गोरखपुर: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गुरु को अपने शिष्य पर बेहद भरोसा है. उनका दावा है कि राजनाथ सिंह दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं. वह जो करना चाहते हैं, उसके लक्ष्य तक जरूर पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने न सिर्फ कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद पर नकेल कसी, बल्कि म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश में मुस्लिम घुसपैठ पर भी काफी हद तक लगाम लगाई.

रक्षा मंत्री के गुरु ने बताया राजनाथ सिंह के बारे.

राजनाथ सिंह का राजनीतिक करियर

  • वर्तमान में राजनाथ सिंह देश के रक्षा मंत्री हैं.
  • वह मोदी-1 सरकार में गृह मंत्री रहे.
  • अटल बिहारी सरकार में भूतल परिवहन मंत्री बनाए गए.
  • पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के मुख्यमंत्री भी रहे चुके हैं.
  • जयप्रकाश आंदोलन में जेल गए.
  • जेपी आंदोलन के बाद पहली बार विधायक बने.
  • छात्र जीवन से ही संघ से जुड़े रहे.
  • राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से सन् 1972 में भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की.

बता दें, राजनाथ सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से सन 1972 में भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की, उस दौरान उनकी शिक्षा प्रो. एल एन त्रिपाठी की देखरेख में हुई थी. प्रोफेसर एल एन त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1970 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में एमएससी करने के लिए आए थे. 1972 में उन्होंने यह परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की, जिसका विषय था 'स्पेक्ट्रोस्कोपी'. इसके बाद उनका चयन डीटी कॉलेज मिर्जापुर में लेक्चरर के पद पर हो गया. इस दौरान वह राजनीति में भी सक्रिय रहे और विधायक बने.

प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1984 में 4 साल के अवकाश पर पीएचडी करने गोरखपुर आए थे. उन्होंने अपनी पीएचडी भी पूरी की, लेकिन इस बीच उनका राजनीतिक कद और बढ़ गया था, जिसके कारण पीएचडी की उपाधि लेना वह उचित नहीं समझे, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं लोग इस पर कोई सवाल न खड़ा करना शुरू कर दें. उन्होंने बताया कि उनके पीएचडी का टॉपिक था 'न्यूमिसेन्स इन सेकेंड-सिक्स फॉस्थर्स' था. रक्षा मंत्री के गुरु ने कहा कि एक भौतिक शास्त्री का देश के रक्षा मंत्री बनने से इस बात की उम्मीद प्रबल हो जाती है कि तकनीकी रूप से रक्षा प्रणाली बेहद मजबूत होगी और देश स्वदेशी तकनीक की तरफ भी आगे बढ़ेगा.

ईटीवी से बातचीत करते हुए उनके गुरु ने भरोसा जताया कि पाकिस्तान जैसा मुल्क भारत के खिलाफ कोई भी अमर्यादित आचरण पेश नहीं करेगा, क्योंकि उसने राजनाथ सिंह को बतौर गृह मंत्री काम करते देखा है. प्रोफेसर त्रिपाठी आज बहुत खुश हैं क्योंकि उनका एक ऐसा शिष्य है जो अपनी बौद्धिक और राजनीतिक क्षमता के बल पर देश को दुनिया में एक अलग पहचान बना रहा है.

Intro:गोरखपुर। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गुरु को अपने शिष्य पर बेहद भरोसा है। उन्होंने दावा किया है कि राजनाथ सिंह दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं। वह जो करना चाहते हैं उसके निर्णय पर जरूर पहुंचते हैं। उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह ने न सिर्फ कश्मीर में बढ़ते आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी हासिल की थी बल्कि म्यांमार के रास्ते बांग्लादेश में मुस्लिम घुसपैठ पर भी लगाम लगाने का सफल प्रयास किया था। आपको बता दें राजनाथ सिंह गोरखपुर विश्वविद्यालय से सन 1972 में भौतिक विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल किये थे, जिस दौरान उनकी शिक्षा प्रोफेसर एल एन त्रिपाठी की देखरेख में हुई थी। शिष्य की सफलता पर प्रो0 त्रिपाठी बेहद खुश हैं।

नोट-कम्पलीट इंटरव्यू विथ वॉइस ओवर अटैच


Body:प्रोफेसर एल एन त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1970 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में एमएससी करने के लिए आए हुए थे। 1972 में उन्होंने यह परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास किया था जिसका विषय था 'स्पेक्ट्रोस्कोपी'। इसके बाद उनका चयन डी टी कॉलेज मिर्जापुर में लेक्चरर के पद पर हो गया। इस दौरान वह राजनीति में भी सक्रिय रहे और विधायक बन गए। प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि राजनाथ सिंह 1984 में 4 साल के अवकाश पर पीएचडी करने गोरखपुर आए थे। उन्होंने अपनी पीएचडी भी पूरी कर लिया था लेकिन, इस बीच उनका राजनैतिक का और बढ़ गया था जिसके कारण पीएचडी की उपाधि लेना वह उचित नहीं समझे। क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं लोग इस पर कोई सवाल न खड़ा करना शुरू कर दें। उन्होंने बताया कि उनके पीएचडी का टॉपिक था 'न्यूमिसेन्स इन सेकेंड-सिक्स फॉस्थर्स' था। रक्षा मंत्री के गुरु ने कहा कि एक भौतिक शास्त्री का देश के रक्षा मंत्री बनने से इस बात की उम्मीद प्रबल हो जाती है कि तकनीकी रूप से रक्षा प्रणाली बेहद मजबूत होगी और देश स्वदेशी तकनीक की तरफ भी आगे बढ़ेगा।

इंटरव्यू--प्रो0 एल एन त्रिपाठी, राजनाथ सिंह के गुरु


Conclusion:प्रोफेसर त्रिपाठी ने राजनाथ सिंह के गृह मंत्री रहते हुए देश हित में उठाया गए कदमों की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंकवाद में कमी, उपद्रवियों पर नियंत्रण, नक्सलवाद में कमी समेत कई राष्ट्रहित के मामले सामने हैं, यही वजह है कि उनके रक्षा मंत्री बनने से भारत के दुश्मन देश राजनाथ सिंह को लेकर पहले से ज्यादा खौफ खाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि पाकिस्तान जैसा मुल्क भारत के खिलाफ कोई भी अमर्यादित आचरण पेश नहीं करेगा क्योंकि उसने राजनाथ सिंह को बतौर गृह मंत्री काम करते देखा है। प्रोफेसर त्रिपाठी आज बहुत खुश हैं क्योंकि उनका एक ऐसा शिष्य है जो अपनी बौद्धिक और राजनीतिक क्षमता के बल पर देश को दुनिया में एक अलग पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह सहज और सरल स्वभाव के दृढ़ निश्चयी व्यक्ति हैं। वह जो ठान लेते हैं उसे करके ही छोड़ते हैं।

क्लोजिंग इंटरव्यू...
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
9415875724
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