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अब गोरखपुर में भी मिलेगा हाथी सफारी का आनंद, कुसम्ही जंगल होगा इसका केंद्र

गोरखपुर के कुसम्ही जंगल में हाथी सफारी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. वन विभाग और जिला प्रशासन की स्वीकृति मिलने के बाद इस पर काम शुरू हो जाएगा.

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हाथी सफारी
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Published : Sep 30, 2022, 7:30 PM IST

गोरखपुर: इको टूरिज्म बोर्ड गठित होने के बाद से वन विभाग की नजर जंगल, नदी और झील पर है. कैसे इसे पर्यटको के लिए सुलभ बनाया जाए और अपने आय का स्रोत भी बढ़ाया जाए. वन विभाग इसके लिए कुछ अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसमें हाथी सफारी एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. नेपाल का चितवन, उत्तराखंड का जिम कार्बेट और मध्य प्रदेश का कान्हा नेशनल पार्क हाथी सफारी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.

जिम कार्बेट और कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटक हाथी पर बैठककर जंगल का आनंद लेते हैं. इसी तर्ज पर गोरखपुर के कुसम्ही जंगल में हाथी सफारी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. इस प्रस्ताव पर जल्द ही मोहर लगने की संभावना है. वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) के सामने प्रस्तुत कर दिया है और उनकी सहमति के साथ इसे शासन को भी भेज दिया है. इस प्रोजेक्ट पर इको टूरिज्म बोर्ड की सहमति मिलने के साथ इसका मूर्त रूप लेने का दौर शुरू होगा. इसके लिए पर्यटन विभाग को भी साथ में जोड़ा गया है.

इस संबंध में गोरखपुर वन प्रभाग के डीएफओ विकास यादव ने बताया कि जंगल को हाथी पर बैठकर देखने का आनंद ही कुछ और है. इतने बड़े वन क्षेत्र में रास्तों की निगरानी और मैपिंग कर ली गई है. इसमें शेर, चीते जैसे खतरनाक जानवर भी नहीं रहते हैं. जंगल की नेचुरल सुंदरता, शांति और शीतलता का आनंद लोगों को हाथी सफारी के बन जाने के बाद मिलेगा, जब वह हाथी पर बैठकर घूमेंगे. उन्होंने कहा कि हाथी सफारी का मतलब यह नहीं कि जंगल में हाथियों का झुंड रहेगा.
इसका संबध हाथी की सवारी और पर्यटन के आनंद से जुड़ा हुआ है. डीएफओ ने कहा की हाथी सफारी प्रोजेक्ट सीएम योगी भी पिछले दौरे में देख चुके हैं. उन्हें पसंद आने के बाद इसे शासन और ईको टूरिज्म बोर्ड को भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही इस पर काम शुरू होगा.

यह भी पढे़ं:आईआरसीटीसी ने लांच किया लखनऊ से थाईलैंड का हवाई टूर पैकेज

डीएफओ ने आगे कहा कि यह हाथी सफारी अलग किस्म का होगा. इसमें घुड़सवारी, नेचर वॉक, कैनोपी वॉक भी शामिल होगा. इससे जो लोग जंगल आएं तो उनका पूरा दिन आनंद भरा हो. जंगल के बीच स्थित कच्चे रास्ते काफी मजबूत हैं. इसीलिए वह घुड़सवारी के लिए उपयुक्त हैं. प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ हाथी, घोड़े की जरूरत को पूरा करने पर काम किया जाएगा.
यह जानवर किराए के भी हो सकते हैं या दूसरे जगह से मंगाए जा सकते हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत जंगल में बांस की झोपड़ियां भी बनाई जाएंगी, जिसमें लोग आराम कर सकेंगे. कैनोपी वॉक जो एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक रस्सी के सहारे जाने का खेल/वॉक होता है. वह भी लोगों को आनंदित करेगा. उन्होंने कहा की पर्यटन और वन दोनों की इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने की इच्छा है, बस स्वीकृति का इंतजार है.

यह भी पढे़ं:जंगल सफारी पर निकले सैलानियों के सामने अचानक आया हाथी, देखें वीडियो

गोरखपुर: इको टूरिज्म बोर्ड गठित होने के बाद से वन विभाग की नजर जंगल, नदी और झील पर है. कैसे इसे पर्यटको के लिए सुलभ बनाया जाए और अपने आय का स्रोत भी बढ़ाया जाए. वन विभाग इसके लिए कुछ अलग प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है, जिसमें हाथी सफारी एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. नेपाल का चितवन, उत्तराखंड का जिम कार्बेट और मध्य प्रदेश का कान्हा नेशनल पार्क हाथी सफारी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है.

जिम कार्बेट और कान्हा नेशनल पार्क में पर्यटक हाथी पर बैठककर जंगल का आनंद लेते हैं. इसी तर्ज पर गोरखपुर के कुसम्ही जंगल में हाथी सफारी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. इस प्रस्ताव पर जल्द ही मोहर लगने की संभावना है. वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट का प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(Chief Minister Yogi Adityanath) के सामने प्रस्तुत कर दिया है और उनकी सहमति के साथ इसे शासन को भी भेज दिया है. इस प्रोजेक्ट पर इको टूरिज्म बोर्ड की सहमति मिलने के साथ इसका मूर्त रूप लेने का दौर शुरू होगा. इसके लिए पर्यटन विभाग को भी साथ में जोड़ा गया है.

इस संबंध में गोरखपुर वन प्रभाग के डीएफओ विकास यादव ने बताया कि जंगल को हाथी पर बैठकर देखने का आनंद ही कुछ और है. इतने बड़े वन क्षेत्र में रास्तों की निगरानी और मैपिंग कर ली गई है. इसमें शेर, चीते जैसे खतरनाक जानवर भी नहीं रहते हैं. जंगल की नेचुरल सुंदरता, शांति और शीतलता का आनंद लोगों को हाथी सफारी के बन जाने के बाद मिलेगा, जब वह हाथी पर बैठकर घूमेंगे. उन्होंने कहा कि हाथी सफारी का मतलब यह नहीं कि जंगल में हाथियों का झुंड रहेगा.
इसका संबध हाथी की सवारी और पर्यटन के आनंद से जुड़ा हुआ है. डीएफओ ने कहा की हाथी सफारी प्रोजेक्ट सीएम योगी भी पिछले दौरे में देख चुके हैं. उन्हें पसंद आने के बाद इसे शासन और ईको टूरिज्म बोर्ड को भेज दिया गया है. स्वीकृति मिलते ही इस पर काम शुरू होगा.

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डीएफओ ने आगे कहा कि यह हाथी सफारी अलग किस्म का होगा. इसमें घुड़सवारी, नेचर वॉक, कैनोपी वॉक भी शामिल होगा. इससे जो लोग जंगल आएं तो उनका पूरा दिन आनंद भरा हो. जंगल के बीच स्थित कच्चे रास्ते काफी मजबूत हैं. इसीलिए वह घुड़सवारी के लिए उपयुक्त हैं. प्रोजेक्ट की स्वीकृति के साथ हाथी, घोड़े की जरूरत को पूरा करने पर काम किया जाएगा.
यह जानवर किराए के भी हो सकते हैं या दूसरे जगह से मंगाए जा सकते हैं. इस प्रोजेक्ट के तहत जंगल में बांस की झोपड़ियां भी बनाई जाएंगी, जिसमें लोग आराम कर सकेंगे. कैनोपी वॉक जो एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक रस्सी के सहारे जाने का खेल/वॉक होता है. वह भी लोगों को आनंदित करेगा. उन्होंने कहा की पर्यटन और वन दोनों की इस प्रोजेक्ट को जमीन पर उतारने की इच्छा है, बस स्वीकृति का इंतजार है.

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