गोरखपुरः बिना मुआवजा दिए तोड़े गए तमाम मकानों के संदर्भ में बाकी मुआवजे की जानकारी उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास दीपक कुमार को नहीं है. दीपक कुमार गोरखपुर के नोडल अफसर भी हैं और जिले में चलाई जा रही विकास योजनाओं के संदर्भ में जानकारी करना, उसकी निगरानी और प्रगति रिपोर्ट जानना उनके दायित्व का हिस्सा है. प्रमुख सचिव को शहर में असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज होते हुए महराजगंज तक बनाई जा रही फोर लेन की सड़क में तोड़े गए मकान और बकाया 70 करोड़ रुपये के मुआवजे की न कोई जानकारी है और न ही उन्हें जिले के अधिकारियों ने इससे अवगत कराया है.
प्रमुख सचिव शुक्रवार को गोरखपुर में थे और यहां चलाई जा रही विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ की. इसके बाद मीडिया से मुखातिब हुए तो सवालों का सही जवाब देने से बचते रहे. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री का शहर है. वह जो कहते हैं और उनकी जो प्राथमिकताएं हैं, वही काम करने वह भी आए हैं. जब मुआवजे के संदर्भ में उनसे सवाल किया गया तो वह हैरान हो गए. उन्होंने कहा कि इसकी उन्हें जानकारी नहीं है. वहीं मुआवजा न पाने से असुरन रोड पर रहने वाले लोग दुखी हैं. गोरखपुर में करोड़ों की योजनाएं चल रहीं हैं और चारों तरफ विकास का काम हो रहा है. इससे शहर में सुविधाओं के बढ़ने की उम्मीद है तो कई तरह की समस्याएं भी पैदा हो रही हैं.