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गोरखपुर: महंगी सब्जियों ने बिगाड़ा लोगों के घर का बजट - Gorakhpur news

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में लगातार बारिश जारी है. तेज बारिश और बाढ़ के चलते किसानों की सब्जी की खेती नष्ट हो गई है, जिससे जिले के बाजारों में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, लिहाजा लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है.

महंगी सब्जियों ने घर का बजट बिगाड़ा.
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Published : Jul 27, 2019, 11:10 PM IST

गोरखपुर: लगातार हो रही बारिश के चलते सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आलू, बैंगन, परवल, भिंडी हो, या फिर तरोई सभी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. सबसे ज्यादा टमाटर के दाम बढ़े हुए हैं. सभी सब्जियां 15 से 20 रुपये बढ़ गई हैं. लिहाजा अब टमाटर 70 से 80 रुपये किलों के भाव बिक रहा है.

महंगी सब्जियों ने घर का बजट बिगाड़ा.

सब्जी विक्रेताओं की मनमानी भी कम नहीं

  • अगर आप भी हरी सब्जियां खाकर सेहत बनाने के इच्छुक हैं तो थोड़ा मुश्किल है.
  • लगातार महंगी हो रही सब्जियों के भाव ग्राहकों को परेशान कर रहे हैं.
  • दुकानदारों का कहना है कि बारिश के समय सब्जियां महंगी हो जाती हैं.
  • सब्जी लाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
  • कई जगह बारिश के पानी की वजह से सब्जियां पूरी तरह से खराब हो गई हैं.
  • ऊंची जगह पर सब्जियां होती हैं, उन्हें हम खरीद कर लाते हैं और बेचते हैं.
  • हमको भी महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं और एक-दो रुपये बढ़ाकर हम लोग इन सब्जियों को बेचते हैं.
  • बारिश के समय में सब्जी का मार्केट भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है.

बारिश के समय सब्जियां महंगी हो जाती हैं. दुकानदार मनमानी रेट से सब्जियां बेचते हैं और लोगों की मजबूरी है अगर पेट भरना है तो सब्जी खरीदना ही पड़ेगा. हमें मजबूरी में सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं, लेकिन जो दुकानदार हैं, वह मनमानी रेट में सब्जियां बेचते हैं.
-धर्म प्रकाश, ग्राहक

गोरखपुर: लगातार हो रही बारिश के चलते सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. आलू, बैंगन, परवल, भिंडी हो, या फिर तरोई सभी सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं. सबसे ज्यादा टमाटर के दाम बढ़े हुए हैं. सभी सब्जियां 15 से 20 रुपये बढ़ गई हैं. लिहाजा अब टमाटर 70 से 80 रुपये किलों के भाव बिक रहा है.

महंगी सब्जियों ने घर का बजट बिगाड़ा.

सब्जी विक्रेताओं की मनमानी भी कम नहीं

  • अगर आप भी हरी सब्जियां खाकर सेहत बनाने के इच्छुक हैं तो थोड़ा मुश्किल है.
  • लगातार महंगी हो रही सब्जियों के भाव ग्राहकों को परेशान कर रहे हैं.
  • दुकानदारों का कहना है कि बारिश के समय सब्जियां महंगी हो जाती हैं.
  • सब्जी लाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
  • कई जगह बारिश के पानी की वजह से सब्जियां पूरी तरह से खराब हो गई हैं.
  • ऊंची जगह पर सब्जियां होती हैं, उन्हें हम खरीद कर लाते हैं और बेचते हैं.
  • हमको भी महंगी सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं और एक-दो रुपये बढ़ाकर हम लोग इन सब्जियों को बेचते हैं.
  • बारिश के समय में सब्जी का मार्केट भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है.

बारिश के समय सब्जियां महंगी हो जाती हैं. दुकानदार मनमानी रेट से सब्जियां बेचते हैं और लोगों की मजबूरी है अगर पेट भरना है तो सब्जी खरीदना ही पड़ेगा. हमें मजबूरी में सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं, लेकिन जो दुकानदार हैं, वह मनमानी रेट में सब्जियां बेचते हैं.
-धर्म प्रकाश, ग्राहक

Intro:गोरखपुर.. सब्जी फिर हुई महंगी, घरो के थाली से गायब हुई सब्जी, आलू हो, बैंगन हो, परवल हो, भंडी हो, या फिर नेनुवा सभी सब्जिया आसमान छूने लगी है, सबसे ज्यादा टमाटर के रेट आसामन छु रहे है, सभी सब्जिया 15 से 20 रूपये बढ़ गई है, टमाटर 70 से 80 रूपये बिक रहे है, गोरखपुर के हालसी गंज के सब्जी मंडी से हमारे और सब्जियों के दाम को जानने की कोशिश की, और दुकानदार से लेकर लोगो से बात की Body:वहीं दुकानदारों का कहना है कि बरसात के समय सब्जियां महंगी हो जाती हैं सब्जी लाने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है कई जगह बरसात के पानी लगने की वजह से सब्जियां पूरी तरह से खराब भी हो जाती हैं जो ऊंची जगह पर सब्जियां होती है उन्हें हम खरीद कर लाते हैं और उसे बेचते हैं हमको भी महंगी सब्जी खरीदने पड़ती है और एक ₹2 बढ़ाकर हम लोग इन सब्जियों को बेचते हैं और बरसात के समय में सब्जी का मार्केट भी पूरी तरह से खत्म हो जाता है महंगी सब्जी होने के वजह से लोग सब्जियां भी नहीं खरीदते हैं जो थोड़ा बहुत बिक जाता है उससे हम लोग अपना गुजारा करते हैं हर साल बरसात के सीजन में यही हाल रहता है महंगी सब्जी हम लोग लाते हैं फिर भी यह बिक नहीं पता है कभी-कभी तो सब्जियां खराब भी हो जाती हैं महंगी सब्जी होने के वजह से लोग सब्जियां खरीदते भी नहीं हैंConclusion:वहीं ग्राहकों का कहना है कि बरसात के समय सब्जियां महंगी हो जाती है दुकानदार मनमानी रेट से सब्जियां बेचते हैं और लोगों की मजबूरी है अगर पेट भरना है तो सब्जी खरीदना ही पड़ेगा तो हमें मजबूरी में सब्जियां खरीदनी पड़ती है लेकिन जो दुकानदार हैं वह मनमानी रेट में सब्जियां बेचते हैं


बाईट –1. धर्म प्रकाश (ग्राहक)

बाईट – 2.मनीष कुमार (दुकानदार)
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