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नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े मठ गुरु गोरक्षनाथ मंदिर को खोलने की तैयारी

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक आठ जून को प्रदेश में मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएगें. इसी क्रम में गोरखपुर के गुरु गोरक्षनाथ मंदिर में भी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. इसके तहत मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के साथ ही मास्क लगाकर प्रवेश दिया जाएगा.

खोले जाएंगें गोरक्षनाथ मंदिर के कपाट
खोले जाएंगें गोरक्षनाथ मंदिर के कपाट
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Published : Jun 7, 2020, 3:46 PM IST

गोरखपुर: प्रदेश सरकार ने धर्म स्थलों, शॉपिंग मॉल, होटल और रेस्टोरेंट को सोमवार से खोलने की सशर्त अनुमति दे दी है. हालांकि कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की पाबंदियां जारी रहेंगी. इसी क्रम में जिले के गोरक्षनाथ मंदिर को भी खोले जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. वहीं जगह-जगह पर पोस्टरों के माध्यम से आम श्रद्धालुओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है. इसके तहत श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रवेश करें.

गोरक्षनाथ मंदिर के खुलेंगे कपाट.

8 जून को खुलेंगे गोरक्षनाथ के कपाट
गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए 8 जून से खोल दिए जाएंगे. इससे नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े मठ गुरु गोरक्षनाथ मंदिर से जुड़े हुए लोगों में खुशी का माहौल है. इस दौरान मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी श्रद्धालु को जाने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही मंदिर में प्रवेश करने से पूर्व हाथों को सेनेटाइज करना और मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य है.

सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग स्थल पर भीड़ प्रबंधन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा. पब्लिक ऐड्रस सिस्टम से सभी आगंतुकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जाएगा. परिसर के बाहर स्थित किसी भी प्रकार की दुकान, स्टॉल या कैफेटेरिया आदि पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जाएगा.

प्रसाद वितरण की अनुमति नहीं
मंदिर आने वाले श्रद्धालु अपने फेस कवर, मास्क, ग्लव्स आदि को सार्वजनिक स्थलों पर नहीं छोड़ेंगे. प्रार्थना सभा के लिए एक ही दरी या मैट के प्रयोग से बचा जाएगा. धार्मिक स्थल के अंदर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल के छिड़काव की अनुमति नहीं होगी. धार्मिक स्थलों पर केवल रिकॉर्डेड भक्ति संगीत या गाने बजाए जा सकते हैं, समूह में एकत्र होकर गायन की अनुमति नहीं होगी. मंदिर प्रबंधन को मंदिर खोलने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि इन नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराया जाए.

भक्त अपने प्रभु से पिछले कई महीनों से दूर थे, अब भक्त और भगवान का मिलन 8 जून से संभव हो पाएगा. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर ही प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही सैनिटाइजर से श्रद्धालुओं के हाथों को भी धुलवाया जाएगा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाएगी.
-द्वारिका तिवारी, कार्यालय प्रभारी, गुरु गोरक्षनाथ मंदिर

गोरखपुर: प्रदेश सरकार ने धर्म स्थलों, शॉपिंग मॉल, होटल और रेस्टोरेंट को सोमवार से खोलने की सशर्त अनुमति दे दी है. हालांकि कंटेनमेंट जोन में सभी प्रकार की पाबंदियां जारी रहेंगी. इसी क्रम में जिले के गोरक्षनाथ मंदिर को भी खोले जाने की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. वहीं जगह-जगह पर पोस्टरों के माध्यम से आम श्रद्धालुओं को जागरूक करने का काम भी किया जा रहा है. इसके तहत श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रवेश करें.

गोरक्षनाथ मंदिर के खुलेंगे कपाट.

8 जून को खुलेंगे गोरक्षनाथ के कपाट
गुरु गोरक्षनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए 8 जून से खोल दिए जाएंगे. इससे नाथ संप्रदाय के सबसे बड़े मठ गुरु गोरक्षनाथ मंदिर से जुड़े हुए लोगों में खुशी का माहौल है. इस दौरान मंदिर के गर्भ गृह में किसी भी श्रद्धालु को जाने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही मंदिर में प्रवेश करने से पूर्व हाथों को सेनेटाइज करना और मुंह पर मास्क लगाना अनिवार्य है.

सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देश
जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग स्थल पर भीड़ प्रबंधन करते समय सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन करना होगा. पब्लिक ऐड्रस सिस्टम से सभी आगंतुकों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के बारे में लगातार जागरूक किया जाएगा. परिसर के बाहर स्थित किसी भी प्रकार की दुकान, स्टॉल या कैफेटेरिया आदि पर भी सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन किया जाएगा.

प्रसाद वितरण की अनुमति नहीं
मंदिर आने वाले श्रद्धालु अपने फेस कवर, मास्क, ग्लव्स आदि को सार्वजनिक स्थलों पर नहीं छोड़ेंगे. प्रार्थना सभा के लिए एक ही दरी या मैट के प्रयोग से बचा जाएगा. धार्मिक स्थल के अंदर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र जल के छिड़काव की अनुमति नहीं होगी. धार्मिक स्थलों पर केवल रिकॉर्डेड भक्ति संगीत या गाने बजाए जा सकते हैं, समूह में एकत्र होकर गायन की अनुमति नहीं होगी. मंदिर प्रबंधन को मंदिर खोलने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि इन नियमों का कड़ाई के साथ पालन कराया जाए.

भक्त अपने प्रभु से पिछले कई महीनों से दूर थे, अब भक्त और भगवान का मिलन 8 जून से संभव हो पाएगा. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर ही प्रवेश दिया जाएगा. साथ ही सैनिटाइजर से श्रद्धालुओं के हाथों को भी धुलवाया जाएगा और साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाएगी.
-द्वारिका तिवारी, कार्यालय प्रभारी, गुरु गोरक्षनाथ मंदिर

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