गोरखपुर : शहर का बढ़ता दायरा और बढ़ती आबादी के चलते नये गोरखपुर को बसाने की कवायद तेज हो गई है. नये गोरखपुर को बसाने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन तैयारी कर रहा है. विकास प्राधिकरण महायोजना 2031 के तहत गोरखपुर कुशीनगर रोड पर प्रस्ताव लेकर चल रहा है तो वहीं जिला प्रशासन स्तर से भी ऐसी चार पांच जगहों का सर्वे और मैपिंग की जा रही है.
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि 'गोरखपुर शहर पर आबादी का बोझ बढ़ रहा है. लिहाजा शहर के विस्तार को लेकर चर्चा शासन स्तर पर हुई है. यही वजह है कि जमीनों की तलाश और प्रोजेक्ट को खड़ा करने के मानकों को ध्यान में लेकर काम किया जा रहा है. शासन से इसके लिए बजट मिलने पर नए गोरखपुर को आकार देने में बड़ी मदद मिलेगी.' उन्होंने कहा कि 'नये गोरखपुर के लिए चिन्हित गांव में सर्वे के लिए, राजस्व विभाग की टीम को लगाया गया है. किसानों से भी बातचीत की जाएगी. फिलहाल प्रशासन जिस क्षेत्र में सर्वे करा रहा है वह गोरखपुर से नेपाल जाने वाली सड़क पर, बरगदवा रोड से सटे हुए कुछ गांव पर केंद्रित है. करीब 25 गांवों को चिन्हित किया गया है. इसके साथ ही पिपराइच विधानसभा क्षेत्र के करीब 35 गांव नए गोरखपुर में शामिल किए जा सकते हैं. सदर तहसील और चौरीचौरा तहसील के माध्यम से जमीन अधिग्रहण करने की भी तैयारी चल रही है.'
प्राधिकरण के उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि 'यहां हर तरह की ढांचागत सुविधा मिलेगी और अनियोजित काॅलोनियों का नामोनिशान नहीं होगा. चौड़ी सड़कें, नाली, बिजली की पर्याप्त सुविधा होगी. यहां अस्पताल स्थापित किए जाएंगे. अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल को भी जमीन दी जाएगी. इसके साथ ही हरित क्षेत्रफल भी विकसित किया जाएगा. आने वाले 30 से 35 साल की जरूरत को ध्यान में रखते हुए नया गोरखपुर का प्लान तैयार किया जा रहा है. शहर से सटे करीब 60 गांव में करीब छह हजार एकड़ भूमि पर नया गोरखपुर बसाया जाएगा, ऐसा प्लान तैयार है. क्योंकि गोरखपुर विकास से खुद को जोड़ रहा है. जिससे यहां की आबादी भी बढ़ रही है. शिक्षा के लिए चार विश्वविद्यालय भी स्थापित हो चुके हैं, जिससे शहर का विस्तार जरूरी हो गया है.'
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