गोरखपुरः कारोबारी मनीष गुप्ता को 27 सितंबर की रात जब पुलिसकर्मियों द्वारा कमरा नंबर 512 से बाहर लाया गया, तो उनका पूरा शरीर बेजान पड़ा हुआ था. इंस्पेक्टर ने ही बेजान पड़े मनीष को दूसरे दारोगा और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ लिफ्ट से नीचे भिजवाया था. पुलिस की ये सारी करतूत होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है, जो तेजी के साथ वायरल हो रहा है. फिलहाल जांच कर रही एसआईटी टीम ने अज्ञात पुलिसकर्मियों को एफआईआर में नामजद किया है.
कानपुर के रियल स्टेट कारोबारी मनीष गुप्ता की मौत के मामले में होटल के भीतर सीसीटीवी फुटेज वायरल हो गया है. बगैर कपड़े के दिख रहे मनीष को तौलिए से ढकने का भी प्रयास किया गया है. कुछ पुलिस वाले उन्हें बेजान हाल में टांग कर लिफ्ट से नीचे ले जाते हुए दिखाई दे रहे हैं. फुटेज में उनके शरीर में बिल्कुल भी जान नहीं लग रही है. ऐसे में मानसी हॉस्पिटल में भर्ती करने और बीआरडी में इलाज के लिए ले जाने के बाद भी बेईमानी लगती है.
इसे भी पढ़ें- बाराबंकी सड़क हादसा: 9 की मौत, 27 से अधिक घायल, मृतक के परिजनों को 2 लाख का मुआवजा
मनीष गुप्ता हत्याकांड में गोरखपुर पुलिस के खेल का पर्दाफाश हो गया है. प्रशासन ने उन तीन पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास किया था. एसआईटी ने उनको अब आरोपी बना दिया है. इसमें दारोगा राहुल दुबे, हेड कांस्टेबल कमलेश यादव और कांस्टेबल प्रशांत कुमार के नाम शामिल हैं.
इसे भी पढ़ें- मनीष गुप्ता हत्याकांड : व्यापारी के घर पहुंची एसआईटी, दोस्तों और परिजनों के दर्ज किए बयान