गोरखपुरः जिले में मजदूरों को पैसे का लालच देकर उनका खून बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. गुलरिहा थाने की पुलिस ने सोमवार को 2 खून माफिया एजेंट को गिरफ्तार किया है. ये गरीब मजदूरों को पैसे का लालच देकर उनके खून का सौदा करते थे. खून निकाल लेने के बाद उन्हें मामूली रकम देकर भगा देते थे.
एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने पुलिस लाइन में ब्लड माफिया के काले कारनामों का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने जाफरा बाजार के रहने वाले वसील खान और फरेन्दा के रहने वाले केशर देव को ब्लड माफिया के रूप में गिरफ्तार किया गया है. जिन लोगों को अपने परिवार की जान बचाने के लिए खून की आवश्यकता होती थी, ये लोग ऐसे ग्राहकों की तलाश करते थे. इसके बाद मोटी रकम लेकर उन्हें ब्लड उपलब्ध कराते थे, जो ब्लड ये लोग मजदूरों को पैसे का लालच देकर उनके शरीर से निकलाते थे.
एसपी नार्थ के अनुसार, बीआरडी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल और कई प्राइवेट अस्पतालों के आस-पास भी खून की दलाली करने वाले गिरोह लगातार सक्रिय है. कुछ मजदूर जब इन जगहों पर अपनी जरूरत को पूरी करने की जुगत इनको दिखते हैं तो ये दलाल उनका फायदा उठाकर उनके साथ खून का सौदा करते थे. खून दिलाने के नाम पर यह तीमदारों से मोटी रकम ऐंठ लेते थे और मजदूरों को छोटी सी रकम देकर भगा देते थे. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि खून देने वाले को ये लोग 1500 रुपये देकर भगा देते थे, जबकि मरीज और उनके तीमारदार से 6 से 7 हजार रुपए तक खून की कीमत वसूले जाते थे. इनका गिरोह एक तरफ अस्पताल में जरूरतमंदों की तलाश करता है, तो दूसरी तरफ मजबूर मजदूरों की भी.
ऐसे हुए खुलासाः इस गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब गोरख चौहान नामक एक व्यक्ति ने इनको खून दिया. लेकिन उसे पैसे नहीं मिले. इसके बाद उसके साथ मारपीट की गई और जान से मारने की धमकी भी दी गई. गौरख चौहान ने गुलरिहा थाने में इसकी शिकायत की. इसके बाद पुलिस सक्रिय हो गई. गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया.
खून चूसवा गिरोह का हुआ था भंडाफोड़ः करीब 10 साल पहले गोरखपुर में एक बड़ा मामला सामने आया था. तब खून चुसवा गिरोह का भंडाफोड़ हुआ था. गिरोह 17 लोगों को एक कमरे में बंधक बनाकर उनका खून निकालाता था. इसके बाद उन्हें ब्लड बैंक और अस्पतालों में बेचता था. गिरोह के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा था. फिलहाल पुलिस मामले गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है.
अब वायरलेस पर यूपी पुलिस नहीं बोलेगी हैलो अल्फा-ब्रेवो-चार्ली, POC ऐप से दिये जाएंगे मैसेज