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गोरखपुर में सामने आया गोरखधंधा, फर्जी शस्‍त्र लाइसेंस बनाकर बेचा जा रहा था असलहा

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Published : Aug 23, 2019, 9:52 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में फर्जी तरीके से शस्‍त्र लाइसेंस बनाने और नकली असलहा बेचने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. मामले में पुलिस ने एक दुकान को सीज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.

गोरखपुर में सामने आया गोरखधंधा.

गोरखपुर: जिले में फर्जी तरीके से शस्‍त्र लाइसेंस बनाने और नकली असलहा बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिकायत के बाद संदेह के आधार पर दुकानों की स्‍कैंनिंग और जांच में जब मामला खुला तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए. मामले में पुलिस ने एक दुकान को सीज कर दिया है. वहीं उस दुकान पर काम करने वाले मास्‍टरमाइंड गोपी की तलाश की जा रही है.

मामले की जानकारी देते एसएसपी.


पूरा मामला

  • एक साथ शहर के पॉश इलाके टाउनहाल और गोलघर में पड़े छापे के बाद शहर में हड़कंप मच गया.
  • दुकानदारों के पूरे रिकार्ड पुलिस ने जांच के लिए जब्त कर लिए हैं.
  • शासन के भी सारे रिकार्ड मांगे जाने के बाद से ही शस्‍त्र लाइसेंस बेचने वाले दुकानदार डर के मारे दुकान बंद कर अंडरग्राउंड हो गए हैं.
  • पुलिस को फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा रखने वाले राप्‍तीनगर के विकास तिवारी, शिवम मिश्र, फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलाल गोपी और रवि गन हाउस के प्रोपराइटर की तलाश है.
  • गोपी ने अपने घर पर ही फर्जी लाइसेंस बनाने का सारा सामान रखा हुआ था.
  • पुलिस ने लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, कई रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें बरामद की है.
  • शातिर अपने इस जालसाजी के खेल में उन लोगों को फांसते थे, जो लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं और उसके लिए काफी परेशान होते थे.

जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन के कार्यकाल के दौरान भी फर्जी लाइसेंस जारी कर अवैध और नकली असलहों की बिक्री की गई, ज‍बकि उनके समय में कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया. इसके साथ ही रिन्‍यूवल कराने आने वाले लोगों को भी फर्जी तरीके से रिन्‍यूवल कर काली कमाई की गई.

पढ़ें- आगरा: रेडलाइट एरिया में पुलिस का छापा, 30 से अधिक सेक्सवर्कर गिरफ्तार


रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के प्रोपराइटर के गुर्गे कलेक्ट्रेट दफ्तर पर हमेशा निगाह बनाए रखते थे, यहीं से जरूरतमंद को फांसकर डीलिंग करते थे. ये लोग एक लाइसेंस बनाने का डेढ़ लाख रुपये वसूलते थे. फर्जी लाइसेंस के खेल में सबसे पहला नाम तनवीर खान का आया. उसने फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा भी खरीद लिया था. पुलिस ने असलहा बरामद कर लिया है.


डीएम की मानें तो पुलिस को उसके पास से फर्जी लाइसेंस पर खरीदा गया नकली यानी अवैध पिस्‍टल भी मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है. पूछताछ के बाद पुलिस ने जालसाजी और आर्म्‍स एक्‍ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. किसी के द्वारा फर्जी लाइसेंस की फोटो व्हाट्सएप पर डाल दी गई थी. संदेह होने पर उसकी जांच कराई गई, तो पता चला कि उस पर जो यूआईडी दर्ज है, वह असलहा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है. फिलहाल तीन लोगों के नाम सामने आए हैं. जिनके नाम से फर्जी लाइसेंस जारी हुए हैं.

पढ़ें- बागपत: खूनी संघर्ष में 8 साल की बच्ची को लगी गोली, 5 घायल

इस छापेमारी की कार्रवाई से आसपास के दुकानदार सकते में हैं. उनका कहना है कि चार साल पहले ये दुकान खुली थी. रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के संचालक और उनके कर्मचारियों का बात व्‍यवहार काफी अच्‍छा रहा है. उनके इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल होने का उन्‍हें जरा भी अहसास नहीं था. छापेमारी की 14 अगस्‍त को हुई कार्रवाई के बाद इस बात का पता चला कि वे लोग इस गोरखधंधे में लिप्‍त रहे.

शिकायत और स्‍कैनिंग के दौरान ये मामला प्रकाश में आया. प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारियों ने शहर की सभी शस्त्र के दुकानों के रजिस्‍टर को चेक किया. इसमें कोतवाली इलाके के टाउनहाल पर स्थित रवि गन हाउस संदेह के घेरे में आया. इसके पहले ही पुलिस ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक तनवीर खान को गिरफ्तार कर लिया.
के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन, जिलाधिकारी

फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा बिक्री का मामला सामने आया था. एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है. दुकान के प्रोपराइटर और अन्‍य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही शहर के सभी असलहा और लाइसेंस की जांच की जा रही है.
डॉ. सुनील कुमार गुप्‍ता, एसएसपी

गोरखपुर: जिले में फर्जी तरीके से शस्‍त्र लाइसेंस बनाने और नकली असलहा बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. शिकायत के बाद संदेह के आधार पर दुकानों की स्‍कैंनिंग और जांच में जब मामला खुला तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए. मामले में पुलिस ने एक दुकान को सीज कर दिया है. वहीं उस दुकान पर काम करने वाले मास्‍टरमाइंड गोपी की तलाश की जा रही है.

मामले की जानकारी देते एसएसपी.


पूरा मामला

  • एक साथ शहर के पॉश इलाके टाउनहाल और गोलघर में पड़े छापे के बाद शहर में हड़कंप मच गया.
  • दुकानदारों के पूरे रिकार्ड पुलिस ने जांच के लिए जब्त कर लिए हैं.
  • शासन के भी सारे रिकार्ड मांगे जाने के बाद से ही शस्‍त्र लाइसेंस बेचने वाले दुकानदार डर के मारे दुकान बंद कर अंडरग्राउंड हो गए हैं.
  • पुलिस को फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा रखने वाले राप्‍तीनगर के विकास तिवारी, शिवम मिश्र, फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलाल गोपी और रवि गन हाउस के प्रोपराइटर की तलाश है.
  • गोपी ने अपने घर पर ही फर्जी लाइसेंस बनाने का सारा सामान रखा हुआ था.
  • पुलिस ने लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, कई रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें बरामद की है.
  • शातिर अपने इस जालसाजी के खेल में उन लोगों को फांसते थे, जो लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं और उसके लिए काफी परेशान होते थे.

जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन के कार्यकाल के दौरान भी फर्जी लाइसेंस जारी कर अवैध और नकली असलहों की बिक्री की गई, ज‍बकि उनके समय में कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया. इसके साथ ही रिन्‍यूवल कराने आने वाले लोगों को भी फर्जी तरीके से रिन्‍यूवल कर काली कमाई की गई.

पढ़ें- आगरा: रेडलाइट एरिया में पुलिस का छापा, 30 से अधिक सेक्सवर्कर गिरफ्तार


रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के प्रोपराइटर के गुर्गे कलेक्ट्रेट दफ्तर पर हमेशा निगाह बनाए रखते थे, यहीं से जरूरतमंद को फांसकर डीलिंग करते थे. ये लोग एक लाइसेंस बनाने का डेढ़ लाख रुपये वसूलते थे. फर्जी लाइसेंस के खेल में सबसे पहला नाम तनवीर खान का आया. उसने फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा भी खरीद लिया था. पुलिस ने असलहा बरामद कर लिया है.


डीएम की मानें तो पुलिस को उसके पास से फर्जी लाइसेंस पर खरीदा गया नकली यानी अवैध पिस्‍टल भी मिला है, जिसे जब्त कर लिया गया है. पूछताछ के बाद पुलिस ने जालसाजी और आर्म्‍स एक्‍ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है. किसी के द्वारा फर्जी लाइसेंस की फोटो व्हाट्सएप पर डाल दी गई थी. संदेह होने पर उसकी जांच कराई गई, तो पता चला कि उस पर जो यूआईडी दर्ज है, वह असलहा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है. फिलहाल तीन लोगों के नाम सामने आए हैं. जिनके नाम से फर्जी लाइसेंस जारी हुए हैं.

पढ़ें- बागपत: खूनी संघर्ष में 8 साल की बच्ची को लगी गोली, 5 घायल

इस छापेमारी की कार्रवाई से आसपास के दुकानदार सकते में हैं. उनका कहना है कि चार साल पहले ये दुकान खुली थी. रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के संचालक और उनके कर्मचारियों का बात व्‍यवहार काफी अच्‍छा रहा है. उनके इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल होने का उन्‍हें जरा भी अहसास नहीं था. छापेमारी की 14 अगस्‍त को हुई कार्रवाई के बाद इस बात का पता चला कि वे लोग इस गोरखधंधे में लिप्‍त रहे.

शिकायत और स्‍कैनिंग के दौरान ये मामला प्रकाश में आया. प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारियों ने शहर की सभी शस्त्र के दुकानों के रजिस्‍टर को चेक किया. इसमें कोतवाली इलाके के टाउनहाल पर स्थित रवि गन हाउस संदेह के घेरे में आया. इसके पहले ही पुलिस ने गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक तनवीर खान को गिरफ्तार कर लिया.
के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन, जिलाधिकारी

फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा बिक्री का मामला सामने आया था. एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है. दुकान के प्रोपराइटर और अन्‍य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसके साथ ही शहर के सभी असलहा और लाइसेंस की जांच की जा रही है.
डॉ. सुनील कुमार गुप्‍ता, एसएसपी

Intro:गोरखपु। फर्जी तरीके से शस्‍त्र लाइसेंस बनाने और नकली असलहा बेचने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। शिकायत के बाद संदेह के आधार पर दुकानों की स्‍कैंनिंग और जांच में जब मामला खुला तो अधिकारियों के भी होश उड़ गए। पुलिस ने एक दुकान को सीज कर दिया है, वहीं उस दुकान पर काम करने वाले मास्‍टरमाइंड गोपी की भी तलाश की जा रही है।

एक साथ शहर के पॉश इलाके टाउनहाल और गोलघर में पड़े छापे के बाद शहर में हड़कंप मच गया। दुकानदारों के पूरे रिकार्ड पुलिस ने जांच के लिए जप्‍त कर लिए हैं, वहीं शासन के भी सारे रिकार्ड मांगे जाने के बाद से ही शस्‍त्र लाइसेंस बेचने वाले दुकानदार डर के मारे दुकान बंद कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। पुलिस को फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा रखने वाले राप्‍तीनगर के रहने वाले विकास तिवारी, शिवम मिश्र, फर्जी लाइसेंस बनाने वाले दलाल गोपी और रवि गन हाउस के प्रोपराइटर की तलाश है। गोपी ने अपने घर ही फर्जी लाइसेंस बनाने का सारा सामान रखा हुआ था। लाइसेंस की किताब, मजिस्ट्रेट की मुहर, कई रंग के पेन, और खूब सारी फाइलें बरामद हुई हैं।Body:शातिर अपने इस जालसाजी के खेल में उन लोगों को फांसता था, जो लोग लाइसेंस के लिए आवेदन कर चुके हैं और इसके लिए काफी परेशान हैं। जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन के कार्यकाल के दौरान के भी फर्जी लाइसेंस जारी कर अवैध और नकली असलहों की बिक्री कर दी गई। ज‍बकि उनके समय में कोई भी लाइसेंस जारी नहीं किया गया, इसके साथ ही रिन्‍यूवल कराने आने वाले लोगों को भी फर्जी तरीके से रिन्‍यूवल कर काली कमाई की गई।

रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के प्रोपराइटर के गुर्गे कलेक्ट्रेट दफ्तर पर हमेशा निगाह बनाए रखते थे, यहीं से जरूरतमंद को फांसकर डीलिंग करते थे। ये लोग एक लाइसेंस बनाने का डेढ़ लाख रुपए वसूलते रहे हैं, फर्जी लाइसेंस के खेल में सबसे पहला नाम तनवीर खान का आया। उसने फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा भी खरीद लिया था, पुलिस ने असलहा बरामद कर लिया है।Conclusion:गोरखपुर के जिलाधिकारी के. विजयेन्‍द्र पाण्डियन ने बताया कि शिकायत और स्‍कैनिंग के दौरान ये मामला प्रकाश में आया। प्रशासनिक और पुलिस के आलाधिकारियों ने शहर की सभी शस्त्र के दुकानों के रजिस्‍टर को चेक किया। इसमें कोतवाली इलाके के टाउनहाल पर स्थित रवि गन हाउस संदेह के घेरे में आ गया, पुलिस ने इसके पहले ही गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रहने वाले युवक तनवीर खान को गिरफ्तार कर लिया।

डीएम की मानें तो पुलिस को उसके पास से फर्जी लाइसेंस पर खरीदा गया नकली यानी अवैध पिस्‍टल भी मिला है, जिसे जप्‍त कर लिया गया है। पुछताछ के बाद पुलिस ने जालसाजी और आर्म्‍स एक्‍ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। किसी के द्वारा फर्जी लाइसेंस की फोटो व्हाट्सएप पर डाल दी गई थी। उस पर संदेह होने पर जांच कराई गई, तो पता चला कि उस पर जो यूआईडी दर्ज है। वह असलहा रिकार्ड में दर्ज ही नहीं है, फिलहाल तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। जिनके नाम से फर्जी लाइसेंस जारी हुए हैं।

बाईट - के. विजेन्द्र पांडियन, जिलाधिकारी

इस छापेमारी की कार्रवाई से आसपास के दुकानदार सकते में हैं, उनका कहना है कि चार साल पहले ये दुकान खुली थी। रवि आर्म्‍स कारपोरेशन के संचालक और उनके कर्मचारियों का बात-व्‍यवहार काफी अच्‍छा रहा है। उनके इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल होने का उन्‍हें जरा भी अहसास नहीं था। छापेमारी की 14 अगस्‍त को हुई कार्रवाई के बाद इस बात का पता चला कि वे लोग इस गोरखधंधे में लिप्‍त रहे हैं।

बाईट - पड़ोसी डेंटिस्‍ट डा. चेन कोवई

वही जिले के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्‍ता ने बताया कि फर्जी लाइसेंस पर नकली असलहा बिक्री का मामला सामने आया था। एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है, दुकान के प्रोपराइटर और अन्‍य लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही शहर के सभी असलहा और लाइसेंस की जांच की जा रही है।

बाईट - डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, एसएसपी





निखिलेश प्रताप
गोरखपुर
9453623738
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