गोरखपुर: कोरोना महामारी की जांच और प्लाज्मा दान के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है. इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज को एफेरेसिस मशीन और एंटीबॉडी की जांच करने वाली केमील्युमिनेसेंस मशीन की सौगात दी है. उन्होंने इसका लखनऊ से ही ऑनलाइन उद्घाटन किया. अब कोरोना से जंग जीत चुके लोगों को प्लाज्मा दान के लिए कहीं और जाने की जरूरत नहीं होगी.
गोरखपुर में अब तक गंभीर कोरोना मरीजों को प्लाज्मा दान करने के लिए प्राइवेट फातिमा हॉस्पिटल जाना पड़ता था. इस दौरान उनकी एंटीबाडी की एलाइजा जांच होती थी. इसके बाद उनका प्लाज्मा बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में रखा जाता था. हालांकि अभी एफेरेसिस मशीन से किसी का प्लाज्मा नहीं लिया गया है. बुधवार को कंपनी के इंजीनियर आएंगे और उनकी उपस्थिति में प्लाज्मा निकाला जाएगा. इसके लिए दानदाताओं को बुलाया गया है.
आधा घंटे से कम समय में एंटीबॉडी का आएगा निष्कर्ष
एफेरेसिस मशीन बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पहले ही आकर इंस्टाल हो चुकी है और उसका लाइसेंस भी मिल चुका है. इसी के साथ केमील्युमिनेसेंस मशीन भी आई है. इससे अब कोविड-19, डेंगू और अन्य वायरस जनित रोगों की जांच हो सकेगी. मालूम हो कि अभी तक एलाइजा जांच में तीन से चार घंटे का समय लगता था. बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इसकी सेमीऑटोमेटेड मशीन है. इसलिए मानवीय भूल की आशंका बनी रहती थी. इसमें सीरम डालने के बाद लगातार एक लैब टेक्नीशियन को निगरानी करनी पड़ती थी. वहीं अब केमील्युमिनेसेंस मशीन में सीरम डालने के बाद आधा घंटे से कम समय में एंटीबॉडी का सटीक निष्कर्ष सामने आ जाएगा.
सब हेड-केमील्युमिनेसेंस मशीन से परिणाम आएगा जल्दी
मेडिकल कॉलेज को मिली इस सुविधा के लिए वर्चुअल कार्यक्रम गोरखपुर के एनआईसी भवन में आयोजित किया था. इसमें ग्रामीण विधायक विपिन सिंह, पिपराइच के विधायक महेंद्र प्रताप सिंह, सीडीओ इंद्रजीत सिंह, प्राचार्य बीआरडी मेडिकल कॉलेज डॉ. गणेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला अस्पताल डॉ. गिरीश चंद्र श्रीवास्तव, वित्त नियंत्रक एसपी सिंह, पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. शैला मित्रा और रक्त कोष प्रभारी डॉ. राजेश कुमार राय आदि मौजूद थे.