गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को दिवाली के अवसर पर वनटांगिया गांव पहुंच रहे हैं. वनटांगियों के लिए सीएम योगी करीब 66 लाख की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, तो वहीं इस ग्राम सभा के सिर्फ एक टोले के ही विकास से यहां की महिलाएं बेहद नाराज हैं. उनका कहना है कि शासन-प्रशासन योगी जी को सिर्फ एक तरफ ही विकास दिखाकर लौटा देता है. गांव का दूसरा हिस्सा विकास से कोसों दूर है. सड़क अभी भी कच्ची पड़ी हुई है, जो बरसात के दिनों में तालाब बन जाती है. लोगों का इस सड़क से निकलना मुश्किल हो जाता है. लोग महीनों तक घुटने तक पानी में जीवन यापन करने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में इन महिलाओं ने सीएम के शनिवार के दौरे पर उनका रास्ता रोकने और अपनी बात करने का मन बना लिया है.
महिलाओं ने लगाए बड़े आरोप
ग्रामीणों की पीड़ा यह भी है कि दिवाली के अवसर पर सीएम योगी उनके गांव में आ रहे हैं, तो चारों तरफ सफाई का कार्य हो रहा है. वह जहां आ रहे हैं, सिर्फ दिखावे के लिए वहां सफाई हो रही है. जंगल तिकोनिया नंबर-3 में रहने वाले वह लोग खुद अपने सड़क की साफ-सफाई करते हैं. उनका कहना है कि घर और बिजली की सुविधा तो योगी जी ने दे दी, लेकिन अगर घर तक पहुंचने के लिए रास्ता ही नहीं सही होगा, तो इन सबका क्या फायदा है. उनका आरोप है कि जहां सड़क बनाई जा रही है और पिछले दिनों भी कार्य हुआ है, उसमें उन लोगों ने मनरेगा के तहत मजदूरी भी की है, लेकिन उसका भी भुगतान अभी उन्हें नहीं मिला है.
यहां हर साल दिवाली मनाते हैं सीएम योगी
दरअसल, वनटांगिया समाज के लोगों का कुल 5 गांव है, जिन्हें वनटांगिया कहा जाता है. इन गांव को जंगल तिकोनिया नंबर-3, राजाही कैंप, रामगढ़ खाले, आमबाग और चिलबिलवा कहते हैं. इन गांव में विकास की किरण योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही शुरू हुई, क्योंकि सीएम योगी ने इन्हें राजस्व गांव का दर्जा प्रदान किया. इसके पहले यहां विकास की किरण नहीं पहुंचती थी. हालांकि योगी यहां साल 2007 से बतौर सांसद बनते रहे हैं और कई तरह की विकास योजनाओं को धीरे-धीरे अपने स्तर से चलाते रहे हैं. सीएम बनने के बाद गांव के कायाकल्प की जो योजना उन्होंने बनाई वह धीरे-धीरे मूर्त रूप ले रही है, लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वनटांगिया गांव का अंधेरा योगी आदित्यनाथ नहीं दूर कर सके. वह हर साल यहां आकर दिवाली मनाते हैं, जो क्रम आज भी जारी है.