ETV Bharat / state

Gorakhpur Parag Dairy: मिल्क मैनेजमेंट से पूरी हो रही गोरखपुर में दूध की सप्लाई, दूध कंपनियों की बहार आई - Gorakhpur Parag Government Dairy

गोरखपुर पराग सरकारी डेयरी (Parag Dairy) में प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध को सुरक्षित, संरक्षित और सप्लाई करने की क्षमता है. लेकिन पशु आहारों में महंगाई और पशुपालन के कठिन दौर के कारण डेयरी को मात्र 8 से 10 हजार लीटर ही दूध मिल पा रहा है.

गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह
गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह
author img

By

Published : Jan 25, 2023, 10:27 PM IST

गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह और डेयरी संचालक ने बताया.

गोरखपुरः दुग्ध उत्पादन में बढ़त हासिल करने की केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार भले ही ढोल पीट रही हो. लेकिन महानगरों से लेकर गांव तक में दूध की किल्लत बनी हुई है. बात करें गोरखपुर महानगर से पूरे जिले की तो यहां डिमांड की अनुसार दूध की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसके पीछे जहां पशु आहारों में लगी महंगाई की आग है. तो दूसरी तरफ पशुपालन भी कठिन दौर से गुजर रहा है.

गोरखपुर में मिल्क मैनेजमेंट के सहारे लोगों के घरों तक दूध पहुंचाया जा रहा है. देश में जहां 155.5 लाख टन प्रति वर्ष दूध का उत्पादन हो रहा है. वहीं, यूपी इसमें 17% से ज्यादा की भागीदारी दे रहा है. गोरखपुर की लगातार बढ़ रही आबादी से दूध की डिमांड 15 से 20% बढ़ी है. वहीं, सप्लाई पहले की अपेक्षा 20% कम हो गई है. स्थानीय गोशालाओं के अलावा विभिन्न कंपनियों के पैकेट के दूध यहां बड़े स्तर पर सप्लाई होते हैं. फिर भी शहर में 14 लाख लीटर दूध की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

शहर में गोरखपुर पराग सरकारी डेयरी स्थापित है, जिसकी प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध को सुरक्षित, संरक्षित और सप्लाई करने की क्षमता है. लेकिन इस डेयरी को मात्र 8 से 10 हजार लीटर ही दूध मिल पाता है. इसमें भी दूध के अलाव दूध के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. गोरखपुर मंडल में ही आठ हजार पशुपालक इस डेयरी से पंजीकृत हैं. जिनके पशुओं की संख्या 16 लाख के करीब है. इन पशुओं से कुल 24 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है. लेकिन यह दूध मंडल के कुल 4 जिलों में ही बिक जाता है. जबकि सिर्फ गोरखपुर जैसे महानगर 14 लाख लीटर दूध की उपलब्धता जो अनुमानित है, वह नहीं हो पा रही है.

दूध एवं दुग्ध उत्पाद बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनियां यहां पैकेट का दूध सप्लाई कर अपना कारोबार मजबूत कर रही हैं. वहीं, दूध एवं दुग्ध उत्पादन बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनी सीपी मिल्क का प्लांट भी भविष्य में यहां स्थापित करने की तैयारी चल रही है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और डेयरी सर्विसेज द्वारा मंडल स्तर पर महिला सदस्यों का संगठन खड़ा कर दूध के कारोबार को बढ़ाया जाएगा. गोरखपुर में कुल 1294 ग्राम पंचायतें, जबकि मंडल में कुल 4364 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें कुल 260 दुग्ध उत्पादन समितियां ही काम कर रही हैं. इसके बावजूद यहां दुग्ध उत्पादन नहीं बढ़ पा रहा है.

गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह कहते हैं कि उत्पादन से लेकर प्लांट तक दूध लाने के सारे प्रयास हो रहे हैं. इसके बावजूद पशुपालकों का रुझान नहीं बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि बड़ी क्षमता के इस प्लांट का रखरखाव भी प्रभावित हो रहा है. वहीं, डेयरी संचालक हेमंत यादव ने बताया कि पशुपालकों को दूध का मुंह मांगा मूल्य नहीं मिल पाता है. पशु आहार के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. हरा पशु आहार और महंगा होता जा रहा है. जबकि पशुओं की संख्या बढ़ नहीं रही है. ऐसे में दूध की मात्रा कैसे बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि गोरखपुर महानगर में छोटी-बड़ी कुल 60 डेरिया हैं. इनके सहारे पूरे शहर को दूध सप्लाई नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि बाहरी कंपनियां आकर दूध सप्लाई में अपना धाक जमा रही हैं.

यह भी पढ़ें- Gorakhpur Air Force Station: 'अपनी सेना को जाने' अभियान में दिखी एयर फोर्स की ताकत, हैरतअंगेज कारनामे से गूंज उठा आसमान

गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह और डेयरी संचालक ने बताया.

गोरखपुरः दुग्ध उत्पादन में बढ़त हासिल करने की केंद्र से लेकर प्रदेश सरकार भले ही ढोल पीट रही हो. लेकिन महानगरों से लेकर गांव तक में दूध की किल्लत बनी हुई है. बात करें गोरखपुर महानगर से पूरे जिले की तो यहां डिमांड की अनुसार दूध की सप्लाई नहीं हो पा रही है. इसके पीछे जहां पशु आहारों में लगी महंगाई की आग है. तो दूसरी तरफ पशुपालन भी कठिन दौर से गुजर रहा है.

गोरखपुर में मिल्क मैनेजमेंट के सहारे लोगों के घरों तक दूध पहुंचाया जा रहा है. देश में जहां 155.5 लाख टन प्रति वर्ष दूध का उत्पादन हो रहा है. वहीं, यूपी इसमें 17% से ज्यादा की भागीदारी दे रहा है. गोरखपुर की लगातार बढ़ रही आबादी से दूध की डिमांड 15 से 20% बढ़ी है. वहीं, सप्लाई पहले की अपेक्षा 20% कम हो गई है. स्थानीय गोशालाओं के अलावा विभिन्न कंपनियों के पैकेट के दूध यहां बड़े स्तर पर सप्लाई होते हैं. फिर भी शहर में 14 लाख लीटर दूध की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

शहर में गोरखपुर पराग सरकारी डेयरी स्थापित है, जिसकी प्रतिदिन एक लाख लीटर दूध को सुरक्षित, संरक्षित और सप्लाई करने की क्षमता है. लेकिन इस डेयरी को मात्र 8 से 10 हजार लीटर ही दूध मिल पाता है. इसमें भी दूध के अलाव दूध के प्रोडक्ट तैयार किए जाते हैं. गोरखपुर मंडल में ही आठ हजार पशुपालक इस डेयरी से पंजीकृत हैं. जिनके पशुओं की संख्या 16 लाख के करीब है. इन पशुओं से कुल 24 लाख लीटर दूध का उत्पादन होता है. लेकिन यह दूध मंडल के कुल 4 जिलों में ही बिक जाता है. जबकि सिर्फ गोरखपुर जैसे महानगर 14 लाख लीटर दूध की उपलब्धता जो अनुमानित है, वह नहीं हो पा रही है.

दूध एवं दुग्ध उत्पाद बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनियां यहां पैकेट का दूध सप्लाई कर अपना कारोबार मजबूत कर रही हैं. वहीं, दूध एवं दुग्ध उत्पादन बनाने वाली प्रतिष्ठित कंपनी सीपी मिल्क का प्लांट भी भविष्य में यहां स्थापित करने की तैयारी चल रही है. राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और डेयरी सर्विसेज द्वारा मंडल स्तर पर महिला सदस्यों का संगठन खड़ा कर दूध के कारोबार को बढ़ाया जाएगा. गोरखपुर में कुल 1294 ग्राम पंचायतें, जबकि मंडल में कुल 4364 ग्राम पंचायतें हैं. इनमें कुल 260 दुग्ध उत्पादन समितियां ही काम कर रही हैं. इसके बावजूद यहां दुग्ध उत्पादन नहीं बढ़ पा रहा है.

गोरखपुर पराग डेयरी के जीएम अनिल सिंह कहते हैं कि उत्पादन से लेकर प्लांट तक दूध लाने के सारे प्रयास हो रहे हैं. इसके बावजूद पशुपालकों का रुझान नहीं बढ़ रहा है. उन्होंने बताया कि बड़ी क्षमता के इस प्लांट का रखरखाव भी प्रभावित हो रहा है. वहीं, डेयरी संचालक हेमंत यादव ने बताया कि पशुपालकों को दूध का मुंह मांगा मूल्य नहीं मिल पाता है. पशु आहार के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. हरा पशु आहार और महंगा होता जा रहा है. जबकि पशुओं की संख्या बढ़ नहीं रही है. ऐसे में दूध की मात्रा कैसे बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि गोरखपुर महानगर में छोटी-बड़ी कुल 60 डेरिया हैं. इनके सहारे पूरे शहर को दूध सप्लाई नहीं किया जा सकता है. यही कारण है कि बाहरी कंपनियां आकर दूध सप्लाई में अपना धाक जमा रही हैं.

यह भी पढ़ें- Gorakhpur Air Force Station: 'अपनी सेना को जाने' अभियान में दिखी एयर फोर्स की ताकत, हैरतअंगेज कारनामे से गूंज उठा आसमान

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.