गोरखपुर: 14 नवंबर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन पूरे देश में बाल दिवस के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर स्कूलों में कार्यक्रम होते हैं और बच्चों को चाचा नेहरू के बारे में बताया जाता है. नेहरू जी से जुड़ी तमाम यादों को भी बताया जाता है. ऐसे ही यादों से गोरखपुर का भी नाता है. जहां आजादी की लड़ाई के दौरान पंडित नेहरू 17 दिनों तक गोरखपुर जेल में बंद रहे थे. तत्कालीन जिलाधिकारी के आदेश पर उन्हें यहां बंद किया गया और फिर देहरादून जिला स्थानांतरित कर दिया गया.
1940 में गोरखपुर आए थे पंडित नेहरू
सन् 1940 में पंडित नेहरू गोरखपुर आए थे और यहां के लोगों को तीन स्थानों पर संबोधित किया था. नेहरू 7 नवंबर 1940 से सत्याग्रह आरंभ करने वाले थे और उसी के क्रम में व्यापक जन जागरण चला रहे थे, लेकिन 3 नवंबर 1940 को तत्कालीन डीएम ईडी मॉस ने उन्हें 4 साल के लिए जेल भेज दिया.
गोरखपुर जेल से स्थांनातरित हुए नेहरू तो बंदी हुए परेशान
महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत की आजादी के लिए लोगों से उठ खड़े होने का आह्वान करने के लिए नेहरू जी जन जागरण पर निकल चुके थे. जिसके क्रम में गोरखपुर पहुंचे और छह और सात अक्टूबर को गोरखपुर में तीन सभाएं की. उन्हें सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई थी. गोरखपुर जेल में भी रहते हुए वह काफी सरलता से रहे और जब देहरादून जेल भेजे जा रहे थे तो यहा के बंदी परेशान हो उठे थे.
नेहरू जी को गोरखपुर जेल से देहरादून के लिए स्थानांतरित कर दिए गया था. उन्हें गोरखपुर जेल में 4 नवंबर को रखा गया था. आजादी के बाद उनकी स्मृति में जेल के अंदर एक कक्ष बनाया गया है. जहां राजनीतिक बंदी रखे जाते हैं.
डॉ. रामधनी राही, जेल अधीक्षक