गोरखपुर: गोरखपुर की सूरत बदलने और सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास में लगे मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी बहुत जल्द शासन से हरी झंडी मिलने वाली है. गोरखपुर में मेट्रो रेल चले इसको लेकर डीपीआर बनाने और उसपर मंथन करने के लिए अधिकारियों की टीम ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. निर्माण में कहां परेशानी आ सकती है और उसका निराकरण कैसे होगा, इसपर लखनऊ से आए अधिकारियों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण सभागार में बैठक कर रणनीति बनाई.
गोरखपुर में मेट्रो की बात योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद ही किए थे. पिछले साल से गोरखपुर में मेट्रो चलाए जाने और डीपीआर बनाने को लेकर पूरा मंथन हुआ है. मेट्रो मैन ई श्रीधरन भी मेट्रो के दोनों रूटों का निरीक्षण कर चुके हैं. डीपीआर में संशोधन का जो प्रस्ताव दिए थे. इस पर काम भी हुआ है.
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डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलने और बजट स्वीकृत होने से पहले एक बार अधिकारियों ने रही सही कमियों को भी परखने का काम किया है, क्योंकि मेट्रो दो कॉरिडोर में 27 किलोमीटर की लंबाई में बनाया जाएगा. जिस पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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गोरखपुर में मेट्रो दो रूट पर चलेगी. पहला रूट श्याम नगर से सूबा बाजार का है, जो करीब 17 किलोमीटर की लंबाई का है. इसी रुट पर गोरखनाथ मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, गोरखपुर विश्वविद्यालय, एम्स और मदन मोहन मालवीय प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय है. यह माना जा रहा है कि निर्माण जब भी शुरू होगा तो पहले इसी रुट पर होगा. वहीं दूसरा रूट गुलरिहा से ट्रांसपोर्ट नगर तक करीब साढ़े दस किलोमीटर का है. इस रूट पर प्रमुख बाजार और बीआरडी मेडिकल कॉलेज है. फिलहाल प्रोजेक्ट के हिसाब से यहां मिनी मेट्रो चलाई जाएगी, जो दो बोगी की होगी और 400 यात्रियों को ले जा सकेगी.