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गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की तैयारी, सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट पर अधिकारियों की कसरत जारी

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को बहुत जल्द शासन से हरी झंडी मिलने वाली है. इसको लेकर लखनऊ से आए अधिकारियों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण सभागार में बैठक कर रणनीति बनाई.

गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की तैयारी तेज.
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Published : Sep 24, 2019, 5:26 PM IST

गोरखपुर: गोरखपुर की सूरत बदलने और सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास में लगे मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी बहुत जल्द शासन से हरी झंडी मिलने वाली है. गोरखपुर में मेट्रो रेल चले इसको लेकर डीपीआर बनाने और उसपर मंथन करने के लिए अधिकारियों की टीम ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. निर्माण में कहां परेशानी आ सकती है और उसका निराकरण कैसे होगा, इसपर लखनऊ से आए अधिकारियों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण सभागार में बैठक कर रणनीति बनाई.

गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की तैयारी तेज.

गोरखपुर में मेट्रो की बात योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद ही किए थे. पिछले साल से गोरखपुर में मेट्रो चलाए जाने और डीपीआर बनाने को लेकर पूरा मंथन हुआ है. मेट्रो मैन ई श्रीधरन भी मेट्रो के दोनों रूटों का निरीक्षण कर चुके हैं. डीपीआर में संशोधन का जो प्रस्ताव दिए थे. इस पर काम भी हुआ है.

ये भी पढ़ें- गुजरात की 'गिफ्ट सिटी' को संवारेगी एमएमएमयूटी, ऊर्जा के क्षेत्र में होगा काम

डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलने और बजट स्वीकृत होने से पहले एक बार अधिकारियों ने रही सही कमियों को भी परखने का काम किया है, क्योंकि मेट्रो दो कॉरिडोर में 27 किलोमीटर की लंबाई में बनाया जाएगा. जिस पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: योगी सरकार की कैबिनेट बैठक आज, कई प्रस्ताव होंगे पेश

गोरखपुर में मेट्रो दो रूट पर चलेगी. पहला रूट श्याम नगर से सूबा बाजार का है, जो करीब 17 किलोमीटर की लंबाई का है. इसी रुट पर गोरखनाथ मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, गोरखपुर विश्वविद्यालय, एम्स और मदन मोहन मालवीय प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय है. यह माना जा रहा है कि निर्माण जब भी शुरू होगा तो पहले इसी रुट पर होगा. वहीं दूसरा रूट गुलरिहा से ट्रांसपोर्ट नगर तक करीब साढ़े दस किलोमीटर का है. इस रूट पर प्रमुख बाजार और बीआरडी मेडिकल कॉलेज है. फिलहाल प्रोजेक्ट के हिसाब से यहां मिनी मेट्रो चलाई जाएगी, जो दो बोगी की होगी और 400 यात्रियों को ले जा सकेगी.

गोरखपुर: गोरखपुर की सूरत बदलने और सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास में लगे मुख्यमंत्री योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट को भी बहुत जल्द शासन से हरी झंडी मिलने वाली है. गोरखपुर में मेट्रो रेल चले इसको लेकर डीपीआर बनाने और उसपर मंथन करने के लिए अधिकारियों की टीम ने प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेज दिया है. निर्माण में कहां परेशानी आ सकती है और उसका निराकरण कैसे होगा, इसपर लखनऊ से आए अधिकारियों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण सभागार में बैठक कर रणनीति बनाई.

गोरखपुर में मेट्रो ट्रेन दौड़ाने की तैयारी तेज.

गोरखपुर में मेट्रो की बात योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद ही किए थे. पिछले साल से गोरखपुर में मेट्रो चलाए जाने और डीपीआर बनाने को लेकर पूरा मंथन हुआ है. मेट्रो मैन ई श्रीधरन भी मेट्रो के दोनों रूटों का निरीक्षण कर चुके हैं. डीपीआर में संशोधन का जो प्रस्ताव दिए थे. इस पर काम भी हुआ है.

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डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलने और बजट स्वीकृत होने से पहले एक बार अधिकारियों ने रही सही कमियों को भी परखने का काम किया है, क्योंकि मेट्रो दो कॉरिडोर में 27 किलोमीटर की लंबाई में बनाया जाएगा. जिस पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

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गोरखपुर में मेट्रो दो रूट पर चलेगी. पहला रूट श्याम नगर से सूबा बाजार का है, जो करीब 17 किलोमीटर की लंबाई का है. इसी रुट पर गोरखनाथ मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, गोरखपुर विश्वविद्यालय, एम्स और मदन मोहन मालवीय प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय है. यह माना जा रहा है कि निर्माण जब भी शुरू होगा तो पहले इसी रुट पर होगा. वहीं दूसरा रूट गुलरिहा से ट्रांसपोर्ट नगर तक करीब साढ़े दस किलोमीटर का है. इस रूट पर प्रमुख बाजार और बीआरडी मेडिकल कॉलेज है. फिलहाल प्रोजेक्ट के हिसाब से यहां मिनी मेट्रो चलाई जाएगी, जो दो बोगी की होगी और 400 यात्रियों को ले जा सकेगी.

Intro:गोरखपुर। गोरखपुर की सूरत बदलने और सुविधाओं को बढ़ाने के प्रयास में लगे मुख्यमंत्री योगी नाथ के एक ड्रीम प्रोजेक्ट को भी बहुत जल्द शासन से हरी झंडी मिलने वाली है। गोरखपुर में मेट्रो रेल चले इसको लेकर डीपीआर बनाने और उसपर मंथन करने कर अधिकारियों की टीम ने तैयार डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट शासन को भेज दिया है। बस स्वीकृति होनी बाकी है। निर्माण में कहां परेशानी आ सकती है और उसका निराकरण कैसे होगा इसपर लखनऊ से आये अधिकारियों ने गोरखपुर विकास प्राधिकरण सभागार में बैठक कर रणनीति बनाई है। हालांकि इसका निर्माण शुरू होने के साथ पूरे होने में करीब 4 साल लगेंगे लेकिन इसको लेकर अधिकारियों की जोरदार कवायद और डीपीआर पर मंथन जारी है।

नोट--कम्प्लीट पैकेज , वॉइस ओवर अटैच है।


Body:गोरखपुर में मेट्रो बनाई जाएगी इसकी घोषणा योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अपनी कैबिनेट की पहली बैठक के बाद ही किए थे। पिछले साल से गोरखपुर में मेट्रो चलाएं जाने और डीपीआर बनाने को लेकर पूरा मंथन हुआ है। मेट्रो मैन ई श्रीधरन भी मेट्रो के दोनों रूटों का निरीक्षण कर चुके हैं और डीपीआर में संशोधन का जो प्रस्ताव दिए थे इस पर काम भी हुआ है। यही वजह है की डीपीआर को शासन से हरी झंडी मिलने और बजट स्वीकृत होने से पहले एक बार अधिकारियों ने रही सही कमियों को भी परखने का काम किया है। क्योंकि मेट्रो दो कॉरिडोर में 27 किलोमीटर की लंबाई में मनाया जाएगा जिस पर करीब 4000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

बाइट--ए. दिनेश कुमार, उपाध्यक्ष, जीडीए


Conclusion:गोरखपुर में मेट्रो रूट पर चलेगी पहला रूट श्याम नगर से सूबा बाजार का है जो करीब साढे 16 किलोमीटर की लंबाई का है। इसी रुट पर गोरखनाथ मंदिर, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, गोरखपुर विश्वविद्यालय, एम्स और मदन मोहन मालवीय प्रद्योगिकी विश्वविद्यालय है। सूत्रों की माने तो निर्माण जब भी शुरू होगा तो पहले इसी रुट पर होगा। वहीं दूसरा रूट गुलरिहा से ट्रांसपोर्ट नगर तक करीब साढ़े दस किलोमीटर का है। इस रूट पर प्रमुख बाजार और बीआरडी मेडिकल कॉलेज है। फिलहाल प्रोजेक्ट के हिसाब से यहां मिनी मेट्रो चलाई जाएगी जो दो बोगी की होगी और 400 यात्रियों को ले जा सकेगी।

क्लोजिंग पीटीसी
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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