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गोरखपुर: गंगाजल चाहिए तो पहुंचिए हेड पोस्ट ऑफिस

सावन के महीने में गंगाजल का महत्व काफी बढ़ जाता है. प्रमुख तीर्थ स्थलों पर भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर भक्तों को जल चढ़ाने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यही वजह है कि डाक विभाग ने गंगाजल की खुली बिक्री की पहल शुरू की है. यहां ऋषिकेश और गंगोत्री के जल अलग-अलग मात्रा में उपलब्ध हैं.

गोरखपुर के प्रधान डाक घर में मिल रहा है गंगाजल
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Published : Jul 19, 2019, 7:04 PM IST

गोरखपुर: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के भक्तों पर डाक विभाग भी मेहरबान हो गया है. भक्तों को गंगाजल लेने के लिए दूर तक दौड़ न लगानी पड़े और कम खर्चे में ही उन्हें शुद्ध गंगाजल मिल जाए इसका प्रबंध प्रधान डाकघर ने किया है. इसके लिए अपने परिसर में एक स्टॉल लगाकर शुक्रवार से गंगाजल की खुली बिक्री करना शुरू कर दिया है.

गोरखपुर के प्रधान डाक घर में मिल रहा है गंगाजल.

इसमें ऋषिकेश और गंगोत्री के जल अलग-अलग मात्रा में उपलब्ध हैं. इनकी कीमत भी अलग-अलग है. डाक विभाग का मानना है कि सावन के महीने में वह लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सफल होगा और साथ ही उसकी आमदनी भी बढ़ेगी.

गंगाजल के खुली बिक्री का प्लान

केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गंगाजल के बिक्री का प्लान बनाया गया था. इसके लिए डाकघर को केंद्र बनाया गया था. यही वजह है कि डाकघर गंगाजल की बिक्री के लिए खुला काउंटर लगाए हुए हैं. इन काउंटर पर 250 मिली गंगोत्री गंगा जल की कीमत 30 रुपये है तो ऋषिकेश का 500 मिली गंगा जल मात्र 22 रुपये में उपलब्ध है. डाकघर के तीन कर्मचारी इस स्टॉल को संभाल रहे हैं. जहां गंगाजल खरीदने वाले लोग भी पहुंच रहे हैं. जरूरतमंद लोग सरकार के इस प्रयास की सराहना करने से नहीं चूक रहे. उनका कहना है कि दौड़, भाग, किराए के खर्च की बचत के बीच शुद्ध गंगाजल मिल जाए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है.

गोरखपुर: सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के भक्तों पर डाक विभाग भी मेहरबान हो गया है. भक्तों को गंगाजल लेने के लिए दूर तक दौड़ न लगानी पड़े और कम खर्चे में ही उन्हें शुद्ध गंगाजल मिल जाए इसका प्रबंध प्रधान डाकघर ने किया है. इसके लिए अपने परिसर में एक स्टॉल लगाकर शुक्रवार से गंगाजल की खुली बिक्री करना शुरू कर दिया है.

गोरखपुर के प्रधान डाक घर में मिल रहा है गंगाजल.

इसमें ऋषिकेश और गंगोत्री के जल अलग-अलग मात्रा में उपलब्ध हैं. इनकी कीमत भी अलग-अलग है. डाक विभाग का मानना है कि सावन के महीने में वह लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सफल होगा और साथ ही उसकी आमदनी भी बढ़ेगी.

गंगाजल के खुली बिक्री का प्लान

केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गंगाजल के बिक्री का प्लान बनाया गया था. इसके लिए डाकघर को केंद्र बनाया गया था. यही वजह है कि डाकघर गंगाजल की बिक्री के लिए खुला काउंटर लगाए हुए हैं. इन काउंटर पर 250 मिली गंगोत्री गंगा जल की कीमत 30 रुपये है तो ऋषिकेश का 500 मिली गंगा जल मात्र 22 रुपये में उपलब्ध है. डाकघर के तीन कर्मचारी इस स्टॉल को संभाल रहे हैं. जहां गंगाजल खरीदने वाले लोग भी पहुंच रहे हैं. जरूरतमंद लोग सरकार के इस प्रयास की सराहना करने से नहीं चूक रहे. उनका कहना है कि दौड़, भाग, किराए के खर्च की बचत के बीच शुद्ध गंगाजल मिल जाए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है.

Intro:गोरखपुर। सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ के भक्तों पर डाक विभाग भी मेहरबान हो गया है। भक्तों को गंगाजल लेने के लिए दूर तक दौड़ न लगाना पड़े और कम खर्चे में ही ने उन्हें शुद्ध गंगाजल मिल जाए इसका उपाय प्रधान डाकघर ने किया है। जिसके के लिए अपने परिसर में एक स्टाल लगाकर आज से गंगाजल की खुली बिक्री उसने शुरू कर दिया है। जिसमें ऋषिकेश और गंगोत्री के जल अलग-अलग मात्रा में उपलब्ध हैं। जिनकी कीमत भी अलग अलग है। डाक विभाग का मानना है कि सावन के महीने में वह लोगों की जरूरतों को पूरा करने में सफल होगा तो उसकी आमदनी भी बढ़ेगी।

नोट--कम्प्लीट पैकेज...वॉइस ओवर अटैच है।


Body:केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद गंगाजल के बिक्री का प्लान बनाया गया था। जिसके लिए डाकघर को केंद्र बनाया गया था। यही वजह है कि डाकघर गंगाजल की बिक्री में खुला काउंटर लगाए बैठे हैं। इनके काउंटर पर 250 मिली लीटर गंगोत्री से निकलने वाले गंगा जल की कीमत 30 रुपये है तो ऋषिकेश का 500 मिली लीटर जल मात्र 22 रुपये में उपलब्ध है। डाकघर के तीन कर्मचारी इस सेंटर को संभाल रहे हैं जहां गंगाजल खरीदने वाले लोग भी पहुंच रहे हैं। युवा भी इसे कौतूहल भरी नजरों से देख रहे हैं तो जरूरतमंद सरकार के इस प्रयास की सराहना करने से नहीं चूक रहे। उनका कहना है कि दौड़ भाग, किराए के ख़र्च के बचत के बीच शुद्ध गंगाजल मिल जाए इससे बड़ी बात और क्या हो सकती है।

बाइट- अरविंद कुमार सुमन, चीफ एकाउंटेंट, प्रधान डाकघर(चेक शर्ट में)
बाइट--संदीप गुप्ता, खरीदार


Conclusion:सावन के महीने में गंगाजल का महत्व काफी बढ़ जाता है। प्रमुख तीर्थ स्थल पर भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर भक्तों को जल चढ़ाने के लिए गंगाजल लाने में कई किलोमीटर की यात्रा भी करनी पड़ती है साथ ही कठिनाई भी उठानी पड़ती है। यही वजह है कि डाक विभाग ने गंगाजल बिक्री की जो पहल शुरू की है उसमें उसकी पैकेजिंग मात्र दो तरह की है। जिससे भक्तों को खरीदने में भी कम पैसे खर्च हो और ले जाने में भी कठिनाई ना हो। शुक्रवार से शुरू हुई गोरखपुर में इसकी बिक्री दोपहर 2:00 बजे तक करीब 200 बोतल हो चुकी थी जो 80 लीटर से ज्यादा की मात्रा में है।

क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
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