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रेल यात्रा के दौरान इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाना हुआ 5 गुना महंगा

पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की फीस में पांच गुना इजाफा किया है. हालांकि लावारिस यात्री और जहरखुरानी के शिकार लोगों को फिलहाल इससे छूट दी गई है.

डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा.
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Published : Jul 13, 2019, 3:20 PM IST

गोरखपुर: चलती ट्रेन में डॉक्टर से परामर्श लेना अब पहले की अपेक्षा 5 गुना महंगा हो गया है. पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा कर दिया है. यही नहीं दवा का मूल्य भी अलग से देना होगा और यह शुल्क यात्री मित्र कार्यालय में जमा होगा. लावारिस यात्री और जहरखुरानी के शिकार लोगों को फिलहाल इससे छूट दी गई है.

डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा.

डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा

  • रेलवे में यात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था तीन साल पहले लागू की गई थी.
  • गर्मी के दिनों में रोजाना दो से तीन डॉक्टर बुलाए जाते थे.
  • अप्रैल में कुल 28 मरीज, मई में 33 और जून में 41 यात्रियों ने सफर के दौरान डॉक्टर बुलाकर इलाज कराया.
  • खास बात यह है कि इन डॉक्टरों को गोरखपुर, बस्ती, गोंडा और लखनऊ के स्टेशन पर ही बुलाया जाता है.
  • बाकी जगहों पर अभी यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है, जहां शुरू करने के लिए रेलवे प्रयासरत है.

पहले जिन डॉक्टरों को बुलाया जाता था, उनको 20 रुपये टोकन मनी के रूप में फीस दी जाती थी, अब बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है.

-पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर

गोरखपुर: चलती ट्रेन में डॉक्टर से परामर्श लेना अब पहले की अपेक्षा 5 गुना महंगा हो गया है. पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा कर दिया है. यही नहीं दवा का मूल्य भी अलग से देना होगा और यह शुल्क यात्री मित्र कार्यालय में जमा होगा. लावारिस यात्री और जहरखुरानी के शिकार लोगों को फिलहाल इससे छूट दी गई है.

डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा.

डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा

  • रेलवे में यात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था तीन साल पहले लागू की गई थी.
  • गर्मी के दिनों में रोजाना दो से तीन डॉक्टर बुलाए जाते थे.
  • अप्रैल में कुल 28 मरीज, मई में 33 और जून में 41 यात्रियों ने सफर के दौरान डॉक्टर बुलाकर इलाज कराया.
  • खास बात यह है कि इन डॉक्टरों को गोरखपुर, बस्ती, गोंडा और लखनऊ के स्टेशन पर ही बुलाया जाता है.
  • बाकी जगहों पर अभी यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है, जहां शुरू करने के लिए रेलवे प्रयासरत है.

पहले जिन डॉक्टरों को बुलाया जाता था, उनको 20 रुपये टोकन मनी के रूप में फीस दी जाती थी, अब बढ़ाकर 100 रुपये कर दिया गया है.

-पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर

Intro:गोरखपुर। चलती ट्रेन में अगर आप की तबीयत बिगड़ी तो डॉक्टर से परामर्श लेना अब पहले की अपेक्षा 5 गुना महंगा हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे ने अपने क्षेत्र में डॉक्टरों की फीस में भारी इजाफा कर दिया है। यही नहीं दवा का मूल्य भी अलग से देना होगा और यह शुल्क यात्री मित्र कार्यालय में जमा होगा। लावारिस यात्री और जहरखुरानी के शिकार लोगों को फिलहाल इससे छूट दी गई है। नया सर्कुलर लागू भी हो गया है। जिसकी वजह से पीड़ित यात्रियों को अब पहले की अपेक्षा बीस के बजाय परामर्श शुल्क सौ रुपये देना होगा।

नोट-कम्पलीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:रेलवे में यात्रियों की सुविधा के लिए यह व्यवस्था 3 वर्ष पहले लागू की गई थी। गर्मी के दिनों में रोजाना दो से तीन डॉक्टर यहां बुलाए जाते थे। हाल के आंकड़ों की बात करें तो अप्रैल 2019 में कुल 28 मरीज,मई में 33 और जून में 41 यात्रियों ने सफर के दौरान डॉक्टर को बुलाया और इलाज कराया। खास बात यह है कि इन डॉक्टरों को गोरखपुर, बस्ती, गोंडा और लखनऊ के स्टेशन पर ही बुलाया जाता है। बाकी जगहों पर अभी यह व्यवस्था लागू नहीं हो पाई है। जहां शुरू करने के लिए रेलवे प्रयासरत है। एनईआर के सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल एरोस था लागू कर दी गई है।

बाइट--पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर


Conclusion:सूत्रों की मानें तो रेलवे को यह कदम इसलिए उठाना पड़ा हैं क्योंकि सामान्य तौर पर लोग खांसी,बुखार और पेट दर्द की शिकायतों में भी डॉक्टर को कॉल कर लेते थे। जबकि यह व्यवस्था गंभीर मामलों के लिए बनाई गई थी। फिलहाल डॉक्टर की जो फीस निर्धारित की गई है वह मौजूदा दौर मैं डॉक्टरों की बेतहाशा बढ़ी फीस के मुकाबले कुछ भी नहीं है। फिर भी एक ऐसी संस्था जो अपने यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए तरह तरह के उपाय कर रही हो, अगर उसके द्वारा किसी सुविधा में 5 गुना की बढ़ोतरी की जाती है तो हैरानी बढ़ ही जाएगी।

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मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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