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गोरखपुर: पूर्वोत्तर रेलवे ने चलाया अभियान, सफाई के साथ कमाई का बेहतर प्लान

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रेलवे स्टेशनों पर चलाया जाएगा सफाई अभियान. अब रेलवे स्टेशन पर न होगी गंदगी और न गंदगी करने वाले लोग.

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Published : Aug 16, 2019, 7:32 PM IST

रेलवे स्टेशन अब दिखेगा साफ-सुथरा.

गोरखपुर: जिले में रेलवे स्टेशनों पर सफाई को लेकर रेलवे प्रशासन ने कूड़ा प्रबंधन पर मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर आने वाले समय में न तो गंदगी मिलेगी और न ही गंदगी फैलाने वाले लोग. इस मास्टर प्लान के जरिए स्टेशन से गंदगी भी उठ जाएगी और यात्रियों को दुर्गंध से परेशानी भी नहीं होगी.

रेलवे स्टेशन अब दिखेगा साफ-सुथरा.

रेलवे का स्वच्छता की तरफ एक कदम-
स्वच्छता की तरफ रेलवे का यह कदम लोगों के लिए उपयोगी होगा तो वहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी लाभकारी होगा. पूर्वोत्तर रेलवे के मास्टर प्लान के तहत स्टेशन पर एकत्र कूड़े से सभी तरह के कचरे को अलग किया जाएगा.

कचरे की होगी छटाई-
इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले प्लास्टिक के कचरे की छटाई होगी, फिर सूखा और गीला कचरा अलग किया जाएगा. इसके लिए रेलवे प्रशासन ने एक एजेंसी को हायर किया है, जो जिला समेत कुल 8 स्टेशनों पर इस तरह के सफाई अभियान चलाएगा.

अब स्टेशनों पर चलेगा सफाई अभियान-
जिन स्टेशनों पर यह सफाई अभियान चलेगा उनमें गोरखपुर जंक्शन, खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, बादशाह नगर, मानक नगर, ऐशबाग और लखनऊ जंक्शन शामिल हैं. पहले चरण में एजेंसी कूड़े के ढेर से प्लास्टिक को अलग कर निस्तारित करेगी. प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग कर उससे नई सामग्री बनाई जाएगी. खास बात यह है कि एजेंसी प्लास्टिक के कचरे के बदले रेलवे को प्रति किलो की दर से कुछ मूल्य का भुगतान भी करेगी.

नई मशीनों का होगा उपयोग-

खाद बनाने के लिए स्टेशनों के आस-पास अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी, जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रेलवे के अंदर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट का यह बेहतर तरीका अपनाया गया है, जिसके जरिए रेलवे में बेहतर साफ-सफाई नजर आएगी. रेलवे को इससे मुनाफा भी होगा.

गोरखपुर: जिले में रेलवे स्टेशनों पर सफाई को लेकर रेलवे प्रशासन ने कूड़ा प्रबंधन पर मास्टर प्लान तैयार कर लिया है. पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर आने वाले समय में न तो गंदगी मिलेगी और न ही गंदगी फैलाने वाले लोग. इस मास्टर प्लान के जरिए स्टेशन से गंदगी भी उठ जाएगी और यात्रियों को दुर्गंध से परेशानी भी नहीं होगी.

रेलवे स्टेशन अब दिखेगा साफ-सुथरा.

रेलवे का स्वच्छता की तरफ एक कदम-
स्वच्छता की तरफ रेलवे का यह कदम लोगों के लिए उपयोगी होगा तो वहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी लाभकारी होगा. पूर्वोत्तर रेलवे के मास्टर प्लान के तहत स्टेशन पर एकत्र कूड़े से सभी तरह के कचरे को अलग किया जाएगा.

कचरे की होगी छटाई-
इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले प्लास्टिक के कचरे की छटाई होगी, फिर सूखा और गीला कचरा अलग किया जाएगा. इसके लिए रेलवे प्रशासन ने एक एजेंसी को हायर किया है, जो जिला समेत कुल 8 स्टेशनों पर इस तरह के सफाई अभियान चलाएगा.

अब स्टेशनों पर चलेगा सफाई अभियान-
जिन स्टेशनों पर यह सफाई अभियान चलेगा उनमें गोरखपुर जंक्शन, खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, बादशाह नगर, मानक नगर, ऐशबाग और लखनऊ जंक्शन शामिल हैं. पहले चरण में एजेंसी कूड़े के ढेर से प्लास्टिक को अलग कर निस्तारित करेगी. प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग कर उससे नई सामग्री बनाई जाएगी. खास बात यह है कि एजेंसी प्लास्टिक के कचरे के बदले रेलवे को प्रति किलो की दर से कुछ मूल्य का भुगतान भी करेगी.

नई मशीनों का होगा उपयोग-

खाद बनाने के लिए स्टेशनों के आस-पास अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी, जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रेलवे के अंदर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट का यह बेहतर तरीका अपनाया गया है, जिसके जरिए रेलवे में बेहतर साफ-सफाई नजर आएगी. रेलवे को इससे मुनाफा भी होगा.

Intro:गोरखपुर। यात्रीगण कृपया ध्यान दें। पूर्वोत्तर रेलवे के स्टेशनों पर आने वाले समय में आपको न तो गंदगी मिलेगी और न ही गंदगी फैलाने वाले लोग। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कूड़ा प्रबंधन को लेकर एक ऐसा मास्टर प्लान तैयार किया है जिसके जरिए स्टेशन से गंदगी भी उठ जाएगी और यात्रियों को दुर्गंध से परेशानी भी नहीं होगी। स्वच्छता की तरफ रेलवे का जहां यह कदम लोगों के लिए उपयोगी होगा तो पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी लाभकारी होगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने कूड़ा प्रबंधन के लिए जो मास्टर प्लान तैयार किया है उसके तहत स्टेशन पर एकत्र कूड़े से सभी तरह के कचरे को अलग किया जाएगा।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।


Body:इस प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले प्लास्टिक के कचरे की छटाई होगी फिर सूखा और गीला कचरा अलग किया जाएगा। इसके लिए रेलवे प्रशासन ने एक एजेंसी को हायर किया है जो गोरखपुर समेत कुल 8 स्टेशनों पर इस तरह के सफाई अभियान चलाएगा। जिन स्टेशनों पर यह सफाई अभियान चलेगा उनमें गोरखपुर जंक्शन, खलीलाबाद, बस्ती, गोंडा, बादशाह नगर, मानक नगर, ऐशबाग और लखनऊ जंक्शन शामिल हैं। पहले चरण में एजेंसी कूड़े के ढेर से प्लास्टिक को अलग कर निस्तारित करेगी। प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग कर उससे नई सामग्री बनाई जाएगी। खास बात यह है कि एजेंसी प्लास्टिक के कचरे के बदले रेलवे को प्रति किलो की दर से कुछ मूल्य का भुगतान भी करेगी।

बाइट--पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनईआर


Conclusion:दूसरे चरण में गीले कचरे का प्रबंधन किया जाएगा। इसमें खाद्य पदार्थ आदि शामिल होंगे। गीले कचरे को रीसाइक्लिंग कर खाद बनाई जाएगी और खाद बनाने के लिए स्टेशनों के आस-पास अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। जिसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। रेलवे के अंदर सॉलि़ड वेस्ट मैनेजमेंट का यह बेहतर तरीका अपनाया गया है जिसके जरिए रेलवे में बेहतर साफ-सफाई नजर आएगी तो रेलवे को इससे आय भी होगी। यही नहीं जो सबसे खास बात होगी वह यह कि यात्रियों को स्वच्छता को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी और भारतीय रेल इस श्रेणी में भी अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब होगी।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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