गोरखपुर: भारतीय रेलवे में स्ट्रक्चरल बदलाव होने जा रहे हैं. इस बदलाव के बाद रेलवे में भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह बदल जाएगी और इसका नाम (IRMS) इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस हो जाएगा. रेलवे की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग कराएगा. रेलवे में अलग-अलग विभागों के लिए अलग-अलग परीक्षाएं नहीं होंगी. सभी क्षेत्रों में काम करने वाले अधिकारियों का चयन इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत किया जाएगा. इस बात का खुलासा पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने पत्रकारों से बातचीत में किया है.
पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक की ईटीवी से खास बातचीत
राजीव अग्रवाल ने कहा कि रेलवे में जो डेढ़ सौ साल पुराना स्ट्रक्चर था, उसकी इफेक्टिवेनेस कम होती जा रही थी. जिस हिसाब से मौजूदा दौर में टेक्नोलॉजी में परिवर्तन हो रहा है, उससे यह जरूरत आन पड़ी थी कि डिसीजन फास्ट हो. जो जनता की उम्मीदों और देश के हिसाब से हो. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड ने स्ट्रक्चरल बदलाव करने जा रहा है जो अभी तक डिपार्टमेंटल आधारित था. उन्होंने कहा कि इसे अब फाइनेंशियल आधारित किया जाएगा, जिससे रेलवे और यात्रियों दोनों को फायदा होगा.
राजीव अग्रवाल ने बताया कि आने वाले साल 2021 से रेलवे में उच्च पदों पर भर्ती की प्रक्रिया एक श्रेणी आधारित होगी, जिसको IRMS नाम दिया गया है और इसे संघ लोक सेवा आयोग आयोजित करेगा. जिससे बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट में भी काफी मदद मिलेगी.
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पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने कहा कि इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस के तहत अब उन आठ विभागों की सिर्फ एक परीक्षा आयोजित की जा सकेगी, जो पहले अलग अलग हुआ करती थी. उन्होंने इस दौरान कहा कि रेलवे में निजी क्षेत्र को काम देने पर तेजी के साथ विचार किया जा रहा है, क्योंकि रेलवे के पास अपने निश्चित संसाधन है और इसमें इजाफा तभी संभव हो सकता है जब निजी क्षेत्र के लोगों की भागीदारी बढ़ाई जाए.
उन्होंने तेजस जैसी ट्रेन का उदाहरण देते हुए कहा कि आने वाले समय में ऐसी और कई निजी ट्रेनें रेलवे के अंदर चलाए जाने का प्रस्ताव है,जिससे यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी तो रेलवे को मिलने वाली इनकम से और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर को तैयार किया जा सकेगा.