गोरखपुरः राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर निषाद पार्टी ने सदस्यता और हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है. निषाद पार्टी के पदाधिकारियों ने एक करोड़ सदस्य बनाने का संकल्प लिया है. निषाद पार्टी का सदस्यता अभियान पूरे 60 दिन यानी दो महीने तक चलेगा. इस दौरान निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय ने 13 जनवरी को महासम्मेलन में लाखों लोगों के बीच संकल्प लिया था, कि विशेष अभियान के तहत मतदान दिवस पर सदस्यता अभियान शुरू किया जाएगा. इसी कड़ी में सोमवार से सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई है.
एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाने की तैयारी
निषाद पार्टी 20 रुपए लेकर एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाने का कार्य करेगी. जो पूरे प्रदेश में 60 दिनों तक चलेगा. निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) का विशाल सदस्यता और हस्ताक्षर अभियान पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय पादरी बाजार से शुरू हुआ. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद अपने परिवार के सभी सदस्यों, जिला कमेटी, प्रदेश कमेटी और देश की कार्यकारिणी के सदस्यों ने अपने परिवार के सभी लोगों के साथ पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इस दौरान निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर संजय निषाद ने कहा कि सदस्यता अभियान के साथ हस्ताक्षर अभियान भी चलेगा.
अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने की तैयारी
डॉ संजय निषाद ने कहा कि हस्ताक्षर अभियान अनुसूचित जाति का आरक्षण दिलाने को लिए होगा. एक करोड़ लोगों को सदस्य बनाकर 18 प्रतिशत आबादी को जागरूक करना है. इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि खून से प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और जेपी नड्डा के नाम पत्र लिखा गया है. संजय निषाद ने कहा प्रधानमंत्री को निषाद समाज की मांगों को पूरा करना चाहिए.
पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी निषाद पार्टी
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) ने अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने की मांग को लेकर शुरू किए आंदोलन के बूते ही अपनी राजनीति चमकाई. साल 2017 के उप चुनाव में बेटे प्रवीण निषाद को सपा से गोरखपुर सीट पर टिकट दिलाकर जीत सुनिश्चित कर जहां बड़ा उलटफेर कर इतिहास रच दिया. तो वहीं साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन कर संतकबीरनगर सीट से बेटे प्रवीण निषाद को टिकट दिलवाकर जीत सुनिश्चित करवा दी. लेकिन निषाद और उप जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के वादे को बीजेपी के पूरा नहीं करने से उन्हें समाज के आक्रोश का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसे में उन्हें डर है कि कहीं उनका जनाधार न कम होने लगे. यही वजह है कि निषाद पार्टी ने पंचायत चुनाव सभी सीटों पर अकेले लड़ने का ऐलान भी कर दिया है.