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गोरखपुर कारागार में 9 कैदी HIV पॉजिटिव, बचाव में उतरी भाजपा

यूपी के गोरखपुर जेल में बंद 9 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. इन कैदियों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग ने शुरू कर दी है. दूसरी ओर नौ कैदियों के एचआईवी पॉजिटिव मिलने के बाद से जिला कारागार में हड़कंप मच गया है.

गोरखपुर जेल के 9 कैदी पाए गए HIV पॉजिटिव
गोरखपुर जेल के 9 कैदी पाए गए HIV पॉजिटिव
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Published : Mar 13, 2021, 7:10 AM IST

Updated : Mar 13, 2021, 1:57 PM IST

गोरखपुर जिला जेल से एक हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है. जेल के 9 कैदियों में एचआईवी पॉजिटिव के लक्षण पाए गए हैं, जिसके बाद जेल और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. शासन के निर्देश पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जिला कारागार के बंदियों की एचआईवी जांच हुई थी, जिसमें 9 बंदी पॉजिटिव पाए गए हैं. इन कैदियों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग ने शुरू भी कर दी है. जिला प्रशासन भी इस रिपोर्ट के बाद इससे निपटने और और अन्य जांच के लिए उपाय में जुटा है.

जानकारी देते भाजपा प्रवक्ता
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच में पुष्टि
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि यह बता पाना मुश्किल है कि इन कैदियों को एचआईवी कहां से हुआ और कब हुआ. फिलहाल जांच में इसकी जानकारी नहीं हो पाती, लेकिन पुष्टि होने के बाद ऐसी कैदियों की निगरानी बढ़ा दी गई है. वहीं जेल अधीक्षक डॉक्टर रामधनी की मानें तो जिन कैदियों में यह लक्षण पाए गए हैं उन्हें जेल में रखा जाए या इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा जाय इन सभी मुद्दों पर विचार चल रहा है. फिलहाल मामला गंभीर है. इसलिए इसको लेकर फैसला जल्दी से जल्दी लिया जाएगा. इस रिपोर्ट से शासन-प्रशासन सभी को अवगत करा दिया गया है.गोरखपुर जिला कारागार में वर्तमान में करीब 18 सौ कैदी बंद हैं, जिनमें 12 सौ कैदियों की जांच हो पाई है. शेष की भी जांच की जानी है. यहां क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. फिलहाल इस संक्रामक बीमारी की जानकारी के बाद जेल और जिला प्रशासन नई व्यवस्था अपनाने में जुटा है.

HIV पॉजिटिव कैदियों का जेल में शुरू हुआ इलाज

वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने बताया कि गोरखपुर जिला कारागार में HIV पॉजिटिव पाये गए 9 कैदियों का इलाज जेल परिसर में ही होगा. बीआरडी मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में इन्हें जेल अस्पातल की देख-रेख में रखा जाएगा. डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार कैदियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगीं. यह बीमारी अब छूने, हाथ मिलाने या गले मिलने से नहीं फैलती. इस लिहाज से बंदियों को जरूरी दवाएं दी जाएंगी और उनकी निगरानी भी की जायेगी.

बचाव में उतरी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक विषय है. कारागार प्रशासन इसको लेकर संजीदगी दिखा रहा है. कैदियों की जांच कराई गयी है. जेल में बहुत सारे गरीब तबके के लोग आते हैं. उनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी.

गोरखपुर जिला जेल से एक हैरान कर देने वाला मामला प्रकाश में आया है. जेल के 9 कैदियों में एचआईवी पॉजिटिव के लक्षण पाए गए हैं, जिसके बाद जेल और जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. शासन के निर्देश पर गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जिला कारागार के बंदियों की एचआईवी जांच हुई थी, जिसमें 9 बंदी पॉजिटिव पाए गए हैं. इन कैदियों की निगरानी स्वास्थ्य विभाग ने शुरू भी कर दी है. जिला प्रशासन भी इस रिपोर्ट के बाद इससे निपटने और और अन्य जांच के लिए उपाय में जुटा है.

जानकारी देते भाजपा प्रवक्ता
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की जांच में पुष्टिबीआरडी मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ अमरेश सिंह ने बताया कि यह बता पाना मुश्किल है कि इन कैदियों को एचआईवी कहां से हुआ और कब हुआ. फिलहाल जांच में इसकी जानकारी नहीं हो पाती, लेकिन पुष्टि होने के बाद ऐसी कैदियों की निगरानी बढ़ा दी गई है. वहीं जेल अधीक्षक डॉक्टर रामधनी की मानें तो जिन कैदियों में यह लक्षण पाए गए हैं उन्हें जेल में रखा जाए या इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा जाय इन सभी मुद्दों पर विचार चल रहा है. फिलहाल मामला गंभीर है. इसलिए इसको लेकर फैसला जल्दी से जल्दी लिया जाएगा. इस रिपोर्ट से शासन-प्रशासन सभी को अवगत करा दिया गया है.गोरखपुर जिला कारागार में वर्तमान में करीब 18 सौ कैदी बंद हैं, जिनमें 12 सौ कैदियों की जांच हो पाई है. शेष की भी जांच की जानी है. यहां क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं. फिलहाल इस संक्रामक बीमारी की जानकारी के बाद जेल और जिला प्रशासन नई व्यवस्था अपनाने में जुटा है.

HIV पॉजिटिव कैदियों का जेल में शुरू हुआ इलाज

वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने बताया कि गोरखपुर जिला कारागार में HIV पॉजिटिव पाये गए 9 कैदियों का इलाज जेल परिसर में ही होगा. बीआरडी मेडिकल कॉलेज और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की निगरानी में इन्हें जेल अस्पातल की देख-रेख में रखा जाएगा. डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार कैदियों को दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगीं. यह बीमारी अब छूने, हाथ मिलाने या गले मिलने से नहीं फैलती. इस लिहाज से बंदियों को जरूरी दवाएं दी जाएंगी और उनकी निगरानी भी की जायेगी.

बचाव में उतरी भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी ने कहा कि यह बहुत चिंताजनक विषय है. कारागार प्रशासन इसको लेकर संजीदगी दिखा रहा है. कैदियों की जांच कराई गयी है. जेल में बहुत सारे गरीब तबके के लोग आते हैं. उनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी.

Last Updated : Mar 13, 2021, 1:57 PM IST
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