गोरखपुर: बेसिक शिक्षा विभाग ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ बालक के प्रधानाध्यापक अलीमुल्ला को अनिवार्य सेवानिवृत्त कर दिया. विभाग के इस कदम से शिक्षकों में हड़ंकप मच गया है. जिले के बेसिक शिक्षा विभाग के इतिहास में किसी शिक्षक को जबरिया रिटायर करने का यह पहला मामला है.
लापरवाही आई सामने
बीएसए बीएन सिंह ने गत वर्ष 28 जनवरी को प्राथमिक विद्यालय गोरखनाथ बालक का औचक निरीक्षण किया था. इस दौरान प्रधानाध्यापक अलीमुल्ला शिक्षण कार्य के दौरान फोन पर बात करते पाये गए. प्रधानाध्यापक विद्यालय के यू-डॉयस कोड और कम्पोजिट ग्रांट के बारे में बीएसए को कोई जानकारी नहीं दे सके. विद्यालय संचालन में इस लापरवाही पर बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी कर जवाब प्रस्तुत करने को कहा था. बीएसए के निरीक्षण के दिन ही खंड शिक्षाधिकारी कैम्पियरगंज ने भी विद्यालय का निरीक्षण किया था. विद्यालय के दस्तावेजों की पड़ताल में पाया गया कि 21-26 जनवरी, 20 तक एमडीएम के रजिस्टर पर अंकन नहीं किया गया था. प्रधानाध्यापक को विद्यालय को मिले धन के अलावा कार्यो के बारे में जानकारी भी नहीं थी. खंड शिक्षाधिकारी ने अपनी जांच में यह पाया कि प्रधानाध्यापक अपने कार्यो के प्रति लापरवाह हैं तथा कार्य करने में असमर्थ हैं. इसको लेकर प्रधानाध्यापक को फिर नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.
शिक्षिकाओं ने प्रधानाध्यापक का स्थानांतरण का अनुरोध किया
प्रधानाध्यापक ने इस बार भी नोटिस का जवाब नहीं दिया. इस बीच विद्यालय में कार्यरत दो शिक्षिकाओं ने नगर शिक्षाधिकारी को प्रार्थनापत्र देकर कहा कि प्रधानाध्यापक द्वारा अपने दायित्वों का निवर्हन नहीं करने पर विद्यालय पिछले कई माह से जांच और चर्चा का केंद्र बना हुआ है. प्रधानाध्यापक एमडीएम, उपस्थिति रजिस्टर को लेकर कोई कार्य नहीं करते और न ही बैठकों में हिस्सा लेते हैं. विभाग की बार-बार चेतावनी के बावजूद प्रधानाध्यापक का व्यवहार सहयोगत्मक नहीं रहता, जिसके कारण विद्यालय के बाकी शिक्षकों को उनका कार्य करना पड़ रहा है. शिक्षिकाओं ने प्रधानाध्यापक का अन्यत्र स्थानान्तरण करने का अनुरोध भी किया.
प्रधानाध्यापक पर लापरवाही की लगातार शिकायतें और विभागीय नोटिसों को अनदेखा करने पर नगर शिक्षाधिकारी ने बीएसए को पत्र लिखकर अलीमुल्ला के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए उनकी स्क्रीनिंग की संस्तुति की. नगर शिक्षाधिकारी की संस्तुति पर विभागीय स्क्रीनिंग समिति ने संपूर्म मामले पर गहनता से विचारण करते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्त किए जाने पर स्वीकृति प्रदान की.