गोरखपुर: दशहरे में बिना रावण के पुतले के कोई भी रामलीला पूरी नहीं होती है. गोरखपुर में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है, जिनके बगैर श्रीराम की लीला अधूरी होती है. परिवार के सभी आठ सदस्य दशहरे के दो महीने पहले से रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले को आकार देना शुरू कर देते हैं.
मुस्लिम परिवार बनाता है रावण का पुतला
बेनीगंज ईदगाह मोहल्ले में रहने वाला मुस्लिम परिवार पिछले पांच पीढ़ियों से गोरखपुर की ऐतिहासिक रामलीला में रावण, मेघनाथ आदि के पुतले बनाता आ रहा है. कुछ सालों पहले तक यह सभी फिल्मों के पोस्टर और वॉल पेंटिंग बनाया करते थे. तमाम व्यवस्थाओं के बीच यह परिवार अगस्त और सितंबर के महीने से रावण के पुतले के निर्माण में लग जाता है.
परिवार की परंपरा का करते आ रहे निर्वाह
गोरखपुर शहर में जहां कहीं भी रामलीला होती है, रावण दहन इसी परिवार के बनाए गए पुतलों से होता है. इन पुतलों से इतनी कमाई नहीं होती, लेकिन पीढ़ियों की परंपरा को निर्वाह करने के लिए यह परिवार पूरी लगन से जुटे रहते हैं.
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मुस्लिम कारीगरों ने कही ये बातें
आसिफ ने बताया कि पिछले कई पीढ़ियों से उनका परिवार अपनी कला का प्रदर्शन करता चला आ रहा है. पहले परिवार के सदस्य फिल्मों के पोस्टर, वॉल पेंटिंग आदि बनाया करते थे. शहर में तमाम जगह की रामलीला में रावण के पुत्रों का भी पुतला इन्हीं के परिवार के सदस्यों द्वारा बनाया जाता है. इसी परंपरा का निर्वाहन आज भी पूरी शिद्दत और लगन के साथ यह परिवार कर रहा है. अफजल बताते हैं कि कमाई तो नहीं होती, लेकिन परिवार की परंपरा का निर्वाहन अपनी कला के माध्यम से किया जाता है.