गोरखपुर: युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की पुण्यतिथि के अवसर पर संगीतमय रामकथा का शनिवार को समापन समारोह था. इस अवसर पर उपस्थित गोरक्ष पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ के पूर्व आचार्यों की पूर्णतिथि पर मंदिर परिसर में प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी लोकमंगल हेतु कथा का आयोजन हुआ. सीएम योगी ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए इस बार तकनीक के माध्यम से रामकथा को लगभग छह लाख लोगों ने देखा व सुना, जो कि प्रसन्नता का विषय है.
- रामकथा के समापन समारोह में पहुंचे सीएम योगी.
- कोरोना को देखते हुए तकनीक के जरिए रामकथा का हुआ प्रसारण.
- करीब 6 लाख लोगों ने घर बैठे रामकथा को देखा और सुना.
बता दें कि सम्पूर्ण कथा "श्रीगोरखनाथ मन्दिर" के फेसबुक पेज एवं यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रसारण किया गया. इसके अलावा कथा सभागार में 80 श्रद्धालुओं की बैठने की व्यवस्था थी. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए भक्तजनों ने कथा को सुना. इस कथा का समापन आरती एवं प्रसाद वितरण के साथ हुआ. मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कथावाचक स्वामी राघवाचार्य जी महाराज, दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास, अयोध्या से महंत धर्मदास, हनुमान मंदिर के महंत प्रेमदास और गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ मौजूद रहे.
कथा वाचन करते हुए कथावाचक स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने कहा कि राम नाम शब्द का कीर्तन करने से अंतःकरण के पाप धुल जाते हैं. परलोक में यदि संदेह हो तो भी पूर्ण कर्म करते रहना चाहिए. संपूर्ण संसार की संगति भगवान के श्री चरणों में होती है. भगवान की शरणागति से बढ़कर कोई और नहीं है. इसके लिए जीवन के प्रत्येक क्षण यत्न करना चाहिए.