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सांसद रवि किशन का 'फिश नेट मॉडल', गोरखपुर को बनाएगा साफ-सुथरा

सांसद रवि किशन ने गोरखपुर नगर निगम को साफ सुथरा बनाने और कूड़े कचरे से मुक्ति दिलाने के लिए एक मॉडल का सुझाव दिया है. इसका का नाम 'फिश नेट मॉडल' है. जिसे नालों से कनेक्ट करके नगर निगम जलजमाव की समस्या पर निजात पा सकता है.

सांसद रवि किशन का फिश नेट मॉडल
सांसद रवि किशन का फिश नेट मॉडल
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Published : May 31, 2021, 8:04 PM IST

गोरखपुर: सांसद रवि किशन ने नगर को साफ सुथरा बनाने और कूड़े कचरे से मुक्ति दिलाने के लिए एक मॉडल का सुझाव गोरखपुर नगर निगम के अधिकारियों और महापौर के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में सोमवार को दिया है. इस मॉडल का नाम 'फिश नेट मॉडल' है. जिसे नालों से कनेक्ट करके नगर निगम जलजमाव की समस्या पर निजात पा सकता है. साथ ही कूड़े कचरे का प्रबंधन करने में उसे उपयोग के लिए बेहतर सॉलिड वेस्ट भी मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि नाला जाम और चोक होने की समस्या से निजात के लिए यह एक बेहतरीन तरीका है, जिसे मॉडल के तौर पर अपनाएं जाने की जरूरत है. उम्मीद है इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा. इस तकनीक का उपयोग न तो किसी महानगर में अपनाया जा रहा है और न ही देश और प्रदेश में इसका कहीं उपयोग किया जा रहा है.

नगर निगम गोरखपुर को मॉडल को अपनाने का दिया सुझाव
सांसद रवि किशन ने सुझाव दिया कि ड्रेनेज और पुलिया के मुख पर फिश नेट लगाकर नालों के कचरे को एकत्रित किया जा सकता है. इससे उसके निस्तारण में भी सहायता मिलेगी. इसके साथ ही नाला जाम की समस्या दूर हो सकती है. जिसका उपयोग किया जाना चाहिए. गोरखपुर नगर निगम इस तकनीक को अपनाकर एक मॉडल निगम बन सकता है. उन्होंने कहा कि लोगों के द्वारा उदासीनता अपनाने और असहयोग की भावना से अपने घरों का कूड़ा नाला-नालियों में फेंक दिया जाता है. साथ ही साथ लोग अपने दुकान, शॉपिंग माल, हॉस्पिटल के कूड़े-कचरे सीधे नाली में निस्तारित कर देते हैं. जिनके कारण नाले चोक होते हैं और बरसात के दिन में यह गंभीर समस्याएं बनते हैं. इसके कारण साफ सफाई के ऊपर नगर निगम भारी धनराशि और संसाधन नाले की साफ सफाई में व्यय करता है, जिसके समाधान के रूप में यह सहायक होगा.

इसे भी पढ़ें-कंबोडिया में फंसे 150 भारतीय, सांसद रवि किशन ने विदेश मंत्री काे लिखा पत्र

यह मॉडल होगा सफल
मॉडल को लेकर सांसद ने कहा कि जिस प्रकार नाले के जाम होने की समस्याएं सामने आती रहती हैं. वह अब बड़ी समस्या है. यह मॉडल वाकई बड़ा ही सफल होगा. इसके साथ ही सांसद ने नगर निगम के अधिकारियों और महापौर की अध्यक्षता में गोरखपुर महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में जल निकासी, साफ सफाई, छिड़काव, दवा किट, सैनिटाइजेशन के कार्यों पर समीक्षा की. उन्होंने इस दौरान कहा कि किसी भी स्तर पर कार्य करते हुए संसाधन का उपयोग करके निर्माण जो नगर निगम क्षेत्र में होने हैं उन्हें युद्ध स्तर पर पूर्ण कराए जाएं. नालियों की साफ-सफाई युद्ध स्तर पर कराई जाए. मोहल्लों में जल जमाव की स्थितियां बनी हुई है. पंपिंग सेट लगाकर कच्चे नाले बनाकर जल निकासी की व्यवस्था तत्काल कराई जाएं. संभावित मानसून को देखते हुए युद्ध स्तर पर निर्माण के कार्य भी हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का शहर होने की वजह से हम सबकी विशेष जिम्मेदारी है कि यहां किसी भी प्रकार से जनता को असुविधा न हो.

गोरखपुर: सांसद रवि किशन ने नगर को साफ सुथरा बनाने और कूड़े कचरे से मुक्ति दिलाने के लिए एक मॉडल का सुझाव गोरखपुर नगर निगम के अधिकारियों और महापौर के साथ हुई वर्चुअल मीटिंग में सोमवार को दिया है. इस मॉडल का नाम 'फिश नेट मॉडल' है. जिसे नालों से कनेक्ट करके नगर निगम जलजमाव की समस्या पर निजात पा सकता है. साथ ही कूड़े कचरे का प्रबंधन करने में उसे उपयोग के लिए बेहतर सॉलिड वेस्ट भी मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि नाला जाम और चोक होने की समस्या से निजात के लिए यह एक बेहतरीन तरीका है, जिसे मॉडल के तौर पर अपनाएं जाने की जरूरत है. उम्मीद है इसका अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा. इस तकनीक का उपयोग न तो किसी महानगर में अपनाया जा रहा है और न ही देश और प्रदेश में इसका कहीं उपयोग किया जा रहा है.

नगर निगम गोरखपुर को मॉडल को अपनाने का दिया सुझाव
सांसद रवि किशन ने सुझाव दिया कि ड्रेनेज और पुलिया के मुख पर फिश नेट लगाकर नालों के कचरे को एकत्रित किया जा सकता है. इससे उसके निस्तारण में भी सहायता मिलेगी. इसके साथ ही नाला जाम की समस्या दूर हो सकती है. जिसका उपयोग किया जाना चाहिए. गोरखपुर नगर निगम इस तकनीक को अपनाकर एक मॉडल निगम बन सकता है. उन्होंने कहा कि लोगों के द्वारा उदासीनता अपनाने और असहयोग की भावना से अपने घरों का कूड़ा नाला-नालियों में फेंक दिया जाता है. साथ ही साथ लोग अपने दुकान, शॉपिंग माल, हॉस्पिटल के कूड़े-कचरे सीधे नाली में निस्तारित कर देते हैं. जिनके कारण नाले चोक होते हैं और बरसात के दिन में यह गंभीर समस्याएं बनते हैं. इसके कारण साफ सफाई के ऊपर नगर निगम भारी धनराशि और संसाधन नाले की साफ सफाई में व्यय करता है, जिसके समाधान के रूप में यह सहायक होगा.

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यह मॉडल होगा सफल
मॉडल को लेकर सांसद ने कहा कि जिस प्रकार नाले के जाम होने की समस्याएं सामने आती रहती हैं. वह अब बड़ी समस्या है. यह मॉडल वाकई बड़ा ही सफल होगा. इसके साथ ही सांसद ने नगर निगम के अधिकारियों और महापौर की अध्यक्षता में गोरखपुर महानगर के विभिन्न क्षेत्रों में जल निकासी, साफ सफाई, छिड़काव, दवा किट, सैनिटाइजेशन के कार्यों पर समीक्षा की. उन्होंने इस दौरान कहा कि किसी भी स्तर पर कार्य करते हुए संसाधन का उपयोग करके निर्माण जो नगर निगम क्षेत्र में होने हैं उन्हें युद्ध स्तर पर पूर्ण कराए जाएं. नालियों की साफ-सफाई युद्ध स्तर पर कराई जाए. मोहल्लों में जल जमाव की स्थितियां बनी हुई है. पंपिंग सेट लगाकर कच्चे नाले बनाकर जल निकासी की व्यवस्था तत्काल कराई जाएं. संभावित मानसून को देखते हुए युद्ध स्तर पर निर्माण के कार्य भी हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का शहर होने की वजह से हम सबकी विशेष जिम्मेदारी है कि यहां किसी भी प्रकार से जनता को असुविधा न हो.

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