ETV Bharat / state

अनोखा विवाहः एक ही मंडप में मां-बेटी बनीं दुल्हन - गोरखपुर में मां बेटी बनीं दुल्हन

यूपी के गोरखपुर में सामूहिक विवाह में 63 जोड़ों ने शादी की. यह पल यादगार बन गया क्योंकि इस दौरान एक ओर बेटी ने सात फेरे लिए तो वहीं दूसरी ओर मां ने भी फेरे लिये. सामूहिक विवाह में एक निकाह भी पढ़ा गया.

एक ही मंडप में मां-बेटी बनीं दुल्हन
एक ही मंडप में मां-बेटी बनीं दुल्हन
author img

By

Published : Dec 11, 2020, 4:50 PM IST

Updated : Dec 11, 2020, 6:48 PM IST

गोरखपुरः पिपरौली के ब्लॉक परिसर में मौजूद लोग शुक्रवार को 63 जोड़ों की शादी के साक्षी बने. मौका मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी समारोह का था. 63 जोड़ों में दो जोड़ियां ऐसी थीं, जिन्होंने समारोह को यादगार बना दिया. मंडप में एक ओर बेटी फेरे ले रही थी, दूसरी ओर 53 साल की मां भी दुल्हन बनकर मंडप में बैठी थी. समारोह के बाद बेटी अपने पति के साथ ससुराल विदा हुई और मां अपने नए पति के साथ घर लौट गई.

सामूहिक विवाह में निकाह भी पढ़ा गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लॉक परिसर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 62 जोड़ों ने शादी की रस्में निभाईं और सात फेरे लिए. इसके अलावा एक दूल्हा-दुल्हन का निकाह भी हुआ. निकाह की रस्में मौलाना इरफान अहमद ने पूरी कराई.

53 की उम्र में मां ने लिए फेरे
इस समारोह में कुमरौल निवासी बेला देवी की छोटी बेटी इंदु की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई. इंदु बेला देवी की सबसे छोटी बेटी है. वह इससे पहले अपने दो बेटों और दो अन्य बेटियों का कन्यादान कर चुकी हैं. बेला देवी के पति की मौत करीब 25 वर्ष पहले हो गई थी. जिस मंडप में इंदु की शादी हुई, उसी मंडप में बेला देवी ने अपने 55 साल के देवर जगदीश के साथ साथ फेरे लिए. जगदीश की शादी अभी तक नहीं हुई थी.

साथ मिलकर चलने की खाई कसम
उम्र के आखिरी पड़ाव में जगदीश ने एक विधवा को जीवन संगिनी चुनकर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की. वहीं विधवा को भी सहारा मिला. दोनों ने साथ मिलकर चलने की कसम खाई. मां-बेटी के एक मंडप में शादी और उम्र के आखिरी पड़ाव में शादी को लेकर खूब चर्चा रहीं. इस अनोखे विवाह के दौरान साक्षी के रूप में बीडीओ डा. सीएस कुशवाहा और सत्यपाल सिंह, रमेश द्विवेदी, बृजेश यादव, रतन सिंह, सुनील पांडेय आदि मौजूद रहे. यह पूरा आयोजन सरकार के खर्च पर आयोजित हुआ था. जिसपर विवाह के बंधन में बधने वालों का कोई खर्च नहीं आया और सारी रस्में भी पूरी हुईं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले ऐसे आयोजनों में गरीब, निराश्रित और विधवा को प्राथमिकता के आधार पर विवाह बंधन में सरकार की बांधने की योजना है. जिसके लिए विभागी पहल पर स्थानीय ग्राम प्रधानों के सहयोग से दूल्हा-दुल्हन का चयन किया जाता है. निश्चित रूप से मां-बेटी की एक ही मंडप में शादी अद्भुत और गौरवमयी क्षण को देने वाला है.

सप्तर्ष कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी

गोरखपुरः पिपरौली के ब्लॉक परिसर में मौजूद लोग शुक्रवार को 63 जोड़ों की शादी के साक्षी बने. मौका मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी समारोह का था. 63 जोड़ों में दो जोड़ियां ऐसी थीं, जिन्होंने समारोह को यादगार बना दिया. मंडप में एक ओर बेटी फेरे ले रही थी, दूसरी ओर 53 साल की मां भी दुल्हन बनकर मंडप में बैठी थी. समारोह के बाद बेटी अपने पति के साथ ससुराल विदा हुई और मां अपने नए पति के साथ घर लौट गई.

सामूहिक विवाह में निकाह भी पढ़ा गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को गोरखपुर जिले के पिपरौली ब्लॉक परिसर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें कुल 62 जोड़ों ने शादी की रस्में निभाईं और सात फेरे लिए. इसके अलावा एक दूल्हा-दुल्हन का निकाह भी हुआ. निकाह की रस्में मौलाना इरफान अहमद ने पूरी कराई.

53 की उम्र में मां ने लिए फेरे
इस समारोह में कुमरौल निवासी बेला देवी की छोटी बेटी इंदु की शादी पाली निवासी राहुल के साथ हुई. इंदु बेला देवी की सबसे छोटी बेटी है. वह इससे पहले अपने दो बेटों और दो अन्य बेटियों का कन्यादान कर चुकी हैं. बेला देवी के पति की मौत करीब 25 वर्ष पहले हो गई थी. जिस मंडप में इंदु की शादी हुई, उसी मंडप में बेला देवी ने अपने 55 साल के देवर जगदीश के साथ साथ फेरे लिए. जगदीश की शादी अभी तक नहीं हुई थी.

साथ मिलकर चलने की खाई कसम
उम्र के आखिरी पड़ाव में जगदीश ने एक विधवा को जीवन संगिनी चुनकर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की. वहीं विधवा को भी सहारा मिला. दोनों ने साथ मिलकर चलने की कसम खाई. मां-बेटी के एक मंडप में शादी और उम्र के आखिरी पड़ाव में शादी को लेकर खूब चर्चा रहीं. इस अनोखे विवाह के दौरान साक्षी के रूप में बीडीओ डा. सीएस कुशवाहा और सत्यपाल सिंह, रमेश द्विवेदी, बृजेश यादव, रतन सिंह, सुनील पांडेय आदि मौजूद रहे. यह पूरा आयोजन सरकार के खर्च पर आयोजित हुआ था. जिसपर विवाह के बंधन में बधने वालों का कोई खर्च नहीं आया और सारी रस्में भी पूरी हुईं.

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले ऐसे आयोजनों में गरीब, निराश्रित और विधवा को प्राथमिकता के आधार पर विवाह बंधन में सरकार की बांधने की योजना है. जिसके लिए विभागी पहल पर स्थानीय ग्राम प्रधानों के सहयोग से दूल्हा-दुल्हन का चयन किया जाता है. निश्चित रूप से मां-बेटी की एक ही मंडप में शादी अद्भुत और गौरवमयी क्षण को देने वाला है.

सप्तर्ष कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी

Last Updated : Dec 11, 2020, 6:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.