गोरखपुर: एक तरफ योगी सरकार 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के प्रयास के साथ बकाया बिल वसूली पर जोर दे रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकारी विभागों पर ही करोड़ों रुपये बकाया है. इससे विद्युत विभाग की हालत खस्ताहाल होती जा रही है.
सरकारी विभागों पर 3 करोड़ रुपये का बकाया
जिले में सरकारी विभागों पर तीन करोड़ रुपये का बिजली का बिल बकाया है. बकाया बिल को लेकर विद्युत विभाग लगातार नोटिस जारी कर रहा है, लेकिन सरकारी विभागों के अफसर बजट न आने का हवाला देकर टरका देते हैं. सबसे बड़े बकायेदारों में पुलिस महकमा, जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय समेत 12 से ज्यादा ऐसे विभाग हैं, जिनकी देनदारी सबसे ज्यादा है.
गोरखपुर के बिजली विभाग की ओर से जारी नोटिस और इसमें दर्ज धनराशि यह बताने के लिए काफी है कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड पर कितना बकाया चल रहा है.
इन विभागों पर है बकाया
गोरखपुर के शास्त्री चौक स्थित बिजली विभाग के कार्यालय से जारी नोटिस में जिलाधिकारी कार्यालय पर 2 लाख 12 हजार, नायब तहसीलदार पर 7 लाख 75 हजार रुपये, डीआईजी रजिस्टार पर 66 हजार, पुलिस विभाग पर 2 करोड़ 65 लाख का बकाया है. ऐसा नहीं है कि यह बकाया एक से 2 महीनों का है, बल्कि पिछले साल का बकाया आज तक इन विभागों ने नहीं जमा किया है. इसकी वजह से विभाग को नोटिस जारी करनी पड़ी है.
बिजली विभाग ने वसूली के लिए चलाया अभियान
पूरे प्रदेश में बिजली विभाग इन दिनों बकाया रकम को जमा कराने के लिए अभियान चला रहा है. जिले में जिला अधिकारी के द्वारा सभी बकायेदारों के खिलाफ नोटिस जारी कर उनसे जुर्माने की वसूली की जा रही है. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में सभी 10,000 से ऊपर के बकायेदारों की बिजली काट दी जाएगी और बकाया रकम की वसूली के लिए जिला अधिकारी को नामित किया गया है, लेकिन जिलाधिकारी के बकाए का भुगतान कैसे होगा, इसका जवाब इनके पास नहीं है.
बिजली विभाग का उत्तर प्रदेश सरकार पर 13000 करोड़ का बकाया है. यह बकाया 2017 तक 9000 था, जो अब जनवरी 2020 तक 13000 करोड़ तक पहुंच गया है. अधिकारी इसे विभाग से विभाग का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं, लेकिन इन बड़े बकायेदारों से अगर विभाग ने पूरी वसूली की होती तो आम लोगों को इतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता.
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