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गोरखपुर में जर्जर मकान गिरने से 6 मजदूर घायल, मकान मालिक फरार

गोरखपुर में एक जर्जर मकान गिर जाने से 6 मजदूर घायल हो गए. सभी को जिला अस्पताल भिजवाया गया है. हालांकि, घटना के बाद से चार मजदूर और मकान मालिक फरार हैं.

गोरखपुर
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Published : Jun 17, 2023, 1:38 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 2:11 PM IST

गोरखपुर: शहर के कैंट थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर कॉलोनी में शनिवार को मरम्मत के दौरान एक मकान के गिर जाने से करीब 6 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए. दो मजदूर मलबे के नीचे दब जाने से निकल नहीं पा रहे थे. उन्हें चोट भी गंभीर लगी थी. जिन्हें सूचना मिलने पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने मलबे से बाहर निकाला और एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया. हालांकि, घटना के बाद मौके चार अन्य मजदूर और मकान मालिक फरार हो गए. लेकिन, जो मलबे में दबे थे, उन मजदूरों ने पूरी कहानी बयां की. सभी मजदूर कुशीनगर जिले के थे. जो इस मकान को तोड़ने के कार्य में लगाए गए थे कि इसी दौरान मकान की छत और दीवार के गिरने से यह हादसा हो गया और पास पड़ोस में कोहराम मच गया.

यह मकान मोहद्दीपुर पावर हाउस रोड पर सीबी-सीआईडी ऑफिस के पास सीपीआई (माले) का मंडल कार्यालय बताया जा रहा है. इसका पिछला हिस्सा शनिवार को तोड़फोड़ के दौरान गिर गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर 7 से 8 मजदूर काम कर रहे थे. जैसे ही बिल्डिंग गिरी, सभी लोग भाग गए और उसमें दो मजदूर दब गए. सूचना प्राप्त होते ही राजेश कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा), आशुतोष मिश्रा एनडीआरएफ एवं जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता मौके पर पहुंचे और घायलों को एंबुलेंस से इमरजेंसी वार्ड जिला चिकित्सालय भिजवाया. मौके पर पहुंचने पर दो मजदूर मुन्ना गुप्ता पुत्र भीमनाथ गुप्ता निवासी रसूलपुर सोनबरसा, कुशीनगर और रफूल अली अंसारी, निवासी भगवानपुर खुर्द सोनबरसा मलबे में दबे हुए थे. जिन्हें निकालकर एंबुलेंस से भेजा गया. इन्होंने बताया कि अन्य मजदूर और कार्य कराने वाले लोग भी घायल हुए होंगे. लेकिन, वह कहां भाग गए हैं, कुछ पता नहीं. फिलहाल, इन मजदूरों को गंभीर चोट आई है.

अपर जिलाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी राजेश सिंह ने नगर निगम को सूचित किया. उन्होंने कहा है कि पता लगाएं कि यह मकान किस व्यक्ति के नाम पर है. अगर किसी राजनीतिक दल का है तो कौन इसकी देखभाल करता है. किसके हवाले से यह सब काम चल रहा था. उन्होंने ऐसे जर्जर मकानों का संज्ञान लेने को कहा है, जिससे हादसों से बचा जा सकें. वहीं, यह घटना निश्चित निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करती है. जो जर्जर मकानों को चिह्नित करने, इसमें रहने वालों को नोटिस देकर खाली करने की बात करता है. बीते दो साल में कई घटनाएं हुई हैं. बारिश भी अब शुरू होगी. ऐसे में सर्वेक्षण बचाव का बड़ा माध्यम बनेगा.

यह भी पढ़ें: कानपुर में तीन अलग-अलग बोरियों में मिला अधेड़ का शव, पुलिस जांच में जुटी

गोरखपुर: शहर के कैंट थाना क्षेत्र के मोहद्दीपुर कॉलोनी में शनिवार को मरम्मत के दौरान एक मकान के गिर जाने से करीब 6 मजदूर बुरी तरह घायल हो गए. दो मजदूर मलबे के नीचे दब जाने से निकल नहीं पा रहे थे. उन्हें चोट भी गंभीर लगी थी. जिन्हें सूचना मिलने पर पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने मलबे से बाहर निकाला और एंबुलेंस से जिला अस्पताल भिजवाया. हालांकि, घटना के बाद मौके चार अन्य मजदूर और मकान मालिक फरार हो गए. लेकिन, जो मलबे में दबे थे, उन मजदूरों ने पूरी कहानी बयां की. सभी मजदूर कुशीनगर जिले के थे. जो इस मकान को तोड़ने के कार्य में लगाए गए थे कि इसी दौरान मकान की छत और दीवार के गिरने से यह हादसा हो गया और पास पड़ोस में कोहराम मच गया.

यह मकान मोहद्दीपुर पावर हाउस रोड पर सीबी-सीआईडी ऑफिस के पास सीपीआई (माले) का मंडल कार्यालय बताया जा रहा है. इसका पिछला हिस्सा शनिवार को तोड़फोड़ के दौरान गिर गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मौके पर 7 से 8 मजदूर काम कर रहे थे. जैसे ही बिल्डिंग गिरी, सभी लोग भाग गए और उसमें दो मजदूर दब गए. सूचना प्राप्त होते ही राजेश कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा), आशुतोष मिश्रा एनडीआरएफ एवं जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता मौके पर पहुंचे और घायलों को एंबुलेंस से इमरजेंसी वार्ड जिला चिकित्सालय भिजवाया. मौके पर पहुंचने पर दो मजदूर मुन्ना गुप्ता पुत्र भीमनाथ गुप्ता निवासी रसूलपुर सोनबरसा, कुशीनगर और रफूल अली अंसारी, निवासी भगवानपुर खुर्द सोनबरसा मलबे में दबे हुए थे. जिन्हें निकालकर एंबुलेंस से भेजा गया. इन्होंने बताया कि अन्य मजदूर और कार्य कराने वाले लोग भी घायल हुए होंगे. लेकिन, वह कहां भाग गए हैं, कुछ पता नहीं. फिलहाल, इन मजदूरों को गंभीर चोट आई है.

अपर जिलाधिकारी एवं आपदा प्रबंधन प्रभारी राजेश सिंह ने नगर निगम को सूचित किया. उन्होंने कहा है कि पता लगाएं कि यह मकान किस व्यक्ति के नाम पर है. अगर किसी राजनीतिक दल का है तो कौन इसकी देखभाल करता है. किसके हवाले से यह सब काम चल रहा था. उन्होंने ऐसे जर्जर मकानों का संज्ञान लेने को कहा है, जिससे हादसों से बचा जा सकें. वहीं, यह घटना निश्चित निगम की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करती है. जो जर्जर मकानों को चिह्नित करने, इसमें रहने वालों को नोटिस देकर खाली करने की बात करता है. बीते दो साल में कई घटनाएं हुई हैं. बारिश भी अब शुरू होगी. ऐसे में सर्वेक्षण बचाव का बड़ा माध्यम बनेगा.

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Last Updated : Jun 17, 2023, 2:11 PM IST
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