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DNA और बिसरे की जांच के लिए अब हैदराबाद पर निर्भर नहीं रहेगा यूपी, यहां बन रहा फॉरेंसिक लैब

अब यूपी को डीएनए और बिसरे की जांच के लिए हैदराबाद जैसे बड़े सेंटरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा. इस तरह की जांच के लिए गोरखपुर जिले में बड़ी फॉरेंसिक लैब बनाई जा रही है, जिसका उद्घाटन जनवरी माह में किया जाएगा.

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गोरखपुर में बन रहा फॉरेंसिक लैब.
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Published : Dec 14, 2019, 11:32 PM IST

गोरखपुर: डीएनए की जांच के लिए पूर्वांचल समेत यूपी हैदराबाद जैसे बड़े सेंटर पर अब निर्भर नहीं रहेगा. गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस फॉरेंसिक लैब बनकर तैयार हो रही है, जहां जनवरी माह से फॉरेंसिक में 'सी' कैटेगरी की जांच शुरू हो जाएगी. साथ ही अप्रैल माह तक यहां ए और बी कैटेगरी की जांच भी शुरू हो जाएगी.

जनवरी से लैब में जांच की होगी शुरुआत.

सीएम की पहल पर तैयार हो रही लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष पहल पर तैयार हो रहे इस फॉरेंसिक लैब के जनवरी माह में उद्घाटन होने की संभावना है, जिसके लिए निर्माण की प्रक्रिया को दिसंबर माह तक पूर्ण किए जाने को लेकर जिलाधिकारी ने निगरानी बढ़ा दी है.

15 दिन के अंदर मिलेगी रिपोर्ट
दुर्घटना और हत्या जैसे मामलों में जहरखुरानी, बिसरा और डीएनए की जांच के लिए सैंपल पहले वाराणसी भेजना पड़ता था, जहां से जांच रिपोर्ट मिलने में ढाई से तीन महीने लग जाते थे. विषम परिस्थितियों में सैंपल को हैदराबाद जांच के लिए भेजना पड़ता था, लेकिन अब किसी भी स्तर की जांच को गोरखपुर में ही पूरी कर ली जाएगी और रिपोर्ट अधिकतम 15 दिन में मिल जाएगी.

लोगों को मिलेगा त्वरित न्याय
जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की मानें तो जांच रिपोर्ट के आने में जितनी जल्दी होगी, उतना ही कई मामलों में लोगों को त्वरित न्याय भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अभाव में न्याय की प्रक्रिया भी लंबित रहती थी और आरोपियों को इसका लाभ मिलता था.

ये भी पढ़ें: पति के इलाज में पत्नी ने खर्च किए 72 लाख, मजबूर महिला को सरकार से मदद की दरकार

फॉरेंसिक जांच में होती हैं तीन कैटेगरी
दरअसल फॉरेंसिक जांच में तीन कैटेगरी होती है- A, B और C. इसमें C कैटेगरी में जहरखुरानी और बिसरा जैसी जांच शामिल है. गोरखपुर में इसकी जांच की प्रक्रिया जनवरी माह से शुरू हो जाएगी, जिसके लिए इस सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों संभावित है.

गोरखपुर: डीएनए की जांच के लिए पूर्वांचल समेत यूपी हैदराबाद जैसे बड़े सेंटर पर अब निर्भर नहीं रहेगा. गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस फॉरेंसिक लैब बनकर तैयार हो रही है, जहां जनवरी माह से फॉरेंसिक में 'सी' कैटेगरी की जांच शुरू हो जाएगी. साथ ही अप्रैल माह तक यहां ए और बी कैटेगरी की जांच भी शुरू हो जाएगी.

जनवरी से लैब में जांच की होगी शुरुआत.

सीएम की पहल पर तैयार हो रही लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशेष पहल पर तैयार हो रहे इस फॉरेंसिक लैब के जनवरी माह में उद्घाटन होने की संभावना है, जिसके लिए निर्माण की प्रक्रिया को दिसंबर माह तक पूर्ण किए जाने को लेकर जिलाधिकारी ने निगरानी बढ़ा दी है.

15 दिन के अंदर मिलेगी रिपोर्ट
दुर्घटना और हत्या जैसे मामलों में जहरखुरानी, बिसरा और डीएनए की जांच के लिए सैंपल पहले वाराणसी भेजना पड़ता था, जहां से जांच रिपोर्ट मिलने में ढाई से तीन महीने लग जाते थे. विषम परिस्थितियों में सैंपल को हैदराबाद जांच के लिए भेजना पड़ता था, लेकिन अब किसी भी स्तर की जांच को गोरखपुर में ही पूरी कर ली जाएगी और रिपोर्ट अधिकतम 15 दिन में मिल जाएगी.

लोगों को मिलेगा त्वरित न्याय
जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन की मानें तो जांच रिपोर्ट के आने में जितनी जल्दी होगी, उतना ही कई मामलों में लोगों को त्वरित न्याय भी मिलेगा. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अभाव में न्याय की प्रक्रिया भी लंबित रहती थी और आरोपियों को इसका लाभ मिलता था.

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फॉरेंसिक जांच में होती हैं तीन कैटेगरी
दरअसल फॉरेंसिक जांच में तीन कैटेगरी होती है- A, B और C. इसमें C कैटेगरी में जहरखुरानी और बिसरा जैसी जांच शामिल है. गोरखपुर में इसकी जांच की प्रक्रिया जनवरी माह से शुरू हो जाएगी, जिसके लिए इस सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों संभावित है.

Intro:गोरखपुर। डीएनए की जांच के लिए पूर्वांचल समेत यूपी हैदराबाद जैसे बड़े सेंटर पर अब निर्भर नहीं रहेगा। गोरखपुर में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस फॉरेंसिक लैब बनकर तैयार हो रहा है जहां जनवरी माह से फॉरेंसिक में 'सी' कैटेगरी की जांच शुरू हो जाएगी, साथ ही अप्रैल माह तक यहां ए और बी कैटेगरी के जांच भी प्रारंभ हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष पहल पर तैयार हो रहे हैं इस फॉरेंसिक लैब के जनवरी माह में उद्घाटन होने की संभावना है। जिसके लिए निर्माण की प्रक्रिया को दिसंबर माह तक पूर्ण किए जाने को लेकर जिलाधिकारी ने निगरानी बढ़ा दी है।

नोट--कम्प्लीट पैकेज, वॉइस ओवर अटैच है।..यह खबर स्पेशल कटेगरी के लायक है, शेष डेस्क का निर्णय।


Body:दुर्घटना और हत्या जैसे मामलों में जहरखुरानी,बिसरा और डीएनए की जांच के लिए सैंपल पहले बनारस भेजना पड़ता था। जहां से जांच रिपोर्ट मिलने में ढाई से तीन माह लग जाता था। विषम परिस्थितियों में सैंपल को हैदराबाद जांच के लिए भेजना पड़ता था लेकिन अब किसी भी स्तर की जांच को गोरखपुर में ही पूरी कर ली जाएगी। और रिपोर्ट अधिकतम 15 दिन में मिल जाएगी। जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन की मानें तो जांच रिपोर्ट के आने में जितनी जल्दी होगी उतना ही कई मामलों में लोगों को त्वरित न्याय भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के अभाव में न्याय की प्रक्रिया भी लंबित रहती थी और आरोपियों को इसका लाभ मिलता था।

बाइट--के विजेंद्र पांडियन, डीएम, गोरखपुर


Conclusion:फॉरेंसिक जांच में तीन कैटेगरी होती है। A, B और C। C कैटेगरी में जहरखुरानी और बिसरा जैसी जांच शामिल है और इसके जांच की प्रक्रिया जनवरी माह से प्रारंभ हो जाएगी। जिसके लिए इस सेंटर का उद्घाटन मुख्यमंत्री के हाथों संभावित है। बी और ए कैटेगरी की जांच जिसमें डीएनए की जांच होती है साथ ही इसके अलावा कुछ और विशेष जांचों को भी यहां पर पूर्ण कर लिया जाएगा। इससे लोगों का भी विश्वास बढ़ेगा और उनको भागदौड़ भी कम करनी पड़ेगी। साथ ही लोगों में न्याय की आस भी बढ़ने लगेगी।

मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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