गोरखपुर: जिले के रेंपस स्कूल में वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला की ओर से मोबाइल नक्षत्र शाला का आयोजन किया गया है. नक्षत्रों की दुनिया को जानने के लिए सैकड़ों छात्र-छात्रा मोबाइल नक्षत्र शाला के सामने लंबी कतार में देखे गए. नक्षत्र शाला के संचालक ने बताया कि अभी तक लगभग 500 से ज्यादा बच्चों ने सूर्य ग्रहण, ब्रह्मांड की जानकारी और अंतरिक्ष के रहस्यों के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके हैं.
इन 3 शो से मिलती है जानकारी
पहला द वंडर ऑफ यूनिवर्स, जिसमें सौर मंडल, सूर्य की उत्पत्ति, ब्रह्मांड का निर्माण, मंगल ग्रह सहित अन्य जानकारी दी जाती है. दूसरा न्यू होराइजन, जिसमें ग्रह और उपग्रह के बारे में जानकारी दी जाती है. तीसरा टू स्मॉल पीसेज ऑफ ग्लास, जिसमें टेलीस्कोप की जर्नी से जुड़ी हुई पूरी जानकारी बच्चों को दी जाती है.
कैसा दिखता है नक्षत्र शाला
यह मोबाइल नक्षत्र शाला 5 मीटर के वर्गाकार गोले की तरह दिखता है, जो कहीं भी कम जगह पर लगाया जा सकता है. वहीं यह नक्षत्र शाला ज्वलन रोधी कपड़े से बना हुआ है, जिसमें ब्लोवर के माध्यम से अंदर हवा और ऑक्सीजन डाली जाती है.
छात्रों ने क्या सीखा
इस संबंध में नक्षत्र शाला में ग्रहों की जानकारी प्राप्त कर छात्रा अंजली मद्धेशिया ने बताया कि काफी अच्छा लगा हमें अपने सौरमंडल के बारे में वह जानकारियां प्राप्त हुई, जिन्हें हम शायद ही कभी जान पाते. इस मोबाइल नक्षत्र शाला के माध्यम से हमारी कई जिज्ञासा शांत हुई और हमें बहुत सी नई जानकारी प्राप्त हुई हैं.
कोऑपरेटर ने दी जानकारी
वहीं इस मोबाइल सचिन नक्षत्र शाला के कोऑपरेटर कृष्ण कुमार तिवारी ने बताया कि इस नक्षत्र शाला का मुख्य उद्देश्य है कि ग्रामीण व सुदूर क्षेत्रों में जहां पर तारामंडल नहीं है, वहां के छात्र-छात्राओं व आमजनों को अपने सौरमंडल मंगल ग्रह ब्रह्मांड के निर्माण ग्रह और उपग्रह सहित अन्य जानकारी दे सकें. इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि इसे कम जगह पर स्थापित कर हम एक बार में 25 छात्र-छात्राओं को इसके माध्यम से सौरमंडल से परिचय करा सकते हैं. इसका निर्माण कपड़े से हुआ है और इसके अंदर बैठे लोगों को हवा और ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में दी जाती है. इसके तहत दिखाए जाने वाले कार्यक्रम 20 मिनट के होते हैं. 20 मिनट के अंदर ही छात्र-छात्राएं जानकारी प्राप्त कर लेते हैं.
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