गोरखपुर: गुजरात में बन रही 'गिफ्ट सिटी' ( गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी) को संवारने में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भी योगदान देने जा रहा है. उद्योग व्यापार के लिए हाईटेक सुविधाओं से लैस रहने वाले इस नियोजित शहर के विकास में एमएमएमयूटी एकेडमिक पार्टनर होगा. जिसकी जिम्मेदारी ऊर्जा प्रबंधन की होगी.
क्या है 'गिफ्ट सिटी'-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहते इस गिफ्ट सिटी की परिकल्पना तैयार किए थे जो अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच तैयार हो रही है. इस खास सिटी के विकास के लिए इंडो- जर्मन साइंस एंड टेक्नोलॉजी सेंटर की ओर से खास योजना तैयार की गई है. इस योजना अंतर्गत आईआईटी गांधीनगर, जर्मनी की यूनिवर्सिटी (म्युनिख) की स्मार्ट एनर्जी सिस्टम ग्रुप एंड इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन ग्रुप और एमएमएमयूटी गोरखपुर यहां बतौर एकेडमिक पार्टनर काम करेंगे.
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को ऊर्जा प्रबंधन की जिम्मेदारी-
इस मेगा प्रोजेक्ट में जर्मनी की कंपनी औद्योगिक पार्टनर की भूमिका में होगी. करीब 9 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गिफ्ट सिटी में जल प्रबंधन और गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ावा देने के साथ ही शहर में उर्जा जरूरतों के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करना है. मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को मिली इस उपलब्धि पर कुलपति प्रोफेसर एसएन सिंह ने प्रसन्नता जाहिर की है. परियोजना के सिलसिले में एमएमएमयूटी की मेजबानी में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक कार्यशाला भी आयोजित होगी.
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विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग को इस योजना के अंतर्गत काम करना है. जिसके निर्देशन में गिफ्ट सिटी की पावर क्वालिटी को इंप्रूव करने का काम होगा. इस विशेष फाइनेंस टेक्नोलॉजी सिटी के विकास में पानी और ऊर्जा का प्रबंधन महत्वपूर्ण है. नवीकरण ऊर्जा स्रोतों से बिजली पैदा करके और फिर इस बिजली से वाटर पंप का संचालन अथवा वाटर ट्रीटमेंट किया जाना आसान है.
-प्रो0 एसएन सिंह, कुलपति,एमएमएमटीयू