गोरखपुरः 8 अक्टूबर को महानगर की सड़कों का शिलान्यास करते हुए मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी थी कि अभियंताओं ने गोरखपुर में 400 मीटर की सड़क बनाकर 700 मीटर का भुगतान करा लिया है. वहीं एक सप्ताह के भीतर ही नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने सेमरा वार्ड संख्या 2 में ठीक ऐसा ही एक दूसरा मामला पकड़ा है. इसमें 250 मीटर की नगर निगम द्वारा पहले से ही बनाई गई सीसीरोड को दोबारा जोड़कर 55.50 लाख की लागत की 550 मीटर इंटरलॉकिंग सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री से करा लिया गया.
शिकायत पर विधायक ने मौके पर पहुंचकर की जांच
सेमरा वार्ड के पूर्व पार्षद व पिछले चुनाव में भाजपा के पार्षद प्रत्याशी रहे महेश पासवान ने विगत दिनों नगर विधायक से उनके निवास पर आकर विभागों द्वारा सड़क निर्माण कार्य के नाम पर हो रही धन उगाही की शिकायत की. उन्होंने विधायक को बताया कि एक ही सड़क का दो बार भुगतान कराने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके बाद नगर विधायक बीते शुक्रवार को सेमरा पहुंचे. इस दौरान उनके साथ स्थानीय पार्षद प्रभा पासवान, वरिष्ठ भाजपा नेता बृजेश सिंह, अवर अभियंता डीके सिंह और बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता एच रावत मौजूद रहे. इस दौरान नगर विधायक ने सारी पत्रावलियां विस्तार से देखीं और फिर सभी अधिकारियों के साथ पूरे 550 मीटर निर्माणाधीन सड़क का निरीक्षण किया. मौके पर नगर विधायक यह देखकर दंग रह गए कि 550 मीटर के 250 मीटर में सीसीरोड बनवाई जा चुकी है, जबकि 55 लाख की लागत के पूरे 550 मीटर का शिलान्यास मुख्यमंत्री से 8 अक्टूबर को शिलान्यास करा दिया गया है.
विधायक बोले-भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं
मौके पर नगर विधायक ने कहा कि यह तो अक्षम्य भ्रष्टाचार है और दोहरे भुगतान के प्रयास का खेल है. अवर अभियंता ने कहा कि एस्टीमेट बनाने वाले अवर अभियंता जयशंकर प्रसाद थे और बीच में सीसीरोड बन गई. इस पर नगर विधायक ने कहा कि जब आप दो माह पूर्व ही निरीक्षण में जान चुके थे कि 250 मीटर हिस्से में सड़कें बनाई जा चुकी है तो आपको बचे हुए 300 मीटर का नया एस्टीमेट बनवाकर उसका शिलान्यास कराना चाहिए था. अगर हमें पता नहीं चलता तो शांति से 55 लाख का भुगतान हो जाता.
संशोधित एस्टीमेट तैयार करके भेजें
नगर विधायक ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह 250 मीटर के लिए उसी वार्ड का ही एक संशोधित एस्टीमेट तैयार करके प्रदेश सरकार (सूडा, स्टेट अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी) को भेजें. उन्होंने कहा कि नियमतः तो इसे स्वीकृति मिलना संभव ही नहीं है, लेकिन विशेष परिस्थितियों को देखते हुए वह संशोधित स्वीकृति दिलाने का प्रयास करेंगे. यदि संशोधित एस्टीमेट को रिवाइज्ड स्वीकृति नहीं मिली तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई संबंधित अधिकारियों पर होगी. वहीं नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों बेतियाहाता के दक्षिणी मोहल्ले में भी सड़क निर्माण के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में डाला है.