गोरखपुर: योगी सरकार में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वर्ष 2022 तक हर गरीब को छत देने के लिए मिशन मोड में काम करें. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि वर्ष 2022 तक देश का कोई भी व्यक्ति ऐसा ना हो जिसके सिर पर छत ना हो. इसलिए उत्तर प्रदेश के हिस्से में जो जिम्मेदारी ग्राम्य विकास विभाग को मिली है, उसको पूरा करने के लिए अधिकारी कोई लापरवाही न बरतें.
उन्होंने कहा कि समय का भरपूर उपयोग करते हुए हर जरूरतमंद के करीब पहुंचें और लक्ष्य के अनुरूप प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योजना के आवासों के निर्माण को पूर्ण कराने में जुट जाएं. जिले में 4 मंडलों की समीक्षा में उन्होंने सबसे ज्यादा फोकस पीएम और सीएम से जुड़ी आवास योजनाओं को लेकर किया. साथ ही महिला समूहों को भी समृद्ध बनाने पर उनका पूरा जोर रहा. इस दौरान उन्होंने चार करोड़ 70 लाख रुपये का अनुदान चेक भी समूह में वितरित किया.
अधूरे आवासों के निर्माण का निर्देश
राज्यमंत्री ने जिन मंडलों की समीक्षा की उसमें गोरखपुर के अलावा आजमगढ़, बस्ती और देवीपाटन मंडल शामिल था. इस बैठक में 14 जिलों के मुख्य विकास अधिकारी समेत कई अधिकारी शामिल हुए. इनमें प्रदेश के ग्राम विकास आयुक्त, प्रमुख सचिव ग्राम विकास, ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक समेत मंत्री ने योजनाओं को लेकर सर्किट हाउस के एनेक्सी भवन में दिशा-निर्देश दिया. साथ ही अब तक के कार्यों की समीक्षा भी की. इस दौरान ग्राम विकास आयुक्त के रविंद्र नायक ने कहा कि अधूरे आवासों को प्रमुखता के आधार पर पूरा कराया जाए और उसकी फोटोग्राफी भी जरूर कराई जाए. इसके अलावा अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने कहा कि मनरेगा का सोशल ऑडिट जरूरी है.
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दी गई राशि
एनआरएलएम के एमडी सुजीत कुमार ने बताया कि प्रदेश में चार लाख 22 हजार स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं. इनमें से 1,215 को कोटे की दुकान आवंटित की गई है और अभी 915 दुकानें आवंटित की जानी हैं. कार्यक्रम के दौरान गोरखपुर क्षेत्र के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए 4 करोड़ 70 लाख रुपये की सहायता प्रदान की गई. साथ ही ग्राम पंचायतों में बनाए गए सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी उठाने वाली महिलाओं को मंत्री ने अपने हाथों से चाबी भी सौंपी. इन महिलाओं को सामुदायिक शौचालय के संचालन के लिए प्रतिमाह 6 हजार रुपये मानदेय भी दिया जाएगा.