गोरखपुर: प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के निदान (migrant laborers problem solving) के लिए गोरखपुर अब बड़ा केंद्र होगा. अंतरराष्ट्रीय ऑर्गेनाइजेशन ऑफ माइग्रेट (International Organization of Migrate) ने मानव तस्करी के क्षेत्र में बड़ा काम करने वाली संस्था "मानव सेवा संस्थान" और सरकारी सेवाओं को आगे बढ़ाने वाले कॉमन सर्विस सेंटर (common service center) को अपने साथ जोड़कर इस अभियान को सफल बनाने के लिए जमीन तैयार कर ली है. गोरखपुर में शुक्रवार को इसका एक बड़ा केंद्र शहर के गोरखनाथ थाना क्षेत्र में राजेंद्र नगर कॉलोनी में स्थापित किया गया है. इसको लेकर स्थानीय एक होटल में समाज के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, डॉक्टर और पत्रकारों के साथ जिला प्रोबेशन अधिकारी की मौजूदगी में सेमिनार आयोजित हुआ. इसमें प्रवासी मजदूरों की समस्याओं के निराकरण के संदर्भ में चर्चा हुई.
कोरोना महामारी के दौरान विशेष रूप से शिकार हुए प्रवासी मजदूरों को मदद देने की योजना बनाई गई है. साथ ही उन मजदूरों पर भी फोकस किया जाएगा, जो परिवार के भरण पोषण के लिए देश और दुनिया के विभिन्न कोनों में जाकर रोजगार से जुड़ते हैं. इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ माइग्रेट (IOM ) संस्था यूनाइटेड नेशन के अधीन काम करती है, जिसकी निगरानी में यह काम गोरखपुर क्षेत्र में होगा.
इन जगहों पर पहले से कार्य करने वाले मजदूरों के सामने भी यदि किसी प्रकार की समस्या आ रही होगी, स्वास्थ्य और श्रम कानूनों के पालन की जरूरत महसूस की जाएगी तो उस क्षेत्र में भी मजदूरों को मदद पहुंचाई जाएगी. इन मजदूरों को मदद देने के लिए जो सेंटर स्थापित किया गया है, वहां पर प्रदेश और केंद्र सरकार की प्रवासी मजदूरों को लेकर चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी न सिर्फ मजदूरों को दी जाएगी, बल्कि उनको प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. इस सेंटर में प्रवासी मजदूरों से संबंधित सभी जानकारियों को प्रदर्शित किया जाएगा. क्लस्टर हेड के माध्यम से इसकी जानकारी ब्लॉक से लेकर गांवों तक पहुंचाई जाएगी जिससे देश या विदेश में काम करने के लिए जाने वाले लोग किसी भी समस्या के समाधान के लिए यहां पहुंचे और उनकी पूरी मदद की जा सके.
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गोरखपुर के इस सेमिनार में IOM के नेशनल हेड अमित चौधरी ने प्रतिभाग किया था. उन्होंने कहा कि प्रवासी मजदूरों की जरूरतों को समझने के साथ केंद्र और प्रदेश के योजनाओं से भी इसे जोड़ने का काम उनकी संस्था करती है. दुनिया के करीब 154 देशों में यूनाइटेड नेशन माइग्रेट लेबर के उत्थान और रोजगार पर काम कर रहा है. गोरखपुर में हुई यह शुरुआत बहुत बड़ी उपलब्धि है.
मानव सेवा संस्थान के डायरेक्टर राजेश मणि ने कहा कि गोरखपुर भारत नेपाल की सीमा से जुड़ा हुआ क्षेत्र है. बिहार के भी सीमावर्ती जिले इससे जुड़ते हैं. जहां के मजदूर न सिर्फ इस क्षेत्र पर रोजगार के लिए निर्भर रहते हैं. बल्कि देश और दुनिया के अलावा गल्फ कंट्री में भी जाते हैं. ऐसे में उन्हें उनके अधिकारों के साथ प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है. अब इस केंद्र की स्थापना के साथ इसे सफलता से लागू किया जा सकेगा.
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