गोरखपुर: एनेक्सी भवन सभागार में सोमवार को 'ग्राम आपदा प्रबंधन एवं जलवायु संरक्षण योजना निर्माण विषयक' (Village Disaster Management and Climate Protection Plan) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गोरखपुर, मंडलीय राजस्व प्रशिक्षण विद्यालय गोरखपुर और यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के संयुक्त बैनरतले किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में नव चयनित 68 नायब तहसीलदार एवं 134 आपदा मित्र व सखी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के अंतर्गत संचालित आपदा प्रबंधन पाठ्यक्रम के छात्र-छात्राएं ने प्रतिभाग किया.
इसके अलावा प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बेसिक शिक्षा विभाग, सूचना विभाग, पंचायती राज, बाढ़ खंड, बाढ़ खंड 2, ड्रेनेज खंड, विकास, अग्निशमन विभाग, विद्युत आदि अन्य हितभागी संस्थाओं और विभागों के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राम की विकास योजनाओं में आपदा न्यूनीकरण एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी तत्व को समायोजित करते हुए योजना निर्माण की कार्यवाही किए जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना रहा.
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षित नायब तहसीलदार और उनके साथ एक युवा मास्टर प्रशिक्षक को जोड़ते हुए एक टीम गठित की गई. योजना निर्माण के लिए अति संवेदनशील ग्रामों का चयन किया गया है. चयनित ग्राम में निर्धारित टीम द्वारा बैठक आयोजित कर योजना निर्माण की कार्यवाही की जाएगी. ग्राम स्तरीय बैठक में संबंधित ग्राम के ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, अध्यापक, एएनएम, आशा, आंगनवाड़ी, चौकीदार, आपदा मित्र एवं अन्य ग्राम स्तरीय कर्मचारी और गणमान्य व्यक्ति अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करेंगे, जिसके लिए पृथक रूप से दिशा निर्देश समस्त विभागों को दिए जा रहे हैं.
इस अवसर पर राजेश कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वित्त राजस्व)/प्रभारी अधिकारी (आपदा) गोरखपुर ने प्रतिभागियों से अपेक्षा व्यक्त की है कि शासन स्तर पर डिजास्टर मिटिगेशन फंड उपलब्ध है, जिसके लिए योजनाएं तैयार कर शासन को प्रेषित की जानी है. उन्होंने उदाहरण स्वरूप सभी को अवगत कराया कि एक ग्राम जो की ऊंचाई पर बसा हुआ है, किंतु सड़क नीची होने के कारण बाढ़ और अतिवृष्टि के दौरान वह जलमग्न हो जाता है और सुरक्षित आवागमन के लिए नाव लगाई जाती है. ऐसी दशा में यदि सड़क का उच्चीकरण कर दिया जाए और सुरक्षित जल निकासी की व्यवस्था कर दी जाए, तो वह गांव बाढ़ के दौरान सुरक्षित रहेंगे और आवागमन की व्यवस्था बनी रहेगी.
अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड ने बताया कि वर्ष 2022 बाढ़ के दौरान अप्रोच रोड जलमग्न हो जाने के कारण 03 विद्युत स्टेशन को बंद करना पड़ा था. यदि अप्रोच रोड का ऊंचीकरण हो जाए तो विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी. निर्देशित किया गया कि योजना निर्माण कर आपदा कार्यालय को योजना उपलब्ध कराएं ताकि शासन स्तर पर मांग प्रेषित कर धन आवंटन के लिए प्रयास किया जा सके.
योजना निर्माण में ग्राम स्तर पर तैराक नाविक और गोताखोर चिन्हित किए जाने हैं. चिन्हित व्यक्तियों को एनडीआरएफ एसडीआरएफ के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. योजना निर्माण की कार्रवाई प्रत्येक दशा में 22 से 23 नवंबर के मध्य की जानी है, जिसका मूल्यांकन एवं पर्यवेक्षण अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) द्वारा स्वय किया जाएगा.
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