गोरखपुर: लगातार बढ़ता शहर और घनी होती आबादी को देखते हुए गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने महायोजना (मास्टर प्लान) 2031 के प्रारूप को तैयार किया है. इस प्रस्ताव को बुधवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया गया. मास्टर प्लान के तहत गोरखपुर- कुशीनगर रोड पर करीब 18 सौ हेक्टेयर में एक नया गोरखपुर और शहर में बसती जा रही करीब 45 अवैध कॉलोनियों को वैध किया जाएगा. इसके साथ ही ग्रीन बेल्ट एरिया में निर्माण न हो उसका भी पूरा ध्यान रखा गया है. इस प्रस्ताव पर चर्चा और एक माह में जनता द्वारा मिली आपत्तियों के निस्तारण के बाद इसके लागू हो जाने की पूरी उम्मीद है.
महायोजना के ड्राइंग डिजाइन को तैयार करने का काम गुजरात की संस्था को मिला है, जिसने पर्यावरण, स्वास्थ्य, यातायात और शिक्षा जैसे तमाम बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए नए गोरखपुर का खाका तैयार किया है. महायोजना 2031 को लेकर जीडीए बोर्ड की जो बैठक में मंडलायुक्त गोरखपुर रवि कुमार एनजी, गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रेम रंजन सिंह, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश समेत वन पर्यावरण, यातायात, सिंचाई जैसे प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ राज्य सरकार द्वारा बोर्ड के नामित सदस्य भी शामिल हुए. इन लोगों ने इस महायोजना के माध्यम से गोरखपुर में किए जाने वाले विकास और योजनाओं पर चर्चा करते हुए अपनी मुहर लगाई. लेकिन गोरखपुर की जनता जो इस योजना का लंबे समय से इंतजार कर रही है, उसके लिए भी सुझाव और आपत्तियों को देने का समय निर्धारित कर दिया है. जिससे तैयार प्रस्ताव में आपत्तियों के अनुकूल सुधार करते हुए जनहित के साथ गोरखपुर के विकास के लिए इसे लागू किया जा सके.
यह भी पढ़ें- Agniveer Recruitment, फर्रुखाबाद में अग्निवीर सेना भर्ती रैली में युवाओं ने लगाई दौड़
महायोजना का ड्राइंग डिजाइन करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि ने बताया कि इस योजना के लागू हो जाने के बाद गोरखपुर वास्तविक रूप से मेट्रोपॉलिटन सिटी के नए स्वरूप में देश के अंदर स्थापित होगा. लोगों के जीवन में भी इससे बड़ा फर्क आएगा. इस योजना से बड़ी संख्या में दुकानदारों को फायदा होगा. सड़क के दोनों और वाणिज्य भू उपयोग दिया जाएगा. शहर के बाहरी क्षेत्र में प्लाटिंग कर रहे करीब 150 कॉलोनाइजर्स भी महायोजना लागू होने के बाद मानचित्र स्वीकृत करा सकेंगे और करीब 17 एकड़ जमीन विनियमितीकरण से मुक्त हो सकती है.
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ने बताया कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र का विस्तार हो चुका है. करीब 319 गांव और तीन नगर पंचायत इसमें शामिल हो चुकी हैं. इन क्षेत्रों का भी भूउपयोग नई महायोजना में निर्धारित हो जाएगा. निश्चित रूप से इस योजना के लागू होने से राहत के भी बड़े दरवाजे खुलेंगे तो लॉजिस्टिक पार्क समेत अन्य विकास की योजनाएं भी धरातल पर तेजी के साथ उतर सकेंगी.