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गोरखपुर में बिना मुआवजा दिए सड़क के चौड़ीकरण के लिए तोड़े गए मकान

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Published : Jan 18, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Jan 18, 2020, 10:53 PM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सड़क को फोरलेन बनाने को लेकर कई लोगों के घर तोड़ दिए गए हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनके घर बिना किसी अनुमति के तोड़ दिए गए. वहीं घर तोड़े जाने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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बिना मुआवजा दिए तोड़े गए मकान.

गोरखपुर: शहर के असुरन चौराहे से होते हुए मेडिकल कॉलेज के रास्ते महाराजगंज तक जाने वाली फोरलेन सड़क के निर्माण में प्रशासन ने जमकर मनमानी की है. सड़क के चौड़ीकरण और नाला निर्माण के लिए जिन लोगों की जमीन और मकान का अधिग्रहण किया गया, उनमें सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें बिना मुआवजा दिए ही उनको निजी स्थान से बेदखल किया गया. साथ ही उनके मकान को भी तोड़ दिया गया. मुआवजे की मांग करने वाले लोग अभी भी खाली हाथ हैं.

बिना मुआवजा दिए तोड़े गए मकान.


असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है. मार्च 2020 तक इसके निर्माण का अंतिम समय तय किया गया है. काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन सड़क निर्माण में जिनकी जमीन गई, जिनके मकान का हिस्सा तोड़ा गया, उसमें से तमाम लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. प्रोजेक्ट अगले 2 महीने में पूरा हो जाएगा. करीब 70 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में बकाया है. यह खुद जिलाधिकारी गोरखपुर का कहना है.

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जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने बताया कि अनुमानित 70 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. इसके जल्द पास होने की उम्मीद है, जिसको बकायदारों में मार्च 2020 से पहले बांट दिया जाएगा. वहीं गोरखपुर सदर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा कि वह इस मामले को सीएम योगी के संज्ञान में ला चुके हैं. उनके विधायक रहते किसी का मुआवजा बाकी नहीं रहने पाएगा.

इस सड़क के दोनों तरफ बनाए जा रहे नाले ने लोगों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है. नाले की डिजाइन पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों की सोच और समझ पर सवाल खड़ा करती है. वहीं इसकी ऊंचाई ने इसके दोनों तरफ बसी कॉलोनियों की जल निकासी व्यवस्था को पूरी तरह बाधित कर दिया है. बारिश होने पर पानी कॉलोनियों में रुक रहा है. लोगों का अपने घरों में आना-जाना मुश्किल हो रहा है, लोग बेहद परेशान हैं.

इसे भी पढ़ें- कभी बूढ़ी नहीं होगी सपा, युवाओं को इसे आगे लेकर जाना है: मुलायम सिंह यादव

स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम योगी के निवास स्थान गोरखनाथ मंदिर से उनका इलाका महज 3 किलोमीटर दूर है. इसके बावजूद उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है. गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है. इसकी डिजाइन पर सदर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में सवाल भी उठा दिया है, लेकिन फिर भी नागरिकों को राहत नहीं मिल रही और न ही कार्ययोजना में कोई सुधार हो रहा है.

गोरखपुर: शहर के असुरन चौराहे से होते हुए मेडिकल कॉलेज के रास्ते महाराजगंज तक जाने वाली फोरलेन सड़क के निर्माण में प्रशासन ने जमकर मनमानी की है. सड़क के चौड़ीकरण और नाला निर्माण के लिए जिन लोगों की जमीन और मकान का अधिग्रहण किया गया, उनमें सैकड़ों लोग ऐसे हैं, जिन्हें बिना मुआवजा दिए ही उनको निजी स्थान से बेदखल किया गया. साथ ही उनके मकान को भी तोड़ दिया गया. मुआवजे की मांग करने वाले लोग अभी भी खाली हाथ हैं.

बिना मुआवजा दिए तोड़े गए मकान.


असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है. मार्च 2020 तक इसके निर्माण का अंतिम समय तय किया गया है. काम भी तेजी से चल रहा है, लेकिन सड़क निर्माण में जिनकी जमीन गई, जिनके मकान का हिस्सा तोड़ा गया, उसमें से तमाम लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है. प्रोजेक्ट अगले 2 महीने में पूरा हो जाएगा. करीब 70 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में बकाया है. यह खुद जिलाधिकारी गोरखपुर का कहना है.

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जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन ने बताया कि अनुमानित 70 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. इसके जल्द पास होने की उम्मीद है, जिसको बकायदारों में मार्च 2020 से पहले बांट दिया जाएगा. वहीं गोरखपुर सदर के भाजपा विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा कि वह इस मामले को सीएम योगी के संज्ञान में ला चुके हैं. उनके विधायक रहते किसी का मुआवजा बाकी नहीं रहने पाएगा.

इस सड़क के दोनों तरफ बनाए जा रहे नाले ने लोगों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है. नाले की डिजाइन पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों की सोच और समझ पर सवाल खड़ा करती है. वहीं इसकी ऊंचाई ने इसके दोनों तरफ बसी कॉलोनियों की जल निकासी व्यवस्था को पूरी तरह बाधित कर दिया है. बारिश होने पर पानी कॉलोनियों में रुक रहा है. लोगों का अपने घरों में आना-जाना मुश्किल हो रहा है, लोग बेहद परेशान हैं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम योगी के निवास स्थान गोरखनाथ मंदिर से उनका इलाका महज 3 किलोमीटर दूर है. इसके बावजूद उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है. गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है. इसकी डिजाइन पर सदर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में सवाल भी उठा दिया है, लेकिन फिर भी नागरिकों को राहत नहीं मिल रही और न ही कार्ययोजना में कोई सुधार हो रहा है.

Intro:Exclusiv/स्पेशल खबर

गोरखपुर। विकास को गति देने में सत्ता की हनक किस तरह काम करती है इसका उदाहरण देखना हो तो सीएम सिटी गोरखपुर चले आइए। गोरखपुर के असुरन चौराहे से होते हुए मेडिकल कॉलेज के रास्ते महाराजगंज तक जाने वाली फोरलेन सड़क के निर्माण में प्रशासन ने जमकर मनमानी की है। सड़क के चौड़ीकरण और नाला निर्माण के लिए जिन लोगों की जमीन और मकान का अधिग्रहण किया गया उनमें सैकड़ों लोग ऐसे हैं जिन्हें बिना मुआवजा दिए ही उनको निजी स्थान से बेदखल किया गया और उनके मकान को भी तोड़ दिया गया। मुआवजे की मांग करने वाले लोग अभी भी खाली हाथ हैं तो बेतरतीब हो रहा निर्माण भी लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।

नोट--रेडी टू फ्लैश कम्प्लीट पैकेज... voice ओवर अटैच है।


Body:असुरन चौक से मेडिकल कॉलेज रोड को फोरलेन बनाया जा रहा है। मार्च 2020 इसके निर्माण का अंतिम समय तय किया गया है। काम भी तेजी से चल रहा है। लेकिन सड़क निर्माण में जिनकी जमीन गई। जिनके मकान का हिस्सा तोड़ा गया उसमें से तमाम लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। जबकि प्रोजेक्ट भी अगले 2 महीने में पूर्ण हो जाएगा। करीब 70 करोड रूपए मुआवजे के रूप में बकाया है। यह खुद जिलाधिकारी गोरखपुर का कहना है। ईटीवी भारत के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अनुमानित 70 करोड़ के बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। जिसके जल्द पास होने की उम्मीद है। जिसको बकायदारों में मार्च 2020 से पहले बांट दिया जाएगा। वहीं गोरखपुर सदर के भाजपा विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने भूमि अधिग्रहण कानून का हवाला देते हुए कहा कि वह इस मामले को सीएम योगी के संज्ञान में ला चुके हैं। उनके विधायक रहते किसी का मुआवजा बाकी नहीं रहने पायेगा। पीड़ित लोगों ने सीएम योगी से गुहार की है।

बाइट--योगेश कुमार,पीड़ित(ब्लू जैकेट, पैकेज में क्रम नंबर एक)
बाइट-रमेश शर्मा, पीड़ित (हाफ स्वेटर)
बाइट-के विजेंद्र पांडियन, डीएम, गोरखपुर


Conclusion:इस सड़क के दोनों तरफ बनाए जा रहे नाले ने लोगों के लिए और मुसीबत खड़ी कर दी है। नाले की डिजाइन पीडब्ल्यूडी विभाग के इंजीनियरों की सोच और समझ पर सवाल खड़ा करती है तो इसकी ऊंचाई ने इसके दोनों तरफ बसी कॉलोनियों की जल निकासी व्यवस्था को पूरी तरह बाधित कर दिया है। बारिश होती है तो पानी कॉलोनियों में रुक रहा है। लोगों का अपने घरों में आना-जाना मुश्किल हो रहा है। लोग बेहद परेशान हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीएम योगी के निवास स्थान गोरखनाथ मंदिर से उनका इलाका महज 3 किलोमीटर दूर है। लेकिन उनकी समस्याओं का निदान नहीं हो रहा है। गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा है। इसकी डिजाइन पर सदर विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने विधानसभा में सवाल भी उठा दिया है फिर भी नागरिकों को राहत नहीं मिल रही और ना ही कार्ययोजना में कोई सुधार हो रहा है।

बाइट--अरशद आलम, पीड़ित
बाइट--रमेश कुमार, स्थानीय

क्लोजिंग पीटीसी....
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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Last Updated : Jan 18, 2020, 10:53 PM IST
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