गोरखपुर: प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती. यह साबित कर दिखाया है गोरखपुर में कक्षा 11वीं में पढ़ने वाले एक छात्र ने. जीव विज्ञान से एबीसी पब्लिक स्कूल में कक्षा ग्यारहवीं की पढ़ाई कर रहे मनीष पटेल नाम के इस छात्र ने हार्टबीट नापने वाली स्टेथोस्कोप मशीन को बनाया है, जिसे आम बोलचाल में 'आला' के नाम से जाना जाता है. यह हर चिकित्सक के गले में पड़ा दिखाई देता है.
मनीष के जीव विज्ञान के शिक्षक संजीव भट्टाचार्य कहते हैं कि मनीष ने जो आला बनाया है, वह ठीक उसी तरह से कार्य करता है जैसे बाजार में मिलने वाला आला जो डॉक्टरों के द्वारा प्रयोग में आता है. उन्हें अपने शिष्य के वैज्ञानिक सोच पर पूरा भरोसा है और वह उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में मनीष कुछ और भी नए प्रयोगों को इजाद करेगा.
किन सामग्रियों का हुआ है उपयोग
मनीष ने इस आला को बनाने में जिन सामग्रियों का उपयोग किया है, उसमें फ्लैक्सिबल प्लास्टिक की पाइप, टेप, एक बड़े बोतल का ढक्कन, बैलून और पेन का कैप शामिल है. इस पर अधिकतम 30 से 35 रुपया खर्च आया है.
मनीष मूलत: देवरिया जनपद के रहने वाले हैं. उनके पिता खेती-किसानी से जुड़े हुए हैं. वह शहर में एक ग्रुप हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहा है, लेकिन जिस तरह से वह वैज्ञानिक सोच से लबरेज है और अपनी सोच को जमीन पर उतार रहा है, वह बेहद ही तारीफ के काबिल है. उसके उत्साह और काबिलियत से उम्मीद की जा रही है कि वह बहुत जल्द कुछ अन्य प्रयोगों से लोगों को रूबरू कराएगा. इसके पीछे उसके पहले ही सोच और तैयार किए गए मॉडल को मिली प्रमाणिकता और सराहना अहम भूमिका निभा रही है.
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