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गोरखपुर को बाढ़ से बचाने के लिए किया जा रहे ये काम, ऐसे सुरक्षित होगा शहर

राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर को बचाने की तैयारी शुरू हो गई है. चलिए जानते हैं इसके बारे में.

Maloni dam protection
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Published : May 6, 2023, 5:01 PM IST

Updated : May 6, 2023, 5:14 PM IST

1998 मलौनी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचाई थी

गोरखपुरः बाढ़ के समय जिले को बचाने के लिए तैयारियां तेज दिखने लगी हैं. राप्ती नदी के बायें तट पर मलौनी बांध सुरक्षा का कार्य प्रारंभ हो गया है. इसके लिए 6,50,40,000 रुपये खर्च होंगे. जिले में बाढ़ के लिहाज से यह बांध बेहद संवेदनशील है. वर्ष 1998-99 इसी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. वहीं, साल 2022 में भी 120 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं.

गौरतलब है कि राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब 70 मीटर ऊपर तक बहती रही है. हालांकि, इस बंधे को चौड़ीकरण के साथ योगी सरकार में मजबूती देने के लिए पिचिंग का कार्य भी हुआ है. यही वजह है कि इसके नोज पिन (नदी की मुड़ती धारा की दिशा) को ठीक रखा जाता है, जिससे कटान न होने पाये. गण्डक बाढ़ मण्डल गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बंधे पर चल रहे निर्माण का निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. इस कार्य के पूर्ण होने से राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर और एयरपोर्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.

अधीक्षण अभियंता ने बताया है कि परियोजना के अंतर्गत ड्राई स्टोन बोल्डर पिचिंग के साथ, जीआई वॉयर क्रेट में बोल्डर भरकर लॉचिंग एप्रन बनाया जा रहा है. यहां कटर निर्माण कार्य डाउन स्ट्रीम में किया जाएगा. 31 मई 2023 तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश भी शासन से मिला है. इसके आधार पर कार्य में तेजी बरती जा रही है. अगर कोई समस्या नहीं आई तो निर्धारित तिथि तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

वहीं, प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी बाढ़ पूर्व ऐसी सभी तैयारियों को समय के साथ पूरा करने का निर्देश दिया है. वह हमेशा बाढ़ से बचाव को लेकर की जाने वाली तैयारियों की निगरानी करते रहते हैं. फिलहाल लहसड़ी में मलौनी तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा का 40 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है. लहसड़ी रिंग तटबंध के 0.400 किलोमीटर से 0.500 किलोमीटर और 0.800 से 1.010 किलोमीटर के मध्य बाढ़ सुरक्षा के कार्य किए जा रहे हैं. इससे राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर और एयरपोर्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.

फिलहाल लॉचिंग एप्रन के नीचे का प्लेटफार्म एचडीपीई बैग में मिट्टी भरकर और सिलाई कर नायलॉन क्रेन में डालकर प्लेटफार्म निर्माण का कार्य किया जा चुका है. कार्य स्थल पर 2500 घन मीटर से अधिक बोल्डर की आपूर्ति की जा चुकी है. अधिकारियों ने 31 मई तक हर हाल में कार्य पूर्ण कर लेने की बात कही है. अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बताया है कि निर्धारित तिथि तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. कार्य में लापरवाही एवं गुणवत्ता से समझौता स्वीकार नहीं होगा.

ये भी पढ़ेंः जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह बोले- भाजपा के हर महापौर प्रत्याशी की होगी प्रचंड जीत

1998 मलौनी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचाई थी

गोरखपुरः बाढ़ के समय जिले को बचाने के लिए तैयारियां तेज दिखने लगी हैं. राप्ती नदी के बायें तट पर मलौनी बांध सुरक्षा का कार्य प्रारंभ हो गया है. इसके लिए 6,50,40,000 रुपये खर्च होंगे. जिले में बाढ़ के लिहाज से यह बांध बेहद संवेदनशील है. वर्ष 1998-99 इसी बांध के टूटने से क्षेत्र में बाढ़ ने तबाही मचा दी थी. वहीं, साल 2022 में भी 120 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं.

गौरतलब है कि राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब 70 मीटर ऊपर तक बहती रही है. हालांकि, इस बंधे को चौड़ीकरण के साथ योगी सरकार में मजबूती देने के लिए पिचिंग का कार्य भी हुआ है. यही वजह है कि इसके नोज पिन (नदी की मुड़ती धारा की दिशा) को ठीक रखा जाता है, जिससे कटान न होने पाये. गण्डक बाढ़ मण्डल गोरखपुर के अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बंधे पर चल रहे निर्माण का निरीक्षण कर जल्द से जल्द कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है. इस कार्य के पूर्ण होने से राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर और एयरपोर्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.

अधीक्षण अभियंता ने बताया है कि परियोजना के अंतर्गत ड्राई स्टोन बोल्डर पिचिंग के साथ, जीआई वॉयर क्रेट में बोल्डर भरकर लॉचिंग एप्रन बनाया जा रहा है. यहां कटर निर्माण कार्य डाउन स्ट्रीम में किया जाएगा. 31 मई 2023 तक कार्य पूर्ण करने का निर्देश भी शासन से मिला है. इसके आधार पर कार्य में तेजी बरती जा रही है. अगर कोई समस्या नहीं आई तो निर्धारित तिथि तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा.

वहीं, प्रदेश के सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी बाढ़ पूर्व ऐसी सभी तैयारियों को समय के साथ पूरा करने का निर्देश दिया है. वह हमेशा बाढ़ से बचाव को लेकर की जाने वाली तैयारियों की निगरानी करते रहते हैं. फिलहाल लहसड़ी में मलौनी तटबंध पर बाढ़ सुरक्षा का 40 फीसदी से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है. लहसड़ी रिंग तटबंध के 0.400 किलोमीटर से 0.500 किलोमीटर और 0.800 से 1.010 किलोमीटर के मध्य बाढ़ सुरक्षा के कार्य किए जा रहे हैं. इससे राप्ती की बाढ़ से गोरखपुर शहर और एयरपोर्ट को सुरक्षित रखा जा सकेगा.

फिलहाल लॉचिंग एप्रन के नीचे का प्लेटफार्म एचडीपीई बैग में मिट्टी भरकर और सिलाई कर नायलॉन क्रेन में डालकर प्लेटफार्म निर्माण का कार्य किया जा चुका है. कार्य स्थल पर 2500 घन मीटर से अधिक बोल्डर की आपूर्ति की जा चुकी है. अधिकारियों ने 31 मई तक हर हाल में कार्य पूर्ण कर लेने की बात कही है. अधीक्षण अभियंता दिनेश सिंह ने बताया है कि निर्धारित तिथि तक गुणवत्तापूर्ण ढंग से निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. कार्य में लापरवाही एवं गुणवत्ता से समझौता स्वीकार नहीं होगा.

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Last Updated : May 6, 2023, 5:14 PM IST
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