गोरखपुरः योगी सरकार में हिस्ट्रीशीटर और माफियाओं की शामत आ गई है. विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अपराधी या तो अदालत में आत्मसमर्पण कर रहे हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग जा रहे हैं. यूपी पुलिस ने हर जिले में टॉप टेन बदमाशों की सूची जारी की है. इसी कड़ी में जिले के टॉप-10 बदमाशों में शामिल विनोद उपाध्याय को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है. विनोद बसपा के टिकट पर साल 2007 में विधानसभा चुनाव लड़ चुका है, जिस पर हत्या, हत्या का प्रयास और लूट जैसे मामले दर्ज हैं. विनोद के ऊपर गोरखपुर पुलिस ने 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था.
जिले के टॉप टेन बदमाशों की सूची में शामिल माफिया विनोद उपाध्याय को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शातिर माफिया विनोद उपाध्याय गोरखनाथ इलाके के धर्मशाला का रहने वाला है, जिसके ऊपर 20 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. वह शाहपुर इलाके में एक ठेकेदार के घर पर फायरिंग करने के मामले में वांछित चल रहा था.
वहीं कोतवाली थाना क्षेत्र के पुर्दिलपुर निवासी एक कंपनी के एमडी ने 11 जून को विनोद के खिलाफ कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी. उसने बताया था कि जौनपुर के रहने वाले ठेकेदार द्वारा बकाया रुपये मांगे जाने पर उसने विनोद उपाध्याय को फोन मिलाकर दे दिया था. विनोद बिना रुपये लिए सामान देने का दबाव बनाने लगा. बात नहीं मानने पर उसने जान से मारने की धमकी भी दी. रंगदारी मांगने का केस दर्ज कर कोतवाली पुलिस भी विनोद की तलाश कर रही थी. पुलिस के मुताबिक गोरखनाथ थाने के हिस्ट्रीशीटर विनोद पर 25 मुकदमे दर्ज हैं, उसने साल 2007 में शहर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव भी लड़ा था, जहां उसे हार का सामना करना पड़ा था और उसे 5,300 वोट मिले थे.
कोतवाली सर्किल के सर्किल ऑफिसर बीपी सिंह ने बताया विनोद उपाध्याय को कोतवाली इलाके के धारा 384 आईपीसी के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में न्यायालय की ओर से गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि विनोद को न्यायालय में पेश किया गया है, जहां से उसे जेल भेजा जाएगा.